काम नहीं तो वेतन नहीं
लखनऊ।
सूबे के कर्मचारी मंगलवार से बेमियादी हड़ताल पर चले गए। दफ्तरों में
कामकाज ठप हो गया लेकिन सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए ‘नो वर्क नो पे’ की
घोषणा की है। यानी जो भी कर्मचारी हड़ताल पर रहेगा, उसे इस अवधि का वेतन
नहीं दिया जाएगा। साथ ही कार्यालय में अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों का
सर्विस ब्रेक माना जाएगा। हड़ताल के दौरान कर्मचारियों को किसी भी प्रकार
के अवकाश न देने के लिए भी कहा गया है। साथ ही दिन में तीन बार कर्मचारियों
की हाजिरी ली जाएगी।
मुख्य सचिव जावेद
उस्मानी ने सभी विभागों के प्रमुख सचिव व सचिव के अलावा कमिश्नर व डीएम को
हड़ताल के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कर्मचारियों से वार्ता
विफल होने के बाद सरकार
हड़ताल से नुकसान
सरकार के ये भी निर्देश
•धरना-प्रदर्शन,
जुलूस व रैली में हिस्सा लेने वाले ऐसे कर्मचारियों, जिनसे शांति व्यवस्था
भंग होने का खतरा है, उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाए।
•सार्वजनिक व व्यक्तिगत संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की जाए।
•हड़ताल में शामिल न होने वाले ऐसे कर्मचारी जो ऑफिस में काम कर रहे हों उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए।
काम ठप, कई विभागों में ताले
राज्य
कर्मचारियों की मंगलवार को शुरू हुई बेमियादी हड़ताल से अधिकतर विभागों
में कामकाज लगभग ठप हो गया। कई विभागों में ताले पड़ गए तो कुछेक में
मिला-जुला असर रहा। कर्मचारी नेताओं ने ऐलान किया कि यदि सरकार ने उनकी
मांगें नहीं मानी तो 15 नवंबर के बाद जरूरी सेवाएं भी ठप कर दी जाएंगी।
कर्मचारी नेताओं ने हड़ताल को 85 फीसदी सफल बताया।
•गैरहाजिर कर्मचारियों की सर्विस मानी जाएगी ब्रेक
•दिन में 3 बार हाजिरी जांचने के निर्देश
करोड़ का कुल राजस्व नुकसान
करोड़ का नुकसान आरटीओ को
करोड़ का अकेले वाणिज्य कर विभाग को
वाराणसी तहसील में मंगलवार को कार्यालय बंद करने के बाद प्रदर्शन करते हुए कर्मचारी ।
-100 करोड़ का नुकसान आबकारी, राजस्व संग्रह एवं निबंधन विभाग को
See also: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml
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