बरेली : विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में शिक्षक बनने की राह देख रहे युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने अभ्यर्थियों के स्नातक परीक्षा में न्यूनतम 50 फीसद अंकों की बाध्यता खत्म कर दी है। अब सिर्फ द्वितीय श्रेणी में स्नातक करने वालों को भी शिक्षक बनने का मौका मिलेगा। इस आशय का आदेश सभी विश्वविद्यालयों में भेज दिया है। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय को यह आदेश बुधवार को मिल गया, जिसे तुरंत ही प्रभावी कर दिया गया। इससे पूर्व 50 फीसद अंकों के साथ स्नातक करने वालों को ही शिक्षक बनने का मौका दिया जाता था। उससे कम अंक पाने वाले द्वितीय श्रेणी के अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पाते थे
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