Friday, May 24, 2013

अब नहीं छिपा सकेंगे रिक्त पदों का ब्योरा

अब नहीं छिपा सकेंगे रिक्त पदों का ब्योरा
इलाहाबाद। सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में रिक्त पड़े प्रशिक्षित स्नातक, प्रवक्ता व प्रधानाचार्य के पदोंको छिपाने में अब कोई खेल नहीं चल सकेगा। जिला विद्यालय निरीक्षकों को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को अधियाचन भेजने के बाद यह प्रमाण पत्र भी देना होगा कि अब उनके यहां कोई पद रिक्त नहीं है। इस प्रमाण पत्र के बाद भी किसी विद्यालय में रिक्त पद होने की जानकारी मिलती है तो इसकी जिम्मेदारी सम्बन्धित जिले के जिला विद्यालय निरीक्षक की होगी और उन्हें कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। गौरतलब है कि रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को भेजे जाने वाले अधियाचन में खेल है। जिला विद्यालय निरीक्षक उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयनबोर्ड को अधियाचन तो भेजते हैं, लेकिन बहुत से रिक्त पदों की जानकारी चयन बोर्ड को भेजने के बजाय छिपा ली जाती है। इस खेल में विद्यालय प्रबन्ध तंत्र एवं जिलाविद्यालय निरीक्षक कार्यालय की मिलीभगत होती है। इस खेल के चलते बहुत से पदों पर चयन नहीं हो पाता है और यह रिक्त पद खाली रह जाते हैं। इसी खेल को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने इस बार अधियाचनभेजने के बाद जिला विद्यालय निरीक्षकों से प्रमाण- पत्र लेने का फैसला किया है। इस प्रमाण पत्रमें जिला विद्यालय निरीक्षकों कोयह सुनिश्चित करना होगा कि अब उनके यहां सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में एलटी ग्रेड, प्रवक्ता व प्रधानाचार्य के पद रिक्त नहीं हैं। चयन बोर्ड ने यह निर्णय इसलिए लिया है कि वह जुलाई माह में सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में रिक्त पड़े पदों पर चयन को जुलाई माह में विज्ञापित करने जा रहा है।
रिक्त पदों का अधियाचन भेजने के लिए बार-बार चयन बोर्ड जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र भेजरहा है। बावजूद अभी तक बहुतों ने इसकी सूची नहीं भेजी। जिला विद्यालय निरीक्षकों के इस रवैयेको देखते हुए चयन बोर्ड ने यह कठोर निर्णय लिया है। अब जिला विद्यालय निरीक्षकों से प्रमाण पत्र लेने के बाद चयन बोर्ड इसकी जानकारी शासन को भी देगा। प्रमाण पत्र देने के बाद भी किसी जिले में रिक्त पद रह जाते हैं तो इसकी पूरी जवाबदेही जिला विद्यालय निरीक्षकों की होगी। उन्हें बताना होगा कि प्रमाण पत्र देने के बाद भी पद कैसे रिक्त रह गये। चयन बोर्ड ने जिला विद्यालय निरीक्षकों से 30 जून, 2014 तक रिक्त होने वाले पदों का अधियाचन मांगा है। रिक्त पदों को भरने की हो रही कोशिश : डा. शर्मा इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के चेयरमैन डा. देवकीनंदन शर्मा का कहना है कि 30 जून, 2014 तक सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में रिक्त होने वाले शिक्षकों एवं प्रधानाचार्य के पदों पर चयन पूरा कराने की कोशिश की जा रही है। इसलिए प्रमाणपत्र की बाध्यता अनिवार्य की गयी है। ऐसा होने से जिला विद्यालय निरीक्षक को एक-एक पद का लेखा-जोखा देना होगा।
जिला विद्यालय निरीक्षकों को देना होगा पद रिक्त न होने का प्रमाणपत्

No comments:

Post a Comment