Updated on: Tue, 12 Nov 2013 06:37 PM (IST)
जागरण संवाददाता, मथुरा: बेसिक विभाग में शिक्षकों की कमी को पूरा करने को शासन ने विशिष्ट बीटीसी शुरू की, तो नौकरी को युवाओं का रुझान बीएड की ओर बढ़ा। बीएड कॉलेजों में प्रवेश को लंबी लाइनें लगने लगीं। मगर सरकार ने विशिष्ट बीटीसी को खत्म करके बीटीसी को अनिवार्य किया तो एक बार फिर से रुझान बीटीसी की ओर मुड़ा। बीटीसी भी ज्यादा दिन तक युवाओं की पहली पसंद नहीं रह सका। शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर फंसते पेंच के कारण बीटीसी की काउंसिलिंग में लगभग आधे आवेदक ही पहुंचे।
28 अक्टूबर से डायट में शुरू हुई बीटीसी 2013 की काउंसिलिंग के दौरान प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए 1178 आवेदक बुलाए गए थे। इनमें से अंतिम तिथि आठ नवंबर तक मात्र 749 ही आवेदक काउंसिलिंग के दौरान डायट पहुंचे। डायट में काउंसिलिंग के दौरान हर रोज आधे की संख्या में ही अभ्यर्थी पहुंचे। ऐसे में पूरे दिन काउंसिलिंग लेने के लिए डायट के प्रवक्ताओं की चार टीमें यहां बैठी ऊंघती रहीं। पूर्व में बीटीसी को लेकर दिख रहा युवाओं में उत्साह काउंसिलिंग में नहीं दिखा। इसके पीछे 72825 शिक्षकों की पूर्व में निकाली गई भर्ती की प्रक्रिया के बीच में ही रुकने को वजह माना जा रहा है। इससे पूर्व में भी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को सरकार द्वारा रद कर दिया गया था। ऐसे में इस बार फिर से भर्ती पर रोक लगने से युवाओं की नजर में शिक्षक भर्ती का क्रेज कहीं न कहीं कम होता नजर आ रहा है।
काउंसिलिंग में कुछ ऐसी रही स्थिति
28 अक्टूबर को काउंसिलिंग में 150 में से 121 ही आवेदक पहुंचे तो 29 को 171 में से 121, 30 को 63 में से 40, 31 को 171 में से 108, एक नवंबर को 103 में से 66, छह को 237 में से 181, सात को 130 में से 74 और आठ को 153 में से 88 ही अभ्यर्थी शामिल हुए।
''हर रोज काउंसिलिंग के बाद डाटा लॉक किया जा रहा है। ऐसे में काउंसिलिंग छोड़ने वाले अभ्यर्थियों को दोबारा से मौका मिलने की संभावना नहीं है। इस बार काउंसिलिंग में संख्या कम रही है।''
हिमांशु रावत, प्रवक्ता, डायट।
See also: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml
No comments:
Post a Comment