Friday, May 10, 2013

टीजीटी-पीजीटी में ओएमआर की होगी कोडिंग

टीजीटी-पीजीटी में ओएमआर की होगी कोडिंग
•चयन बोर्ड परीक्षार्थियों के ओएमआर की पहचान होगी गुप्त
इलाहाबाद। अपनी साख बचाने के लिए चिंतित उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अधिकारी टीजीटी-पीजीटी भर्ती की आगामी लिखित परीक्षा में उत्तर पुस्तिकाओं (ओएमआर) की कोडिंग करेगा। नई व्यवस्था चयन बोर्ड की ओर से होने वाली लिखित परीक्षा को पारदर्शी बनाने के लिए लागू की जा रही है।
प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए गठित माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड पर समय-समय पर भ्रष्टाचार एवं पक्षपात के आरोप लगते रहे हैं। साक्षात्कार से लेकर लिखित परीक्षा में भी अपनों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगने के बाद चयन बोर्ड की ओर से अब परीक्षा के बाद परीक्षार्थियों की ओर से जमा होने वाली उत्तर पुस्तिका (ओएमआर) की पहचान गुप्त रखी जाएगी। चयन बोर्ड के अध्यक्ष, सदस्य एवं अधिकारी भी अब चाहकर भी किसी भी परीक्षार्थी की उत्तर पुस्तिका के बारे में जानकारी नहीं कर पाएंगे। इसके लिए अब बोर्ड की ओर से ओएमआर की कोडिंग कराई जाएगी।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से पूर्व में अपने चहेतों को लिखित परीक्षा में फेल होने के बाद साक्षात्कार में शामिल करने का मामला सामने आने के बाद रिजल्ट में बड़े पैमाने पर संशोधन किया गया था। इस फर्जीवाड़े के बाद अब चयन बोर्ड की ओर से लिखित परीक्षा के ओएमआर की कोडिंग एवं परीक्षा के बाद उत्तर जारी करने के साथ गलत प्रश्नों को लेकर अभ्यर्थियों की शिकायत निपटारे का भी फैसला किया है। चयन बोर्ड की लिखित परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिका (ओएमआर) की कोडिंग कराने के फैसले के बारे में परीक्षार्थियों का कहना है कि नई व्यवस्था लागू होने के बाद परीक्षा में पारदर्शिता आएगी।

लिखित परीक्षा में अच्छे अंक पर चयन पक्का

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की चयन प्रक्रिया में होगा बदलाव
•लिखित परीक्षा के मुकाबले साक्षात्कार का अंकहोगा 10 फीसदी
•अमर उजाला ब्यूरो इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवाचयन बोर्ड की ओर से होने वाले चयन को अब पारदर्शी बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। शासन की ओर से गठितविशेषज्ञों की टीम ने पूर्व में साक्षात्कार के दौरान हेराफेरी के आरोपों को देखते हुए अब लिखित परीक्षा के मुकाबले साक्षात्कार का अंक मात्र 10 फीसदी रखने का निर्णय लिया है। शासन की ओर से बदलाव की इस तैयारी के बाद लिखित परीक्षा में अच्छा करने वाले अभ्यर्थी लाभ में रहेंगे।
शासन की ओर से परीक्षा प्रणाली में बदलाव का प्रस्ताव पूर्व में चयन बोर्ड के अध्यक्ष, सदस्यों एवं अधिकारियों पर लगे आरोप के बादकिया गया है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के परीक्षा पैटर्न और साक्षात्कार तथा लिखित परीक्षा के अंकों में अंतर कम होने के कारण अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में कम अंक होने केबाद भी साक्षात्कार में पूरे अंक हासिल कर चयन पक्का कर लेते थे। शासन को मिल रही लगातार शिकायतों के बाद नए अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ परीक्षा प्रणाली में बदलाव के लिए तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा सचिव ने विशेषज्ञों की समिति गठित कर दी। इस समिति ने अभ्यर्थियों की ओर से साक्षात्कार के दौरान मनमानी की शिकायत को ध्यान में रखकर लिखित परीक्षा के मुकाबले साक्षात्कार का अंक मात्र 10 फीसदी रखने का निर्णय लिया।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के नए अध्यक्ष डॉ. देवकी नंदन भी चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता के साथ कंप्यूटरीकृत व्यवस्थालागू करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। उनका कहना है कि पूरी व्यवस्था सुधारने के बाद ही टीजीटी-पीजीटी केचयन की प्रक्रिया शुरू करेंगे।

