Thursday, August 22, 2013

एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में खत्म होगा पीजी का वेटेज

LT Grade Teacher Uttar Pradesh :
PG Weightage is Not Bad, But If Weightage is given in concerned subject in which candidate did PG (Post Graduation) and is selection happens to particular subject teacher. 

Suppose Selection is for Maths teacher, then weightage of M.A.M.Sc (Maths) is a good step.

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एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में खत्म होगा पीजी का वेटेज

 लखनऊ : राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में एलटी ग्रेड शिक्षकों के चयन में परास्नातक को वेटेज देने की व्यवस्था खत्म होगी। इसके लिए नियमावली में संशोधन कराया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इस बारे में शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। प्रस्ताव को लेकर शासन स्तर पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। जल्दी ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूर कराया जाएगा।

राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती के लिए वर्ष 1992 में नियमावली अधिसूचित की गई थी।
नियमावली के मुताबिक राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य शैक्षिक योग्यता स्नातक है। नियमावली में यह भी प्रावधान है कि यदि कोई अभ्यर्थी स्नातक के साथ परास्नातक है तो उसे अंकों का वेटेज दिया जाएगा। यदि अभ्यर्थी ने परास्नातक प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किया है तो उसे 25 अतिरिक्त अंक दिये जाने की व्यवस्था है। वहीं द्वितीय और तृतीय श्रेणी से परास्नातक उत्तीर्ण करने पर क्रमश: 15 व 10 अतिरिक्त अंक देने का प्रावधान है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत जूनियर हाईस्कूलों से उच्चीकृत किये गए राजकीय हाईस्कूलों में जब शिक्षकों की भर्ती शुरू हुई तो परास्नातक को वेटेज दिये जाने के प्रावधान को लेकर कुछ अभ्यर्थी कोर्ट चले गए। 1अभ्यर्थियों का तर्क था कि यदि भौतिकी विषय के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी ने स्नातक स्तर पर बीएससी करने के बाद अंग्रेजी में परास्नातक किया हो तो उसे वेटेज देने का क्या औचित्य है। इस पर अदालत ने शिक्षकों की भर्ती पर रोक लगा दी थी। इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए शासन ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से प्रस्ताव मांगा है। सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने बताया कि इस बारे में निदेशालय से प्रस्ताव प्राप्त हो गया है। प्रस्ताव में परास्नातक को वेटेज का प्रावधान समाप्त करने की सिफारिश की गई है। उन्होंने कहा कि शासन इससे सैद्धांतिक तौर पर सहमत है। प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी दिलायी जाएगी।जागरण ब्यूरो, लखनऊ : राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में एलटी ग्रेड शिक्षकों के चयन में परास्नातक को वेटेज देने की व्यवस्था खत्म होगी। इसके लिए नियमावली में संशोधन कराया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इस बारे में शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। प्रस्ताव को लेकर शासन स्तर पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। जल्दी ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूर कराया जाएगा। 1राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती के लिए वर्ष 1992 में नियमावली अधिसूचित की गई थी। नियमावली के मुताबिक राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य शैक्षिक योग्यता स्नातक है। नियमावली में यह भी प्रावधान है कि यदि कोई अभ्यर्थी स्नातक के साथ परास्नातक है तो उसे अंकों का वेटेज दिया जाएगा। यदि अभ्यर्थी ने परास्नातक प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किया है तो उसे 25 अतिरिक्त अंक दिये जाने की व्यवस्था है। वहीं द्वितीय और तृतीय श्रेणी से परास्नातक उत्तीर्ण करने पर क्रमश: 15 व 10 अतिरिक्त अंक देने का प्रावधान है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत जूनियर हाईस्कूलों से उच्चीकृत किये गए राजकीय हाईस्कूलों में जब शिक्षकों की भर्ती शुरू हुई तो परास्नातक को वेटेज दिये जाने के प्रावधान को लेकर कुछ अभ्यर्थी कोर्ट चले गए। 
अभ्यर्थियों का तर्क था कि यदि भौतिकी विषय के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी ने स्नातक स्तर पर बीएससी करने के बाद अंग्रेजी में परास्नातक किया हो तो उसे वेटेज देने का क्या औचित्य है। इस पर अदालत ने शिक्षकों की भर्ती पर रोक लगा दी थीइस गतिरोध को समाप्त करने के लिए शासन ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से प्रस्ताव मांगा है। सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने बताया कि इस बारे में निदेशालय से प्रस्ताव प्राप्त हो गया है। प्रस्ताव में परास्नातक को वेटेज का प्रावधान समाप्त करने की सिफारिश की गई है। उन्होंने कहा कि शासन इससे सैद्धांतिक तौर पर सहमत है। प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी दिलायी जाएगी



