Thursday, September 26, 2013

1.80 लाख बच्चों पर मात्र 3079 शिक्षक


जिले में बेसिक शिक्षा का हाल बेहाल,
भर्ती पर रोक से शिक्षा विभाग भी होगा प्रभावित
मैनपुरी। शिक्षकों की भर्तियों पर रोक से बेसिक शिक्षा विभाग की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। जिले में पहले से ही शिक्षकों की कमी चल रही है। अगले साल 2014 में 139 शिक्षक सेवानिवृत्त होने वाले हैं। ऐसे में जिले में बुनियादी शिक्षा का स्तर सुधरने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
जनपद में जूनियर और प्राइमरी स्कूलों में एक लाख 80 हजार बच्चों पर 3079 शिक्षक हैं। इनमें 1550 प्राथमिक विद्यालय में 1044 प्रधानाध्यापक, 719 सहायक अध्यापक और 2106 शिक्षामित्र तैनात हैं। वहीं 542 उच्च प्राथमिक विद्यालय में 223 प्रधानाध्यापक और 1093 सहायक अध्यापक हैं। वहीं बेसिक शिक्षा विभाग में राजकीय विद्यालय में एक स्टेनो की कमी है। उसका कार्यभार चपरासी संभाल रहा है।
पहले से ही स्कूलों में चल रही शिक्षकों की कमी
विभाग में स्टेनों का काम देख रहा चपरासी
बंद स्कूलों को खुलवाने की व्यवस्था कराई जाएगी। प्रयास रहेगा कि सभी स्कूलों में कम से कम दो-दो शिक्षकों की तैनाती हो।
- विजय पाल सिंह, प्रभारी बीएसए
813 विद्यालयों में एक शिक्षक
813 प्राथमिक विद्यालयों की कमान एक शिक्षक के हाथ में है। जब शिक्षक ों की ड्यूटी अन्य सरकरी कार्यों में लगा दी जाती है तो ये विद्यालय भी बंद रहते हैं। वहीं
जिले में 66 स्कूलों में शिक्षक न होने के कारण ताला लटका हुआ है। इनमें सबसे ज्यादा स्कूल किशनी ब्लाक में बंद पड़े हैं। कई ब्लाकों में 254 विद्यालयों की कमान सिर्फ शिक्षामित्र संभाले हुए हैं।
2064 शिक्षकों की कमी
शासनादेश के मुताबिक परिषदीय विद्यालय में 35 बच्चों पर एक शिक्षक होना चाहिए। इस तरह जिले में 5143 शिक्षक होना चाहिए। इसके सापेक्ष जिले के प्राथमिक स्कूलों में मात्र 3079 शिक्षक हैं। 2064 शिक्षकों की कमी है।
362 की जगह मिले 135 शिक्षक
2013 में 149 शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वहीं 213 शिक्षकों को अपने-अपने गृह जनपदों में तबादला हो गया। जबकि जिले को 213 के सापेक्ष 135 शिक्षक ही मिले। इससे बच्चों की पढ़ाई पर भी प्रभाव पड़ा है।
 


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