Wednesday, November 13, 2013

निकाय स्कूलों में शिक्षक की सुविधाएं होंगी एक समान

लखनऊ (ब्यूरो)। निकाय के स्कूलों में रखे गए स्थायी शिक्षकों की सुविधाएं एक समान की जाएगी। यही नहीं मनमाने तरीके से चयन प्रक्रिया पर भी रोक लगेगी। इस संबंध में नगर विकास विभाग जल्द एक प्रस्ताव तैयार कर नगर विकास मंत्री आजम खां को मंजूरी के लिए भेजेगा। इसके अलावा शिक्षकों के रिटायरमेंट की आयु में भी समानता लाने पर विचार किया जा रहा है।
प्रदेश में कुल 630 निकाय है। इनमें कुल 78 स्कूल हैं, जिसमें नगर निगमों में 34, पालिका परिषदों में 42 और नगर पंचायतों में 2 स्कूल चल रहे हैं।



कोर्स पूरा कर लेने पर ही छात्र के खाते में भेजें फीस

लखनऊ(ब्यूरो)। छात्रों की शुल्क की प्रतिपूर्ति किए जाने में हुई अनियमितताओं पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। पिछले वर्षों में फीस वापस पाने वाले छात्रों ने कोर्स पूरा किया भी या नहीं, इसका कोई ब्यौरा संबंधित विभागों के पास मौजूद नहीं है। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि छात्रों की फीस का भुगतान तभी किया जाए, जब उन्होंने कोर्स पूरा कर लिया हो और परीक्षा दे रहे हों। यह भी कहा कि आधी फीस कोर्स पूरा होने पर और बाकी रिजल्ट आने के बाद दी जाए।
इतना ही नहीं, छात्रों के खाते में भेजी गई रकम संस्थान को शुल्क भुगतान में ही इस्तेमाल हो। इस राशि को किसी और काम में लगाने की अनुमति न दी जाए। वहीं, राज्य के महाधिवक्ता ने अदालत को आश्वस्त किया कि जब तक संस्थानों की पिछली शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं कर दी जाती, उन्हें अगले सत्र में ‘जीरो फी’ पर दाखिला लेने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। सत्र 2011-12 के शुल्क प्रतिपूर्ति न किए जाने के तमाम मामले हाईकोर्ट में विचाराधीन हैं। अदालत ने पाया कि कुछ संस्थानों ने एक दिसंबर 2012 और 21 दिसंबर 2012 को एनआईसी की वेबसाइट पर डाटा अपलोड किया था, उन्हें शुल्क प्रतिपूर्ति कर दी गई जबकि इन्हीं तारीखों में या उससे पहले डाटा अपलोड करने वाले अन्य संस्थानों को प्रतिपूर्ति से मना कर दिया गया।
लखनऊ जिले में सत्र खत्म होने के बाद 29 नवंबर 2012 को डाटा अपलोड करने वाले संस्थानों को भी भुगतान कर दिया गया। यही स्थिति गाजियाबाद में भी देखने को मिली। इसे देखते हुए हाईकोर्ट ने शुल्क प्रतिपूर्ति में पारदर्शी व्यवस्था लागू करने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 15 नवंबर को होगी।
शुल्क प्रतिपूर्ति मामले में हाईकोर्ट का राज्य सरकार को आदेश
शुल्क प्रतिपूर्ति में गड़बड़ी पर अदालत सख्त

 

अनुदेशक के रिक्त पदों की काउंसलिंग आज से

लखनऊ। उच्च प्राथमिक स्कूलों में अनुदेशक के रिक्त 7209 पदों के लिए काउंसलिंग बुधवार और बृहस्पतिवार को होगी। इस संबंध में जिलेवार मेरिट जारी कर दी गई है। इसके आधार पर काउंसलिंग की जाएगी। गौरतलब है कि उच्च प्राथमिक स्कूलों में शारीरिक और कार्य अनुभव शिक्षा अनिवार्य कर दी गई है।

