Updated on: Wed, 20 Nov 2013
04:00 AM (IST)
Lucknow
अभ्यर्थियों
ने फिर उठाई
लोक सेवा आयोग
पर अंगुली
लखनऊ
(उप ब्यूरो)।
परीक्षाओं को लेकर
चल रहे विवादों
के बीच ही
प्रतियोगी छात्रों ने एक
बार फिर उत्तर
प्रदेश लोक सेवा
आयोग की कार्य
प्रणाली पर अंगुली
उठाई है। अभ्यर्थियों
के अनुसार आयोग
सूचना अधिकार कानून
की अनदेखी के
साथ ही अदालती
आदेशों का भी
उल्लंघन कर रहा
है। इसी के
तहत आयोग के
अधिकारियों ने मुख्य
परीक्षा की कापियों
की छायाप्रति देने
से जहां इनकार
कर दिया है,
वहां तथ्यों की
जानकारी देने से
भी मना किया
जा रहा है।
प्रतियोगी
छात्र संघर्ष समिति
के अध्यक्ष अयोध्या
सिंह के अनुसार
उन्होंने सूचना अधिकार कानून
के तहत आयोग
से पीसीएस मुख्य
परीक्षा-2010 की कापियों
की छायाप्रति मांगी
थी। उन्हें जवाब
में स्पष्ट कर
दिया गया है
कि आयोग छाया
प्रति नहीं उपलब्ध
कराएगा। जबकि समिति
के मीडिया प्रभारी
अवनीश पांडेय ने
भी इसी विषय
पर आरटीआइ दाखिल
की थी तो
उन्हें जवाब दिया
गया कि आयोग
छाया प्रति नहीं
उपलब्ध कराएगा, अलबत्ता कापियां
दिखाई जा सकती
हैं। समिति की
एक बैठक में
मंगलवार को इस
मुद्दे पर विचार
किया गया। इसमें
कहा गया कि
सीबीएसआइ बनाम आदित्य
बंदोपाध्याय केस में
सुप्रीम कोर्ट ने यह
स्पष्ट किया है
कि परीक्षार्थियों को
उनकी कापी की
छायाप्रति उपलब्ध कराया जाना
चाहिए। यह उनका
मौलिक अधिकार है।
बैठक
में आयोग पर
परीक्षाओं में भेदभाव
के आरोप भी
लगाए गए। कहा
गया कि जेई
सिविल की भर्ती
में अदालत की
अवमानना करके रिजल्ट
निकाला गया। इस
परीक्षा में 542 पद थे
जिसमें सामान्य के 415 व
अनुसूचित जाति जनजाति
के 127 पद थे।
परिणाम में 102 सामान्य व
313 पिछड़ी जातियों के अभ्यर्थियों
का चयन किया
गया है। तय
किया गया कि
इसको लेकर अदालत
में याचिका दाखिल
की जाएगी। बैठक
में समिति के
सचिव सुधीर सिंह,
रितेश सिंह, दिनेश
तिवारी, अतुल सिंह,
देवेंद्र सिंह, समीर राय
आदि उपस्थिति रहे।
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