Wednesday, November 20, 2013

शिक्षा मित्र टीईटी को तैयार नहीं




सचिव बेसिक शिक्षा के समक्ष रखा अपना पक्ष
अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। शिक्षा मित्रों ने शिक्षक बनने के लिए एक स्वर में टीईटी देने से इन्कार कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि वे पिछले 13 साल से परिषदीय स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे हैं। सरकार भले ही उन्हें पूर्ण शिक्षक का दर्जा न दे पाई हो, पर वे बच्चों को शिक्षकों के समान ही पढ़ा रहे हैं। शिक्षा मित्रों ने सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार से बातचीत के दौरान उन्हें राजस्थान में शिक्षा मित्रों को बिना टीईटी के शिक्षक बनाने संबंधी कागजात भी दिए। सचिव ने शिक्षा मित्रों को आश्वासन दिया है कि उनके साथ न्याय होगा।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद कक्षा 8 तक के स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए टीईटी अनिवार्य है। यूपी में हाईकोर्ट ने स्पष्ट आदेश दे रखा है कि बिना टीईटी के कोई शिक्षक नहीं बन सकता है। प्रदेश में 1.63 लाख शिक्षा मित्रों को दो साल के प्रशिक्षण के बाद शिक्षक बनाया जाना है। पहले चरण में 60 हजार शिक्षा मित्रों को जनवरी में शिक्षक बनाया जाना है। इसके आधार पर ही उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली को संशोधित किया जाना है। सचिव बेसिक शिक्षा ने टीईटी की अनिवार्यता पर शिक्षा मित्रों की राय जानने के लिए मंगलवार को बैठक बुलाई थी।
इसमें शिक्षा मित्रों के तीनों संगठनों को बुलाया गया था। बैठक में आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र शाही, महामंत्री विश्वनाथ सिंह कुशवाहा, उत्तर प्रदेश शिक्षा मित्र कल्याण समिति के अध्यक्ष अनिल कुमार वर्मा व उपाध्यक्ष रश्मि कांत द्विवेदी तथा उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के अध्यक्ष गाजी इमाम आला व महामंत्री पुनीत चौधरी बैठक में शामिल हुए।
जितेंद्र शाही ने सचिव को शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाने के संबंध में अब तक प्रदेश में जारी आदेशों, राजस्थान में 27 हजार शिक्षा मित्रों (वहां शिक्षा सहायक) को बिना टीईटी के शिक्षक पद पर समायोजित करने संबंधी आदेश की कॉपी उपलब्ध कराते हुए बिना टीईटी के शिक्षक पद पर समायोजित करने की मांग की।
इसी तरह अन्य संगठनों ने भी बिना टीईटी के समायोजन की मांग की है। संगठनों ने यह भी मांग रखी की जब तक सभी शिक्षा मित्र शिक्षक नहीं बना दिए जाते हैं, उनका मानदेय 3500 रुपये से बढ़ा दिया जाए। देश के अन्य राज्यों में शिक्षा मित्रों को दिए जाने वाले मानदेय संबंधी आदेश की कॉपी भी सचिव को उपलब्ध कराई गई। सचिव बेसिक शिक्षा ने बताया कि संगठन के पदाधिकारियों का पक्ष सुन लिया गया है। अब इस संबंध में अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर आगे का निर्णय किया जाएगा।
सचिव ने दिया उचित निर्णय का आश्वासन
 


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