News Sabhaar : Jagran (21.8.13)
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In LT Grade Teacher Weightage of teacher is given as following -
PG 1st Div - 15 Marks
PG 2nd Div - 10 Marks
PG 3rd Div - 5 Marks

Earlier LT Grade Female Teacher selection happens also using  weightage of Post Gradutae marks,
But many candidate taken wrong benefit as per following -
For Science teacher , weighatge of P.G in M.A/ any subject was given which is not concerned with science subject.

So many rounds of Counslling happens but as per some sources , its recruitment process was not yet completed.
Problem is - There was no centralized recruitment process in UP, and candidate applied in hardcopy application format separately Mandalwise, And many candidate applied in 10-15 mandals and therefore counslling happens again and again.
There was no ONLINE SYSTEM, And therefore candidates was unable to know Cut-off marks of each mandal with an ease.



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बीए में गणित लेने वाले भी कर सकेंगे आवेदन

UPTET 2011 2013 / 29334 Junior School Teacher Selection :


लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित जूनियर हाईस्कूलों में विज्ञान और गणित विषय के शिक्षकों की भर्ती में गणित विषय के साथ बीए करने वाले भी आवेदन कर सकेंगे। इस बारे में बेसिक शिक्षा विभाग जल्द ही संशोधित शासनादेश जारी करने जा रहा है। परिषदीय जूनियर हाईस्कूलों में विज्ञान और गणित विषयों के शिक्षकों के 29,334 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए अभ्यर्थी 29 अगस्त से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। इन पदों पर होने वाली भर्ती के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने जो शासनादेश जारी किया है, उसमें अभ्यर्थियों के लिए स्नातक स्तर पर बीएससी की डिग्री अनिवार्य कर दी गई है। जबकि नियमावली में विज्ञान और गणित विषय से स्नातक की योग्यता का प्रावधान है। शासनादेश में हुई इस चूक की वजह से जिन अभ्यर्थियों ने स्नातक स्तर पर गणित विषय के साथ बीए किया है, वह इस भर्ती के लिए आवेदन करने से वंचित रह जा रहे थे। उस त्रुटि की ओर शासन का ध्यान आकर्षित कराये जाने पर बेसिक शिक्षा विभाग अब संशोधित शासनादेश जारी करने जा रहा है। संशोधित शासनादेश में नियमावली के अनुसार अभ्यर्थियों के लिए विज्ञान या गणित विषय से स्नातक की शैक्षिक योग्यता रखी जाएगी। इससे गणित विषय के साथ बीए करने वाले अभ्यर्थी भी आवेदन कर सकेंगे


News Sabhaar : Jagran (21.8.13)



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माध्यमिक विद्यालयों में समूह ‘ग’ की भर्तियां जल्द


इलाहाबाद : प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में समूह ‘ग’ की भर्तियों पर लगा प्रतिबंध जल्द ही हट सकता है। शासन स्तर पर इसके लिए कवायद शुरू हो गई है। इसके साथ ही समूह ‘घ’ की भर्तियों का दरवाजा भी खोला जा सकता है। विद्यालयों में शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की कमी को देखते हुए इसकी मांग काफी पहले से की जा रही थी।
प्रदेश में लगभग साढ़े चार हजार अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय हैं। निदेशालय ने इनमें रिक्त पदों का विवरण एकत्रित कराना शुरू कर दिया है। शिक्षा निदेशक वासुदेव यादव ने दो दिन पहले सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र भेजकर इसके निर्देश दिए हैं। इसके लिए उन्होंने प्रोफार्मा भी भेजा है। पत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि विवरण एकत्रित कर शासन को प्रतिबंध खत्म करने के बाबत प्रस्ताव भेजा जाएगा।
  