मोहर्रम की छुट्टी अब 15 को
लखनऊ। प्रदेश में मोहर्रम की छुट्टी अब 15 नवंबर को होगी। यह जानकारी सामान्य प्रशासन ने दी है। विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक वर्ष 2013 के लिए जारी सार्वजनिक अवकाशों की सूची में मोहर्रम का अवकाश 14 नवंबर को दिखाया गया है, लेकिन मोहर्रम एक दिन बाद होने की वजह से छुट्टी 15 नवंबर को कर दी गई है।
 

राम-लीला के निर्माता व कलाकारों के खिलाफ परिवाद

 लखनऊ (एसएनबी)। बहुचर्चित फिल्म राम- लीला में धार्मिक भावनाओं को आहत कर अश्लीलता फैलाने के मामले में आरोपित फिल्म निर्माता किशोर लुल्ला, निदेशक संजय लीला भंसाली, कलाकार रणवीर सिंह व दीपिका पादुकोण सहित 19 लोगों के विरुद्ध न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रीति सिंह की अदालत में परिवाद दायर किया गया है। इस पर अदालत ने परिवाद को दर्ज करने का आदेश देते हुए वादी के बयान के लिए 19 नवम्बर की तिथि नियत की है। अदालत में बी फार आल संस्था के अध्यक्ष विवेक चित्रांशी की ओर से परिवाद प्रस्तुत कर वकील अक्षय कटियार ने कहा कि राम लीला फिल्म 15 नवम्बर को पूरे देश में रिलीज होने जा रही है। कहा गया कि भगवान राम, विष्णु के सातवें अवतार में हैं एवं हिन्दू धर्म के लोगों के आराध्य हैं। कहा गया कि राम लीला फिल्म में धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ कर अश्लीलता को फैलाने का कुत्सित प्रयास किया गया है। परिवाद में निर्देशक संजय लीला भंसाली, निर्मार्ता किशोर लुल्ला, सिनेमेटो ग्राफर रवि अशोक, एटीटर राजेश जी पाण्डेय, वितरक इरोज इन्टर नेशनल, एक्टर रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण, रिचा चड्ढा, गुलशन दीरेह, बरखा विष्ट, अभिमन्यु शेखर सिंह, प्रियंका चोपड़ा व अशुल त्रिवेदी को तलब कर दण्डित करने की मांग की गयी है। दुराचारी को सात साल की कड़ी कैद व जुर्माना लड़की का अपहरण कर दुराचार करने के मामले में आरोपित समीर उर्फ काशिफ को अपर सत्र न्यायाधीश रणधीर सिंह ने सात वर्ष के कठोर कारावास सहित पन्द्रह हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। अभियोजन की ओर सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता शशि पाठक ने कहा कि वादी शिफात हुसैन ने थाना ठाकुरगंज में रिपोर्ट दर्ज करायी की उसकी पुत्री रायल कोचिंग सेन्टर भोला खेड़ा चौपटिया एवं अवस्थी कोचिंग में पढ़ने जाती थी। रास्ते में अभियुक्त समीर वादी की पुत्री पर छींटाकशी करता था। कहा गया कि घटना से 3-4 दिन पहले अभियुक्त समीर ने कोचिंग सेन्टर जाकर वादी की पुत्री का मोबाइल छीन लिया। इस घटना के बाद वादी की पुत्री ने कोचिंग जाना बन्द कर कर दिया। आरोप है कि वादी की पुत्री अचानक घर के पास से गायब हो गयी। कहा गया कि अभियुक्त ने पीड़िता का अपहरण कर उसके साथ दुराचार किया। घोटाले के मामले में दोनों पक्षों ने दी अर्जी लखनऊ (एसएनबी)। उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक में करोड़ों रुपये का घोटाला करने के मामले में आरोपित तत्कालीन प्रबन्ध निदेशक नवल किशोर की सम्पत्ति कुर्क करने की मांग को लेकर विवेचक की ओर से विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) वीके श्रीवास्तव की अदालत में अर्जी दी गई है। वहीं दूसरी ओर आरोपित नवल किशोर की ओर से आरोप मुक्त करने की मांग को लेकर एक अर्जी दाखिल की गयी है। अदालत ने दोनों अर्जियों पर 20 नवम्बर को सुनवाई करने का आदेश दिया। विवेचना का आदेश लखनऊ (एसएनबी)। लूटपाट कर मारपीट करने के मामले में आरोपित राशि सिंह, जय सिंह, धम्रेन्द्र सिंह एवं रवीन्द्र सिंह के विरुद्ध विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट टीना सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना करने का आदेश थानाध्यक्ष वजीरगंज को दिया है। अदालत में वादी वीके सिंह की ओर से अर्जी प्रस्तुत कर वकील अजरुन सिंह यादव ने कहा कि गत 19 अगस्त को वादी सायं छह बजे कचहरी से छतर मंजिल होकर जा रहा था। शहीद स्मारक के पास जीप पर सवार अभियुक्तों ने उसे रोककर गन्दी-गन्दी गालियां देते हुए पकड़ लिया। कहा गया कि अभियुक्त ने वादी के सीने पर तमंचा लगाकर 12 सौ रुपये लूट लिए राहगीरों के आने पर अभियुक्त जान-माल की धमकी देते हुए फरार हो गये।
     

