Thursday, September 26, 2013

महिलाओं के लिए खुला नौकरियाे का पिटारा




बैंक, शिक्षा, सेना और पुलिस में लड़कियों के लिए खुले ढेरों अवसर

इलाहाबाद। शिक्षा, सेना समेत कई सरकारी विभागों में महिलाओं के लिए करीब एक लाख पद रहे हैं। इनके लिए जल्द ही भर्तियां शुरू होनी हैं। इतना ही नहीं पुलिस विभाग में भी उन्हें ढेरों अवसर मिलने जा रहे हैं। बैंकों में लड़कियों के लिए विशेष भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

महिला बैंकों में भर्ती के तहत प्रोबेशनरी ऑफिसर/मैनेजर ट्रेनी के 115 पदों के लिए 30 सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। इसके तुरंत बाद क्लर्क ग्रेड में डेढ़ हजार से अधिक पदों के लिए भर्तियां होंगी। बैंकों में विशेषज्ञ महिला अफसरों की भी भर्ती होगी। बैंकों की सामान्य भर्ती में भी 12 हजार पद घोषित हुए हैं, जिनमें केवल लड़कियों के लिए 3800 पद हैं।

सीमा सुरक्षा बल की महिला बटालियन के लिए सभी पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स और सेंट्रल इंडस्ट्रीयल फोर्स में भी हजारों पदों पर भर्ती होनी है। उत्तर प्रदेश पुलिस में भी सिपाही के तकरीबन 40 हजार पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू है। इनमें से आठ हजार पद महिलाओं के लिए है।

उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के करीब 73 हजार पदों पर भर्ती के लिए कोर्ट के आदेश का इंतजार है। इनमें से 32 हजार से अधिक पद महिलाओं के लिए हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 30 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू है। इनमें भी 15 हजार पद महिलाओं के लिए हैं। राजकीय तथा वित्तपोषित डिग्री माध्यमिक कॉलेजों में भी दो हजार से अधिक पदों पर महिला शिक्षकों की भर्ती होनी है। इनके अलावा प्रदेश में पांच महिला डिग्री कॉलेज खोलने की भी योजना है। इनमें भी हर वर्ग में भर्ती होनी है। कर्मचारी चयन आयोग ने दो साल में दो लाख पदों पर भर्ती की घोषणा की है। इनमें से 30 से 35 हजार पद महिलाओं के लिए हैं।

शिक्षा विभाग में सर्वाधिक मौके, खुलेंगे नए महिला डिग्री कॉलेज
 


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शिक्षकों के न आने से विद्यालय बंद


अमर उजाला ब्यूरो
घिरोर। ग्राम हड़ाई का पूर्व माध्यमिक विद्यालय और कल्होर पुवां का प्राथमिक विद्यालय शिक्षकों के स्थानांतरण के बाद बंद हो गया है। ग्रामवासियों ने बीएसए को पत्र भेजकर शिक्षकों की तैनाती करने की मांग की है।
ग्राम हड़ाई में दो वर्ष पूर्व ही पूर्व माध्यमिक विद्यालय का चार कमरों का भवन बना था। गत वर्ष इसमें कक्षाएं संचालित की गई। इस शिक्षा सत्र में 50-60 छात्र-छात्राएं अध्ययन कर रहे थे। ग्रामवासी अरविंद कुमार ने बताया कि करीब 20 दिनों पूर्व यहां के शिक्षक का कई अन्यत्र स्थानांतरण कर दिया गया है। इसके बाद ग्राम रतवाह से दो-तीन दिनों तक एक शिक्षक आए। तब तक स्कूल खुला। गत दो सप्ताह से शिक्षक के न आने से विद्यालय बंद है।
छात्र-छात्राएं इधर-उधर भटक रहे हैं। कोई सुनने वाला नहीं है। ग्रामवासी महिपाल सिंह, हरपाल, दिनेश चंद्र एवं देवीदयाल आदि ने बीएसए को पत्र भेजकर शिक्षक की तैनाती की मांग की है। इसी प्रकार ग्राम कल्होर पुवां का प्राथमिक विद्यालय भी बीएसए की नीतियों से बंद हो गया है। इसमें करीब 70 छात्र-छात्राएं पढ़ रहे है।
ग्रामवासी अनिल दीक्षित, रामसेवक, गिरीश चंद्र, बृजेश, सुखवीर आदि ने बताया कि एक माह पूर्व यहां पर नियुक्त शिक्षक का स्थानांतरण हो गया है। उसके बाद से यह स्कूल भी बंद पड़ा है। ग्रामवासियों ने बीआरसी केंद्र पर एबीएसए से मिल कर स्कूलों को चालू कराने की मांग की है।
शिक्षकों के स्थानांतरण होने से बिगड़े हालात
ग्रामीणों ने की शिक्षक तैनाती की मांग
 