उल्लेखनीय है कि माध्यमिक विद्यालयों में समूह ‘ग’ की भर्ती पर कार्मिक विभाग ने 2008 से ही प्रतिबंध लगा रखा है। सपा सरकार आने के बाद से यह सुगबुगाहट चल रही थी कि यह प्रतिबंध हटाया जा सकता है। चर्चा है कि सरकार समूग ‘घ’ की नियुक्तयों के लिए भी कदम उठा सकती है, हालांकि इसके लिए अभी औपचारिक कार्यवाही नहीं शुरू हुई है।



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UPTET : Upper Primary Teacher Recruitment Debate


आज कल बहुत से लोग भ्रामक बातें कर रहे हैं कि बी टी सी कोर्स प्राइमरी लेवल की जॉब के लिए होता है और
अपर प्राइमरी लेवल के लिए बी टी सी वाले कैसे एप्लाई कर सकते हैं ।

में उनको एन सी टी ई गाइड लाइन के बारे में बताना चाहती हूँ उसमें साफ़ साफ़ उल्लेख किया गया है की -

कक्षा ६ से ८ की पात्रता के लिए जो टी ई टी परीक्षा निर्धारित है -
स्नातक और प्रारंभिक शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा (चाहे जिस नाम से जाना जाता हो )


ध्यान दीजिए - स्नातक और प्रारंभिक शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा (चाहे जिस नाम से जाना जाता हो )

इसलिये बी टी सी धारी को उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग के अपर प्राइमरी टीचर में एप्लाई करने की पात्रता मिली है बशर्ते वे सम्बंधित विषय में स्नातक हों

दूसरी जो बात चर्चा में चल रही है कि बी ए मैथ्स वालों ने तो टी ई टी आर्ट्स (अपर प्राइमरी ) वाली परीक्षा क्वालीफाई की होगी तो वे आर्ट्स केटेगरी में है या  फिर उन्होंने बी एड आर्ट्स वाला किया होगा

में आपको बताना चाहती हूँ कि मैथ्स सब्जेक्ट आर्ट्स व साइंस दोनों ही वर्गों में आता है ,
बी .एस सी मैथ्स में अन्य विषय साइंस के होते हैं और साइंस के विषय में प्रेक्टिकल समाहित रहते हैं , इसलिये बी .एस सी मैथ्स रेगुलर कोर्स में किया जाता है
और बी .ए मैथ्स सामान्यता प्राइवेट कोर्से की श्रेणी में आता है , क्यूंकि मैथ्स में प्रेक्टिकल नहीं होते इसलिये बी .ए मैथ्स को घर पर प्राइवेट माध्यम से भी किया जा सकता है

बी .ए मैथ्स को अपर प्राइमरी मेथ्स टीचर  में मोका दे कर नियमतः  सही ही किया गया है , क्योंकि इनका स्नातक में मुख्य विषय मैथ्स है ।

मेरे  ख्याल से शिक्षा विभाग ने स्नातक में मुख्य विषय साइंस / मैथ्स के आधार पर लोगो को एप्लाई करने का मोका दिया है

कल मेरी फेसबुक पर बी टेक धारी से चर्चा हो रही थी , उसमें वे कह रहे थे कि बी टेक  में उन्होंने भी साइंस व मैथ्स की पदाई की है पर उत्त्तर प्रदेश शिक्षा विभाग ने एप्लाई करने के लिए बी टेक वालों का उल्लेख नहीं किया है

मेरा सिर्फ उनको यह प्रश्न था कि बी .टेक कोर्स के दोरान शुरुआती वर्षों में वे सिविल , मेकेनिकल ,इलेक्ट्रिकल , कंप्यूटर , इकोनोमिक्स ,साइंस , मैथ्स इत्यादि बहुत से विषय पढते हैं लेकिन बी टेक की डिग्री उनको अपनी मुख्य स्ट्रीम में मिलती है और वे किसी एक
इंजीनियरिंग  विषय से इंजिनियर बन कर निकलते हैं ।
वे सभी विषयों से नोकरी के आवेदन कहाँ कर सकते हैं