Tuesday, May 7, 2013

अनुदेशक भर्ती में धांधली का आरोप, जांच के आदेश

अनुदेशक भर्ती में धांधली का आरोप, जांच के आदेश
रायबरेली, कार्यालय प्रतिनिधि: पिछले दिनों 30 अप्रैल को संविदा पर अनुदेशक पदों की भर्ती के लिए साक्षात्कार लिए गए। इसमें कई अभ्यर्थी मौजूद रहने के बाद भी साक्षात्कार में शामिल नहीं हो पाए। इन्हीं में एक जगता खेड़ा अमावां निवासी उर्मिला पुत्री शीतला दीन ने आरोप लगाते हुए कहा कि निर्धारित तिथि को वह समय से पहले पहुंच गई थी लेकिन उसका साक्षात्कार नहीं लिया गया। डीएम को दिए गए प्रार्थना पत्र में उसने आरोप लगाते हुए कहा कि जांच करवाने पर अधिकारियों ने कहा कि आवेदन पत्र कार्यालय को मिला ही नहीं, जबकि विभाग की वेबसाइट पर उसका नाम अनुसूचित जाति वर्ग में 12 वें स्थान पर और सामान्य वर्ग की सूची में 203 नंबर पर दर्ज है। इसके बाद भी संबंधित अधिकारियों ने उसका साक्षात्कार नहीं लिया। डीएम अमित गुप्ता ने बीएसए ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया से जांच के बाद रिपोर्ट मांगी है। 'मामला हमारे संज्ञान में नहीं है। जानकारी के बाद यदि सत्यता पाई जाएगी तो कार्रवाई की जाएगी।' ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया, बीएसए

23 हजार नहीं तो चलो 7000 ही सही..

23 हजार नहीं तो चलो 7000 ही सही..
Updated on: Mon, 06 May 2013 07:56 PM (IST) निज प्रतिनिधि, फीरोजाबाद : अनुदेशक बनने का मौका था स्नातकों के लिए। किन्हीं कारणों से बीएड नहीं कर पाने वालों में एक उम्मीद जगी भी थी, शायद इस बार मौका हाथ लग जाए, लेकिन इस मौके पर भी हावी हो गए बीएड धारक। टीईटी पास करने वाले भी अनुदेशक बन जाने का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। यही वजह है पहले दौर की काउंसलिंग में पहुंचने का मौका पाने वाले अधिकांश आवेदक उच्च शिक्षित थे।
भले ही अनुदेशक के आवेदन में इन्होने बीए तक की अंकतालिकाएं ही लगाई थी, लेकिन इनके हाथ में बीएड के साथ में टीईटी की अंकतालिका भी हैं। उदाहरण के तौर पर मंजू को ही देखें। बीएड के साथ में टीईटी पास मंजू का टीईटी में भी नंबर आ ही गया था, लेकिन इस दौरान उस पर रोक लग जाने के बाद में अभी तक काउंसलिंग नहीं हो पाई थी। ऐसे में मंजू अनुदेशक की चाह नहीं छोड़ पाई।
मंजू का कहना है जब टेट की भर्ती होगी तो तब देखेंगे। अभी जब यह मौका मिल रहा है तो इसे क्यों छोड़ें।
टीईटी भर्ती होने पर रिक्त होंगे पद
खुद विभाग से जुड़े लोग मानते हैं टीईटी भर्ती होने पर अनुदेशक के भी कई पद रिक्त हो जाएंगे। वजह साफ है शिक्षक बन जाने पर इनकी पगार व अनुदेशक की पगार में तीन गुने का अंतर होगा।
अनुदेशक बनते ही कई पद होंगे रिक्त
अनुदेशक की तैनाती होने के साथ विभिन्न विभागों में पद रिक्त होंगे। वजह साफ है आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के साथ में कई अन्य ने आवेदन किए हैं। वजह साफ है कार्यकत्रियों को मिलने वाली धनराशि अनुदेशक को मिलने वाले मानदेय से काफी कम है।