1.80 लाख बच्चों पर मात्र 3079 शिक्षक


जिले में बेसिक शिक्षा का हाल बेहाल,
भर्ती पर रोक से शिक्षा विभाग भी होगा प्रभावित
मैनपुरी। शिक्षकों की भर्तियों पर रोक से बेसिक शिक्षा विभाग की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। जिले में पहले से ही शिक्षकों की कमी चल रही है। अगले साल 2014 में 139 शिक्षक सेवानिवृत्त होने वाले हैं। ऐसे में जिले में बुनियादी शिक्षा का स्तर सुधरने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
जनपद में जूनियर और प्राइमरी स्कूलों में एक लाख 80 हजार बच्चों पर 3079 शिक्षक हैं। इनमें 1550 प्राथमिक विद्यालय में 1044 प्रधानाध्यापक, 719 सहायक अध्यापक और 2106 शिक्षामित्र तैनात हैं। वहीं 542 उच्च प्राथमिक विद्यालय में 223 प्रधानाध्यापक और 1093 सहायक अध्यापक हैं। वहीं बेसिक शिक्षा विभाग में राजकीय विद्यालय में एक स्टेनो की कमी है। उसका कार्यभार चपरासी संभाल रहा है।
पहले से ही स्कूलों में चल रही शिक्षकों की कमी
विभाग में स्टेनों का काम देख रहा चपरासी
बंद स्कूलों को खुलवाने की व्यवस्था कराई जाएगी। प्रयास रहेगा कि सभी स्कूलों में कम से कम दो-दो शिक्षकों की तैनाती हो।
- विजय पाल सिंह, प्रभारी बीएसए
813 विद्यालयों में एक शिक्षक
813 प्राथमिक विद्यालयों की कमान एक शिक्षक के हाथ में है। जब शिक्षक ों की ड्यूटी अन्य सरकरी कार्यों में लगा दी जाती है तो ये विद्यालय भी बंद रहते हैं। वहीं
जिले में 66 स्कूलों में शिक्षक न होने के कारण ताला लटका हुआ है। इनमें सबसे ज्यादा स्कूल किशनी ब्लाक में बंद पड़े हैं। कई ब्लाकों में 254 विद्यालयों की कमान सिर्फ शिक्षामित्र संभाले हुए हैं।
2064 शिक्षकों की कमी
शासनादेश के मुताबिक परिषदीय विद्यालय में 35 बच्चों पर एक शिक्षक होना चाहिए। इस तरह जिले में 5143 शिक्षक होना चाहिए। इसके सापेक्ष जिले के प्राथमिक स्कूलों में मात्र 3079 शिक्षक हैं। 2064 शिक्षकों की कमी है।
362 की जगह मिले 135 शिक्षक
2013 में 149 शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वहीं 213 शिक्षकों को अपने-अपने गृह जनपदों में तबादला हो गया। जबकि जिले को 213 के सापेक्ष 135 शिक्षक ही मिले। इससे बच्चों की पढ़ाई पर भी प्रभाव पड़ा है।
 


6000 लेखपालों की भर्ती पर मुहर

 
लखनऊ। राजस्व परिषद ने प्रदेश में लेखपालों के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए तय की गई प्रक्रिया व भर्ती कैलेंडर पर मुहर लगाते हुए स्वीकृति के लिए शासन को भेज दिया है। शासन से हरी झंडी मिलने के बाद विज्ञापन जारी कर दिए जाएंगे। इस बीच शासन ने लेखपाल भर्ती के लिए जरूरी बजट को मंजूरी दे दी है।

बुधवार को राजस्व परिषद के चेयरमैन अजय जोशी की अध्यक्षता में लेखपाल भर्ती से जुड़ी चयन प्रक्रिया व भर्ती कैलेंडर की स्वीकृति के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें भर्ती प्रक्रिया व विज्ञापन जारी करने से लेकर लेखपालों को नियुक्ति पत्र जारी कर तैनाती देने के कार्यक्रम को मंजूरी दी गई। इसके बाद इसे शासन के पास अनुमोदन के लिए भेज दिया गया। प्रदेश में लेखपाल के करीब 6000 पद रिक्त हैं। शासन ने राजस्व परिषद के निर्देशन में जिला स्तर पर रिक्त पदों के आधार पर इनकी भर्ती की योजना बनाई है। लेखपालों कापद जिलास्तर का होने की वजह से भर्ती संबंधी सारी कार्यवाही जिलाधिकारियों के माध्यम से होगी लेकिन विज्ञापन प्रकाशन से लेकर आवेदन लेने, परीक्षा की तिथि, इंटरव्यू, रिजल्ट घोषित करने व नियुक्ति पत्र जारी करने का काम पूरे प्रदेश में एक साथ होगा।
जानकारी के अनुसार भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र भी एक ही होगा और नियुक्ति पत्र भी एक ही तिथि में जारी किए जाएंगे। यहां तक कि लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के अंक को मिलाकर मेरिट तैयार करने का काम भी राजस्व परिषद ही करेगा। 90 नंबर की लिखित परीक्षा व 10 नंबर का इंटरव्यू होगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चयन प्रक्रिया व कैलेंडर पर शासन की मुहर लगते ही चयन संबंधी कार्यवाही शुरू हो जाएगी। बैठक में परिषद के आयुक्त एवं सचिव अनिल कुमार व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।.

