लखनऊ. यूपी सरकार 2014 के संसदीय चुनावों की तैयारियों में सपा
लखनऊ. यूपी सरकार 2014 के संसदीय चुनावों की तैयारियों में सपा का परचम
लहराने के लिए टीईटी को ट्रम्प कार्ड के रूप में पेश करने की तैयारी में
है। सूत्रों की मानें तो बेसिक शिक्षा नियमावली में बदलाव के बहाने यूपी
सरकार टीईटी शिक्षकों की भर्ती को 2014 तक खींचना चाहती है।
यूपी के करीब साढ़े चार लाख शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पासआउट युवा
प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने का सपना संजोए राजधानी लखनऊ
में ही दर्जनों बार प्रदर्शन कर चुके हैं। उन्होंने नौकरी की आस में
लाठियां खाईं और जल सत्याग्रह तक किया है। दरअसल बसपा सरकार ने विद्यालयों
में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करते हुए टीईटी परीक्षा ली, जिसका
चयन परिणाम घोषित हुआ। लेकिन बीएसए के बजाय नियुक्ति विज्ञापन बेसिक शिक्षा
परिषद की तरफ से जारी किए गए, जिसे चुनौती दी गई। बाद में सपा सरकार ने
टीईटी को पात्रता परीक्षा घोषित कर दिया और नियम परिवर्तित किए।
सीएम अखिलेश ने सैफई में ऐलान किया था कि शिक्षा में सुधार प्रदेश सरकार की
प्राथमिकता है और इसी क्रम में अगले डेढ़ से दो साल के अंदर दो लाख से
ज्यादा शिक्षकों की भर्ती यूपी में की जानी है। प्रदेश के बेसिक शिक्षा
मंत्री राम गोविंद चौधरी का कहना है कि हम भर्तियां चाहते है लेकिन कुछ
तकनीकी मुद्दे हैं, जिन्हें हल करने की कोशिश की जा रही है।
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