प्राइमरी शिक्षक की नौकरी के लिए स्नातक + शिक्षा शास्त्र में डिग्री / डिप्लोमा  टेट (प्राइमरी )  आदि योग्यता होती है और उसमें
बी बी ए / बी सी ए /बी . टेक + शिक्षा शास्त्र में डिग्री / डिप्लोमा + टेट (प्राइमरी ) आदि के माध्यम से चयनित हो जाते हैं तो प्राइमरी शिक्षक नीति के अनुरूप ही है

प्रोफेशनल कोर्स के साथ एक बात और देखने को आती है की इन कोर्सेस में प्रवेश सामान्य डिग्री से आसान हो गया है और मेनेजमेंट कोलेज इन्टरनल एग्जाम में अपने छात्रों को खूब अच्छे मार्क्स देते हैं और सामान्यता ये 70 फीसदी से ऊपर होते हैं , जबकि वहीं सामान्य डिग्री से यूनिवर्सिटी कोलेज में फर्स्ट डिवीसन  लाना कठिन होता है
सामान्य डिग्री में सिर्फ एक यूनिवर्सिटी लेवल का एग्जाम होता है जबकि प्रोफेशनल डिग्री में 50 प्रतिशत मार्क्स इन्टरनल एग्जाम के होते हैं , परीक्षाओं में खूब ऑप्शन होते हैं कहीं तीन बार इन्टरनल एग्जाम का प्रावधान होता है जिसमें से दो बेस्ट परीक्षा जिसमें अभ्यर्थी अधिक मार्क्स ले आया वे काउंट होते हैं , कहीं 5 में से 3 बेस्ट एग्जाम का प्रावधान होता है

सब्जेक्ट में भी इलेक्टिवस (सामान्यत दो विषय अपनी मर्जी के चुनने की आजादी ) का सिस्टम  होता है जिसमें अभ्यर्थी अपनी मर्जी से विषयों को चुनकर पढाई कर सकता है

इंजीनियरिंग में मार्किंग सिस्टम भी बहुत अच्छा होता है , टोटल परसेंटेज की केलकुलेशन का आधार =
पहले साल का  20% + दुसरे साल का 40% + तीसरे साल का 60%  + चोथे साल का 100%

और चोथा साल प्रेक्टिकल से भरपूर होता है और साथ में मेन सब्जेक्ट होता है ,कुछ जगह अंतिम साल में इंडस्ट्री में ट्रेनिंग के मार्क्स भी होते हैं

ऐसी स्थति में इंजीनियरिंग के अभ्यर्थी सामान्यत फर्स्ट डिवीसन / 70% परसेंट लिए हुए  मिलेंगे ।

प्रोफेशनल कोर्सेस इंडस्ट्रीयों को ध्यान में रख कर बनाये जाते हैं , हालाँकि अभी कुछ समय से मनेजमेंट / इंजीनियरिंग कोलेज अपने अभ्यर्थीयों को समुचित मात्रा में इंडस्ट्री में खपा  नहीं पा रहे हैं , बेरोजगारी अपने चरम पर है और कमोबेश यह स्थिति सभी जगह बन रही है ।

फिर भी हमारा देश कंप्यूटर सेवाओं में अच्छा कार्य कर रहा है और समूचे विश्व को अपनी सेवाएँ दे रहा है ।
आशा है  की हमारे प्रोफेशनल कोर्स धारी विश्व में देश को और आगे ले जायेंगे और प्रदेश सरकार आधारभूत सुविधाओं के साथ प्रोफेशनल कोर्स धारियों के रोजगार को बढाने में मदद करेगी ।

उत्तर प्रदेश के पास हालाँकि सामान निर्यात  के लिए  बंदरगाह नहीं है लेकिन आई टी सेवाओं के निर्यात
के लिए किसी बंदरगाह की आवश्यकता नहीं है और उत्तर प्रदेश के शहर भी बेगलोर , हेदराबाद , पूना , चेन्नई , मुंबई , गुडगाँव ,मोहाली  आदि की तर्ज पर समूचे विश्व को बेहतरीन सेवाएँ दे सकते हैं

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एक तरफ बी . कोम में गणित विषय पड़ने वाले भी गणित विषय के अध्यापक में अपनी पात्रता बता रहे हैं (फेस बुक पर )