   


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कम्प्यूटर शिक्षकों का धरना 18 को

 लखनऊ । विभिन्न समस्याओं का निराकरण करने की मांग को लेकर कम्प्यूटर शिक्षक/अनुदेशक 18 नवम्बर को माध्यमिक कम्प्यूटर अनुदेशक एसोसिएशन के तत्वावधान में झूलेलाल पार्क में धरना देंगे। यह जानकारी एसोसिएशन के महामंत्री दिग्विजय नाथ पाण्डेय ने दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में लगभग चार हजार कम्प्यूटर शिक्षक/अनुदेशक कार्यरत हैं। इनको लगभग एक वर्ष से न तो वेतन दिया जा रहा है, न ही इनकी समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विधान सभा चुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री ने भी कम्प्यूटर शिक्षकों की समस्याओं के समाधान का भरोसा दिया था किन्तु आज तक उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया है। स्थिति यह है कि आज कम्प्यूटर शिक्षक भुखमरी की कगार पर पहुंच गये हैं तथा उनकी समस्याएं दिन- प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में वे धरना व आमरण अनशन के लिए मजबूर हैं।

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राज्य कर्मचारी बेमियादी हड़ताल पर, सरकार ने दिखाई सख्ती


काम नहीं तो वेतन नहीं
लखनऊ। सूबे के कर्मचारी मंगलवार से बेमियादी हड़ताल पर चले गए। दफ्तरों में कामकाज ठप हो गया लेकिन सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए ‘नो वर्क नो पे’ की घोषणा की है। यानी जो भी कर्मचारी हड़ताल पर रहेगा, उसे इस अवधि का वेतन नहीं दिया जाएगा। साथ ही कार्यालय में अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों का सर्विस ब्रेक माना जाएगा। हड़ताल के दौरान कर्मचारियों को किसी भी प्रकार के अवकाश न देने के लिए भी कहा गया है। साथ ही दिन में तीन बार कर्मचारियों की हाजिरी ली जाएगी।
मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने सभी विभागों के प्रमुख सचिव व सचिव के अलावा कमिश्नर व डीएम को हड़ताल के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कर्मचारियों से वार्ता विफल होने के बाद सरकार


