•अनियमितता
की जांच के
कारण टीईटी का
पूरा रिकार्ड यूपी
पुलिस ने किया
था सील
इलाहाबाद
(ब्यूरो)। परिषदीय
विद्यालयों में खाली
72825 शिक्षकों की भर्ती
के लिए न्यायालय
की ओर से
टीईटी की मेरिट
के आधार पर
भर्ती के आदेश
के बाद भी
परेशानी कम होने
की संभावना नहीं
है। 2010-11 में हुई
टीईटी के सभी
रिकार्ड पुलिस ने सील
कर रखे हैं।
बोर्ड के पास
इस समय टीईटी
का कोई रिकार्ड
नहीं है। रिकार्ड
के अभाव में
बेसिक शिक्षा परिषद
और यूपी बोर्ड
को परेशानी हो
सकती है।
2010-2011 में परिषदीय
विद्यालयों में शिक्षकों
के खाली पद
भरने के लिए
यूपी बोर्ड को
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी)
कराने की जिम्मेदारी
दी गई थी।
इस दौरान परीक्षार्थियों
ने बोर्ड के पास
प्रत्यावेदन दिया कि
मूल्यांकन सही नहीं
हुआ है। बोर्ड
ने टीईटी के
प्रमाण पत्रों का चार
बार संशोधन किया।
प्रमाण पत्रों में हेराफेरी
सहित अन्य आरोपों
के चलते पूर्व
निदेशक की गिरफ्तारी
के साथ बोर्ड
के अन्य अधिकारी
जांच की जद
में आए थे।
जांच के कारण
टीईटी के सभी
रिकार्ड यूपी पुलिस
के पास सील
हैं।
शिक्षक
भर्ती के लिए
आवेदन करने वाले
अभ्यर्थियों ने टीईटी
के अंकों का
विवरण ही भरा
है। इन अंकों
के सत्यापन के
लिए बोर्ड और
बेसिक शिक्षा परिषद
के पास टीईटी
का रिकार्ड होना
चाहिए।
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