दुसरी तरफ एक अभ्यर्थी का कहना है की -
ग्रेजुएशन में जिस किसी डिग्री के साथ साइंस जुड़ा है मसलन - होम साइंस , पोलिटिकल साइंस , मनो  विज्ञानं आदि , वे लोग जूनियर - विज्ञानं शिक्षा के पात्र हो सकते हैं कोर्ट द्वारा 
Facebook se -
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Rajaram Yadav
b a (home science), b a (political science), b a(economics), b a(social science),
b a(manovigyan), ya phir jinke subject me vigyan juda hai ya jinhone ganit ya vigyan likha hua koi bhi ek-do paper graduation me diya hai we jnr ki taiyaari kare,,court unko jaroor jnr ki vacancy me apply karane ka order dega.......
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ऐसे दावे बेहद हास्यास्पद हैं - बी एस सी के साइंस सब्जेक्ट और बी ए पोलिटिकल साइंस जैसे सब्जेक्ट में ग्रेजुएशन स्तर पर जमीन आसमान का अंतर होता है दोनों का कोई मेल नहीं 

हर अभ्यर्थी अपने  हिसाब से प्रक्रिया की व्याख्या  कर रहा है 

We will wait and watch, In What way this recruitment happens.


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Tuesday, August 20, 2013

एनसीटीई ने डायट प्रवक्ताओं की शैक्षिकयोग्यता में परिवर्तन करते हुए 55 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातकोत्तर के अलावा बीएड में भी 55 प्रतिशत अंक अनिवार्य कर दिया।

एनसीटीई ने डायट प्रवक्ताओं की शैक्षिकयोग्यता में परिवर्तन करते हुए 55 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातकोत्तर के अलावा बीएड में भी 55 प्रतिशत अंक अनिवार्य कर दिया।
वहीं डायट प्रवक्ताओं का ग्रेड 4200 से बढ़ाकर 4800रुपये कर दिया गया। इन बदलावों को समाहित करते हुए बेसिक शिक्षाविभाग ने उप्र शिक्षक शिक्षा (प्रवक्ता संवर्ग) सेवा (प्रथम संशोधन) नियमावली, 2013 का प्रारूप तैयार किया है जिसे लोक सेवा आयोग ने स्वीकृति दे दी है। नियमावली के प्रारूप को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद डायट प्रवक्ताओं की भर्ती शुरू हो सकेगी

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UPTET Urdu Teacher Recruitment : Apply Online from Today



UPTET Urdu Teacher  Recruitment : Apply Online from Today

Village Development Officer Recruitment Process will Start from 20 October 2013
Sub Inspector Recruitment Process - Running Requirement : Run 4.8 Km within 35 Minutes
News Sabhaar : Hindustan Paper (20.8.13)



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UP Cleaner /Sweeper Recruitment Man Cancel सफाईकर्मियों की भर्ती होगी निरस्त!



 UP Cleaner /Sweeper Recruitment Man Cancel  सफाईकर्मियों की भर्ती होगी निरस्त!

Recruitment started during BSP Govt in UP, and now it may going to cancel


•चयन में शासनादेश के उल्लंघन से बढ़े आसार
•तीन माह पूर्व हुए 25 पदों के लिए इंटरव्यू



सुल्तानपुर। पंचायतराज विभाग में निशक्त सफाई कर्मियों के 25 पदों पर हुए साक्षात्कार के निरस्त होने के आसार हैं। करीब तीन माह पूर्व हुए इंटरव्यू
के बाद भर्ती प्रक्रिया में कई शिकायतें डीएम को मिली थीं। चयन में गाइडलाइन की अनदेखी की भी बात सामने आई है। हालांकि अंतिम निर्णय डीएम को लेना है