हड़ताल से नुकसान
सरकार के ये भी निर्देश
धरना-प्रदर्शन, जुलूस व रैली में हिस्सा लेने वाले ऐसे कर्मचारियों, जिनसे शांति व्यवस्था भंग होने का खतरा है, उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाए।
सार्वजनिक व व्यक्तिगत संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की जाए।
हड़ताल में शामिल न होने वाले ऐसे कर्मचारी जो ऑफिस में काम कर रहे हों उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए।
काम ठप, कई विभागों में ताले
राज्य कर्मचारियों की मंगलवार को शुरू हुई बेमियादी हड़ताल से अधिकतर विभागों में कामकाज लगभग ठप हो गया। कई विभागों में ताले पड़ गए तो कुछेक में मिला-जुला असर रहा। कर्मचारी नेताओं ने ऐलान किया कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो 15 नवंबर के बाद जरूरी सेवाएं भी ठप कर दी जाएंगी। कर्मचारी नेताओं ने हड़ताल को 85 फीसदी सफल बताया।
गैरहाजिर कर्मचारियों की सर्विस मानी जाएगी ब्रेक
दिन में 3 बार हाजिरी जांचने के निर्देश
करोड़ का कुल राजस्व नुकसान
करोड़ का नुकसान आरटीओ को
करोड़ का अकेले वाणिज्य कर विभाग को
वाराणसी तहसील में मंगलवार को कार्यालय बंद करने के बाद प्रदर्शन करते हुए कर्मचारी ।
-100 करोड़ का नुकसान आबकारी, राजस्व संग्रह एवं निबंधन विभाग को


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बीएड की तरह घट रहा बीटीसी का भी क्रेज


Updated on: Tue, 12 Nov 2013 06:37 PM (IST)
जागरण संवाददाता, मथुरा: बेसिक विभाग में शिक्षकों की कमी को पूरा करने को शासन ने विशिष्ट बीटीसी शुरू की, तो नौकरी को युवाओं का रुझान बीएड की ओर बढ़ा। बीएड कॉलेजों में प्रवेश को लंबी लाइनें लगने लगीं। मगर सरकार ने विशिष्ट बीटीसी को खत्म करके बीटीसी को अनिवार्य किया तो एक बार फिर से रुझान बीटीसी की ओर मुड़ा। बीटीसी भी ज्यादा दिन तक युवाओं की पहली पसंद नहीं रह सका। शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर फंसते पेंच के कारण बीटीसी की काउंसिलिंग में लगभग आधे आवेदक ही पहुंचे।
28 अक्टूबर से डायट में शुरू हुई बीटीसी 2013 की काउंसिलिंग के दौरान प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए 1178 आवेदक बुलाए गए थे। इनमें से अंतिम तिथि आठ नवंबर तक मात्र 749 ही आवेदक काउंसिलिंग के दौरान डायट पहुंचे। डायट में काउंसिलिंग के दौरान हर रोज आधे की संख्या में ही अभ्यर्थी पहुंचे। ऐसे में पूरे दिन काउंसिलिंग लेने के लिए डायट के प्रवक्ताओं की चार टीमें यहां बैठी ऊंघती रहीं। पूर्व में बीटीसी को लेकर दिख रहा युवाओं में उत्साह काउंसिलिंग में नहीं दिखा। इसके पीछे 72825 शिक्षकों की पूर्व में निकाली गई भर्ती की प्रक्रिया के बीच में ही रुकने को वजह माना जा रहा है। इससे पूर्व में भी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को सरकार द्वारा रद कर दिया गया था। ऐसे में इस बार फिर से भर्ती पर रोक लगने से युवाओं की नजर में शिक्षक भर्ती का क्रेज कहीं न कहीं कम होता नजर आ रहा है।
काउंसिलिंग में कुछ ऐसी रही स्थिति
28 अक्टूबर को काउंसिलिंग में 150 में से 121 ही आवेदक पहुंचे तो 29 को 171 में से 121, 30 को 63 में से 40, 31 को 171 में से 108, एक नवंबर को 103 में से 66, छह को 237 में से 181, सात को 130 में से 74 और आठ को 153 में से 88 ही अभ्यर्थी शामिल हुए।
''हर रोज काउंसिलिंग के बाद डाटा लॉक किया जा रहा है। ऐसे में काउंसिलिंग छोड़ने वाले अभ्यर्थियों को दोबारा से मौका मिलने की संभावना नहीं है। इस बार काउंसिलिंग में संख्या कम रही है।''
हिमांशु रावत, प्रवक्ता, डायट।

