•लिखित परीक्षा के मुकाबले साक्षात्कार का अंकहोगा 10 फीसदी
•अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवाचयन बोर्ड की ओर से होने वाले
चयन को अब पारदर्शी बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। शासन की ओर से
गठितविशेषज्ञों की टीम ने पूर्व में साक्षात्कार के दौरान हेराफेरी के
आरोपों को देखते हुए अब लिखित परीक्षा के मुकाबले साक्षात्कार का अंक मात्र
10 फीसदी रखने का निर्णय लिया है। शासन की ओर से बदलाव की इस तैयारी के
बाद लिखित परीक्षा में अच्छा करने वाले अभ्यर्थी लाभ में रहेंगे।
शासन की ओर से परीक्षा प्रणाली में बदलाव का प्रस्ताव पूर्व में चयन
बोर्ड के अध्यक्ष, सदस्यों एवं अधिकारियों पर लगे आरोप के बादकिया गया है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के परीक्षा पैटर्न और
साक्षात्कार तथा लिखित परीक्षा के अंकों में अंतर कम होने के कारण अभ्यर्थी
लिखित परीक्षा में कम अंक होने केबाद भी साक्षात्कार में पूरे अंक हासिल
कर चयन पक्का कर लेते थे। शासन को मिल रही लगातार शिकायतों के बाद नए
अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ परीक्षा प्रणाली में बदलाव के लिए तत्कालीन
माध्यमिक शिक्षा सचिव ने विशेषज्ञों की समिति गठित कर दी। इस समिति ने
अभ्यर्थियों की ओर से साक्षात्कार के दौरान मनमानी की शिकायत को ध्यान में
रखकर लिखित परीक्षा के मुकाबले साक्षात्कार का अंक मात्र 10 फीसदी रखने का
निर्णय लिया।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के नए अध्यक्ष डॉ. देवकी
नंदन भी चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता के साथ कंप्यूटरीकृत व्यवस्थालागू
करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। उनका कहना है कि पूरी व्यवस्था
सुधारने के बाद ही टीजीटी-पीजीटी केचयन की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
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