पंचायतराज विभाग में निशक्त सफाई कर्मियों के 25 पदों पर भर्ती के लिए हुए साक्षात्कार पर खतरा मंडराने लगा है। भर्ती में कई अनियमितता बरते जाने की शिकायतें डीएम को मिली थीं।
सूत्रों की मानें तो बसपा सरकार के समय निकाले गए विज्ञापन के आधार पर करीब दो वर्ष बाद सपा शासन में पंचायतराज अधिकारी ने भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। भर्ती के लिए सपा शासन में आवेदन नहीं मांगे गए थे। सपा सरकार ने सफाई कर्मियों की भर्ती की उम्र पंाच वर्ष बढ़ा दी गई थी, लेकिन पंचायतराज विभाग में इसका पालन नहीं किया गया। पुराने आवेदन पर शुरू हुई भर्ती की प्रक्रिया में नए आवेदन नहीं लिए जाने से पांच वर्ष अधिक उम्र वाले पात्र आवेदन से वंचित रह गए। इसके अलावा भी कुछ शिकायतें डीएम को मिली थीं। इस पर डीएम ने करीब तीन माह पूर्व हुए साक्षात्कार के परिणाम को रोक दिया है। सफाई कर्मियों की भर्ती के लिए सीडीओ की अध्यक्षता में गठित समिति में एक भी अल्पसंख्यक सदस्य के शामिल नहीं होने से चयन समिति पर ही सवाल उठे हैं। इन गड़बड़ियों को देखते हुए सफाई कर्मियों के 25 पदों की भर्ती के निरस्त होने की आशंका बढ़ गई है। नतीजे रोके जाने की एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने पुष्टि की है।

1800 ने किया था आवेदन
बसपा सरकार के समय पंचायतराज विभाग से निशक्त सफाई कर्मियों के लिए मांगे गए आवेदन में करीब 1800 अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा था। उस दौरान भी अनियमितता की शिकायतों पर इस भर्ती पर रोक लग गई थी। सरकार बदलने पर तत्कालीन डीपीआरओ परवेज आलम ने बसपा सरकार में आए आवेदन के आधार पर अभ्यर्थियों की छंटनी कर 475 को साक्षात्कार के लिए बुला लिया। 10 से 12 मई तक अभ्यर्थियों का टेस्ट व साक्षात्कार हुआ था। इनसेट-
डीएम करेंगी निर्णय
इस संबंध में जिला पंचायतराज अधिकारी हरिकेश बहादुर ने कहा कि परिणाम अभी घोषित नहीं किया गया है। यदि नतीजे रोके नहीं गए होते तो अब तक घोषित हो जाते। निर्णय डीएम के स्तर पर है।


News Sabhaar : अमर उजाला (20.8.13)



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Journalist Eligibility Test should also Start : Manish Tiwari


पत्रकारों के लिए भी हो मानक परीक्षा : सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी

Journalist Eligibility Test should also Start : Manish Tiwari

नई दिल्ली। वकीलों और डॉक्टरों की तरह ही पत्रकारों को भी अब अपने पेशे में उतरने के लिए एक मानक परीक्षा से गुजरना पड़ सकता है। समाचारपत्र और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़ी इंडस्ट्री को पत्रकारों के लिए एक कॉमन परीक्षा आयोजित करने के लिए कहा जा रहा है
प्रेस काउंसिल के अध्यक्ष जस्टिस मार्केेडय काटजू पत्रकारिता के पेशे में आने वालों के लिए एक न्यूनतम योग्यता तय करने की सलाह दे चुके हैं और अब सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने उनके लिए एक प्रवेश परीक्षा शुरू करने का सुझाव दिया है
तिवारी ने कहा कि वकालत और मेडिकल परीक्षाओं की तरह ही न्यूज़ इंडस्ट्री में आने वाले पत्रकारों के लिए एक परीक्षा होनी चाहिए
न्यूज इंडस्ट्री को इस सलाह पर गौर करना चाहिए। उन्होंने कहा, मैं सोचता हूं कि कोई पाठ्यक्रम तय करने और फिर इसका मानकीकरण करने के बजाय मीडिया इंडस्ट्री पत्रकारों की भर्ती के लिए कम से कम एक सामान्य परीक्षा तो ले ही। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को प्रशिक्षित करने के लिए कई अच्छे संस्थान हैं लेकिन मीडिया एजुकेशन के क्षेत्र में रातोंरात कमाई करने वाले लोग भी आ गए हैं। मेरा मानना है कि अलग-अलग पेशे से आने वाले लोग इस तरह की प्रवेश परीक्षा के विचार को नामंजूर नहीं करेंगे


News Sabhaar : Amar Ujala (20.8.,13)




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