अपीयरिंग वाले टीईटी में नहीं हो पाएंगे शामिल

अपीयरिंग वाले टीईटी में नहीं हो पाएंगे शामिल
लखनऊ (ब्यूरो)। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में इस बार बीएड अपीयरिंग वाले अभ्यर्थी शामिल नहीं हो पाएंगे। वर्तमान में टीईटी के आवेदन के लिए जारी विज्ञापन में इस शर्त के शामिल होने से बीएड, विशिष्ट बीटीसी और बीटीसी के अपीयरिंग अभ्यर्थियों में असंतोष पैदा हो गया है।
शासन ने टीईटी के लिए जो विज्ञापन जारी किया है, उसमें बीएड, बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी के अध्ययनरत छात्रों को शामिल न होने का प्रावधान है। पिछली टीईटी में ऐसे आवेदकों को भी शामिल होने का मौका मिला था। वर्तमान में बीएड की पढ़ाई कर रहे छात्रों का कहना है कि उनकी पढ़ाई पूरी हो चुकी है लेकिन अभी परीक्षा नहीं हो पाई है। इसी महीने परीक्षा होने की संभावना है। ऐसे में उन्हें टीईटी में शामिल होने का मौका मिलना चाहिए। इसी तरह बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी वाले मौका चाहते हैं। इनका तर्क है कि परीक्षा न होने की वजह से उन्हें वंचित नहीं किया जाना चाहिए। वजह, रिजल्ट आने पर उन्हें अगली टीईटी का इंतजार करना पड़ेगा। बीएड, बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी के अपीयरिंग छात्रों ने बेसिक शिक्षा परिषद के अधिकारियों को ज्ञापन भेजकर शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन करने की अनुमति देने का आग्रह किया था।

सात को जारी होगी अनुदेशकों की दूसरी सूची

सात को जारी होगी अनुदेशकों की दूसरी सूची
संवाद सूत्र, लखनऊ : राजधानी के परिषदीय विद्यालयों में अनुदेशकों के रिक्त पद भरे जाने के लिए दूसरी सूची सात मई को जारी की जाएगी। अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग आठ मई को है। राजधानी में अनुदेशकों के 540 पद थे। बीती 30 अप्रैल को इन 540 पदों पर काउंसिलिंग के लिए इतने ही आवेदकों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन उनमें से केवल 413 पद ही भरे जा सके थे। शेष 127 पदों पर आठ मई को काउंसिलिंग होनी है, जिसके लिए सूची तैयार की जा रही है। इस दौरान पहली काउंसिलिंग में हिस्सा लेने वाले अभ्यर्थियों के अभिलेखों का सत्यापन भी किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक इसमें दस फीसद अभ्यर्थियों की छंटनी हो रही है क्योंकि उनके अभिलेख पद के अनुरूप नहीं हैं। मसलन, कला अनुदेशक के पद पर कई अभ्यर्थियों ने कला विषय की जगह मानविकी विषय की योग्यताओं को दिखाते हुए आवेदन किए हैं। दूसरी सूची में कुल रिक्त पदों के लिए आवेदकों और इसके साथ ही प्रतीक्षारत अभ्यर्थियों के नाम भी होंगे।