शासन को अनुमोदन के लिए भेजा गया भर्ती कार्यक्रम
 •हरी झंडी मिलते ही जारी होगा विज्ञापन

 अमर उजाला ब्यूरो

 

शिक्षकों के चयन में फिर फर्जीबाड़े का खेल


जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में कुछ समय पहले तक दलालों की कितनी पैठ थी, इसकी परतें अब खुलने लगी हैं। दलालों ने फर्जी पैनल बनाकर तीन युवकों को नियुक्ति के लिए कन्नौज और इटावा भेज दिया। सत्यापन के दौरान इस फर्जी बाड़े का खुलासा हुआ। बोर्ड के सचिव ने इन युवकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश दिये हैं। माना जा रहा है कि दलालों ने इसके एवज युवकों से लाखों रुपये ऐंठ लिए।

फर्जी पैनल के नाम पर नियुक्ति के लिए पहुंचे इन युवकों में दो को कन्नौज भेजा गया और एक को इटावा। इन्हें प्रशिक्षित स्नातक परीक्षा 2010 के विज्ञापन में चयनित दर्शाया गया है। दरअसल चयनित अभ्यर्थियों का पैनल बनाकर जिलों में नियुक्ति के लिए भेजा जाता है। इसंमें कई अभ्यर्थियों के नाम होते हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक की जिम्मेदारी है कि वह इसका सत्यापन कराए और संबंधित विद्यालय में चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति कराए। इसी के तहत जब कन्नौज और इटावा के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में पैनल का पत्र पहुंचा तो उन्होंने सत्यापन के लिए वापस बोर्ड भेज दिया। यहां जांच में तीन चयनित अभ्यर्थी फर्जी पाए गए। इनमें एक का नाम अदनान अल्वी है। उसे मदन मोहन मालवीय इंटर कालेज, गुरुसहायगंज कन्नौज में नियुक्ति दी गई थी। दूसरे युवक धर्मपाल सिंह को किसान उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, किरवागंज, कन्नौज में नियुक्ति दी गई। तीसरे सूरज प्रताप सिंह को जनता विद्यालय इंटर कालेज, इटावा में नियुक्ति दी गई थी। इन्हें विज्ञान वर्ग में चयनित बताया गया था।

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सचिव वंश गोपाल मौर्य ने बताया कि इन दोनों जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों को बुधवार पत्र प्रेषित कर जानकारी दे दी गई है कि ये चयनित शिक्षक फर्जी हैं। पैनल में इनका नाम गलत ढंग से डाला गया है। उन्होंने इन तीनों युवकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि इस तरह के और भी मामले सामने आ सकते हैं। 1सौ से अधिक फर्जी नियुक्तियां1माध ्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में ऐसा मामला पहली बार प्रकाश में नहीं आया है। इससे पहले भी इस तरह के मामले प्रकाश में आते रहे हैं। बोर्ड के सूत्रों के अनुसार फर्जी नियुक्तियों के अब तक सौ से अधिक मामले प्रकाश में आ चुके हैं। बोर्ड के सचिव के अनुसार उनके कार्यकाल में ही दो दर्जन से अधिक फर्जी नियुक्तियों का मामला सामने आ चुका है जिसमें प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश दिए जा चुके हैं।
 


खत्म होगा इंटर कॉलेजों में प्राचार्यों का टोटा

 प्रिंसिपल के 955 पदों की नियुक्ति प्रक्रिया फिर शुरू
अब इन नियुक्तियों का कार्यक्रम भी तय कर लिया गया है। बोर्ड ने सभी मंडलों के संयुक्त शिक्षा निदेशकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे 30 सितंबर तक सभी आवेदन पत्रों की जांच पूरी कर लें। साथ ही यह निर्देश भी दिए हैं कि जहां ये पद खाली हैं, वहां के दो वरिष्ठतम प्रवक्ताओं के भी नाम भेजें। माध्यमिक शिक्षा अधिनियम के तहत दो वरिष्ठ प्रवक्ता भी प्राचार्यों के लिए योग्य होते हैं। इस तरह 37 हजार पुराने आवेदकों के अलावा 1910 आवेदक और हो जाएंगे। इन्हीं आवेदकों में से ही प्राचार्यों का चयन किया जाएगा। आवदेन पत्रों की जांच के बाद पांच अक्तूबर तक मेरिट तैयार कर ली जाएगी। उसके बाद हर पद के लिए पांच सर्वश्रेष्ठ और दो वरिष्ठ प्रवक्ताओं को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा।
लखनऊ। इंटर कॉलेजों में प्राचार्यों का टोटा जल्द ही खत्म हो जाएगा। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने 955 खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए 25 नवंबर से इंटरव्यू शुरू होंगे। इन पदों के लिए आवेदन 2011 में मांगे गए थे, लेकिन उस समय रोक लग गई थी। अब हाईकोर्ट के निर्देश पर नियुक्ति प्रक्रिया फिर से शुरू की जा रही है। इसके लिए करीब 37 हजार आवेदन आए थे।

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