Tuesday, November 12, 2013

PAN CARD में छिपी है आपकी पूरी नई कुंडली, जानिए क्या है इनका गुप्त मतलब

 आपके पास पैन कार्ड है या नहीं। यदि नहीं है तो बनवा लीजिए क्योंकि ये बेहद जरूरी दस्तावेज है। इसकी जरूरत दैनिक उपयोग के कई आवश्यक कार्यो में पड़ती है। इंकनम टैक्स रिटर्न भरने में भी पैन नंबर जरूरी होता है। तत्काल टिकट में भी आईडी प्रूफ की आवश्यकता होती है जिसमें अधिकांश लोग पैन नंबर देना ही जरूरी समझते हैं।
pancardक्या कभी सोचा है कि आखिर पर्मानेंट एड्रेस नंबर यानी पैन नंबर में ऐसा क्या छिपा है, जो आपके और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के लिए जरूरी है। चलिए हम आपको पैन कार्ड और पैन नंबर से जुड़ी पूरी जानकारी देंगे। हम यह भी बताएंगे कि पैन कार्ड पर मौजूद नंबर का क्या मतलब होता है।
  
पैन कार्ड नंबर एक 10 डिजिट का खास नंबर होता है, जो लैमिनेटेड कार्ड के रूप में आता है। इसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट वाले उन लोगों को इश्यू करते हैं, जो पैन कार्ड के लिए अर्जी देते हैं। पैन कार्ड बन जाने के बाद उस व्यक्ति के सारे फाइनेंशियल ट्रान्जैक्शन डिपार्टमेंट के पैन कार्ड से लिंक हो जाते हैं। इनमें टैक्स पेमेंट, क्रेडिट कार्ड जैसे कई फाइनेंशियल लेन-देन डिपार्टमेंट की निगरानी में रहते हैं।
इस नंबर के पहले तीन डिजिट अंग्रेजी के लेटर्स होते हैं। यह AAA से लेकर ZZZ तक कोई भी लेटर हो सकता है। ताजा चल रही सीरीज के हिसाब से यह तय किया जाता है। यह नंबर डिपार्टमेंट अपने हिसाब से तय करता है।
पैन कार्ड नंबर का चौथा डिजिट भी अंग्रेजी का ही एक लेटर होता है। यह पैन कार्डधारी का स्टेटस बताता है। इसमें-
P- एकल व्यक्ति
F- फर्म
C- कंपनी
A- AOP( असोसिएशन ऑफ पर्सन)
T- ट्रस्ट
H- HUF (हिन्दू अनडिवाइडिड फैमिली)
B-BOI (बॉडी ऑफ इंडिविजुअल)
L- लोकल
J- आर्टिफिशियल जुडिशियल पर्सन
G- गवर्नमेंट के लिए होता है।
पैन कार्ड नंबर का पांचवा डिजिट भी ऐसा ही एक अंग्रेजी का लेटर होता है। यह लेटर पैन कार्डधारक के सरनेम का पहला अक्षर होता है। यह सिर्फ धारक पर निर्भर करता है। गौरतलब है कि इसमें सिर्फ धारक का लास्ट नेम ही देखा जाता है।
इसके बाद पैन कार्ड में 4 नंबर होते हैं। यह नंबर 0001 से लेकर 9999 तक, कोई भी हो सकते हैं। आपके पैन कार्ड के ये नंबर उस सीरीज को दर्शाते हैं, जो मौजूदा समय में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में चल रही होती है। इसका आखिरी डिजिट एक अल्फाबेट चेक डिजिट होता है, जो कोई भी लेटर हो सकता है।
पैन कार्ड काफी जरूरी होता है। इसकी वजह है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से जुड़े किसी भी लेन-देन में पैन कार्ड नंबर का होना जरूरी है। 1 जनवरी, 2005 से इनकम टैक्स भरने के लिए पैन कार्ड का होना अनिवार्य कर दिया गया था। इसके अलावा, सरकारी और गैर सरकारी किसी भी लेन-देन के लिए पैन कार्ड नंबर एक सुविधाजनक कैरियर का काम करता है। आपकी जानकारी सही मानी जाती है, क्योंकि यह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा दिया जाता है।