लखनऊ. यूपी सरकार 2014 के संसदीय चुनावों की तैयारियों में सपा

लखनऊ. यूपी सरकार 2014 के संसदीय चुनावों की तैयारियों में सपा
लखनऊ. यूपी सरकार 2014 के संसदीय चुनावों की तैयारियों में सपा का परचम लहराने के लिए टीईटी को ट्रम्प कार्ड के रूप में पेश करने की तैयारी में है। सूत्रों की मानें तो बेसिक शिक्षा नियमावली में बदलाव के बहाने यूपी सरकार टीईटी शिक्षकों की भर्ती को 2014 तक खींचना चाहती है। यूपी के करीब साढ़े चार लाख शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पासआउट युवा प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने का सपना संजोए राजधानी लखनऊ में ही दर्जनों बार प्रदर्शन कर चुके हैं। उन्‍होंने नौकरी की आस में लाठियां खाईं और जल सत्‍याग्रह तक किया है। दरअसल बसपा सरकार ने विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करते हुए टीईटी परीक्षा ली, जिसका चयन परिणाम घोषित हुआ। लेकिन बीएसए के बजाय नियुक्ति विज्ञापन बेसिक शिक्षा परिषद की तरफ से जारी किए गए, जिसे चुनौती दी गई। बाद में सपा सरकार ने टीईटी को पात्रता परीक्षा घोषित कर दिया और नियम परिवर्तित किए। सीएम अखिलेश ने सैफई में ऐलान किया था कि शिक्षा में सुधार प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है और इसी क्रम में अगले डेढ़ से दो साल के अंदर दो लाख से ज्‍यादा शिक्षकों की भर्ती यूपी में की जानी है। प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी का कहना है कि हम भर्तियां चाहते है लेकिन कुछ तकनीकी मुद्दे हैं, जिन्हें हल करने की कोशिश की जा रही है।

टीईटी की ‘क्लोन’ साइट

टीईटी की ‘क्लोन’ साइट
जितेंद्र उपाध्याय
चंदौली : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट लिस्ट में गड़बड़ी की जांच अभी चल ही रही है कि एक फर्जी वेबसाइट ने अभ्यर्थियों को उलझन में डाल दिया है। जिन अभ्यर्थियों ने इस साइट पर आवेदन किए, वे अब चालान के जरिये जमा धनराशि को लेकर चिंतित हैं। विभागीय अधिकारी मानते हैं कि मामला उनके संज्ञान में है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
टीईटी परीक्षा के लिए सरकार की अधिकृत तौर पर दो साइट्स हैं- यूपी बेसिक ईडीयू बोर्ड डॉट जीओवी डॉटइन व दूसरी यूपी बेसिक ईडीयू बोर्ड डॉट एनआइसी डॉट इन। दूसरी ओर समानांतर नेट पर एक अन्य साइट भी है यूपीटीईटी 2013 डॉट नेट। जिन अभ्यर्थियों ने अपना आवेदन सरकारी साइटों में से किसी पर किया, उन्हें तत्काल रजिस्ट्रेशन नंबर प्राप्त हो गया। अधिकृत सरकारी साइट की क्लोन पर आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं मिल रहा है। हालांकि इस साइट में भी सभी कालॅम व सूचनाएं सरकारी साइट की तरह ही हैं। सभी कॉलम भरने के बाद फार्म दो या तीन बार में सेव हो रहा है। ट्रेजरी चालान का फार्म का प्रिंट आउट भी अधिकृत साइट की तरह ही निकलता है। फर्जी वेबसाइट के जरिये जमा आवेदन पत्र कहां स्टोर हो रहे हैं, यह जांच का विषय है। बड़ा सवाल यह भी है कि चालान की धनराशि किसके खाते में जा रही है।
बता दें कि वर्ष 2011 में प्रदेश में 72825 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी परीक्षा हुई। मेरिट लिस्ट जारी होने पर उसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई। हाल यह था कि लिस्ट में अफजल गुरु, अखिलेश यादव तक के नाम शामिल थे। अखबारों के जरिये मामला जिम्मेदार लोगों के संज्ञान में आया तो जांच शुरू हुई। अब फर्जी साइट ने अभ्यर्थियों की चिंता और बढ़ा दी है।
जनपद के सैयदराजा क्षेत्र के अभ्यर्थी विनय कुमार ने बताया कि सरकार ने टीईटी के ऑनलाइन आवेदन 15 मई तक मांगे है। ट्रेजरी चालान जमा करने की भी यही अंतिम तिथि है जबकि क्लोन साइट पर अंतिम तिथि 13 मई दर्शायी गई है।