Thursday, September 5, 2013

उर्दू शिक्षक के लिए 11 से भर सकेंगे संशोधन फाॅर्म



लखनऊ (ब्यूरो)। उर्दू शिक्षकों की भर्ती के लिए चल रहे ऑनलाइन आवेदन में संशोधन फाॅर्म 11 से 16 सितंबर तक भरे जा सकेंगे। यह जानकारी सचिव बेसिक शिक्षा नितिश्वर कुमार ने दी है। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन आवेदन में जिन आवेदकों ने प्रयोगात्मक और सैद्धांतिक अंकों को अलग-अलग नहीं भरा है वे इस अवधि में संशोधित कर सकते हैं। विभाग को जानकारी मिली है कि काफी संख्यक में आवेदक केवल एक ही नंबर फाॅर्म में भरे हैं। मेरिट में इन नंबरों को जोड़ा जाएगा। इसलिए आवेदक इस अवधि में संशोधित फाॅर्म भर दें।


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29,334 शिक्षकों की भर्ती के लिए बढ़ेगी आयु सीमा

UpTA▶▶HINDUSTAN NEWS
29,334 शिक्षकों की भर्ती के
लिए बढ़ेगी आयु सीमा
First Published: 04-09-13
11:33 PM
इलाहाबाद वरिष्ठ संवाददाता
बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च
प्राथमिक स्कूलों में 29,334
विज्ञान और गणित विषय के
सहायक अध्यापकों की भर्ती में
अधिकतम आयुसीमा बढ़ाने
की तैयारी है। बेसिक
शिक्षा परिषद ने अधिकतम
आयुसीमा 35 साल से 40 साल
किए जाने के लिए प्रस्ताव
शासन को भेज दिया है। दरअसल
दो वर्षीय रेगुलर बीटीसी में
दाखिले के लिए आयुसीमा तो 19
से 30 साल है लेकिन वशििष्ट
बीटीसी और उर्दू
बीटीसी प्रशिक्षण
पाठय़क्रमों में प्रवेश के लिए
अधिकतम आयुसीमा 40 साल है।
वहीं बीएड में दाखिले के लिए
कोई आयुसीमा नहीं है। सरकार
ने विज्ञान या गणित विषय के
साथ स्नातक करने वाले
बीटीसी, वशििष्ट
बीटीसी या बीएड
डिग्रीधारी उन अभ्यर्थियों से
आवेदन मांगा है
जो टीईटी या सीटीईटी पास
हैं। बीटीसी और बीएड प्राप्त
35 से 40 साल के बीच के
अभ्यर्थियों का तर्क है
कि परिषदीय प्राथमिक
स्कूलों में भर्ती के लिए अधिकतम
आयुसीमा 40 साल है। लोक
सेवा आयोग ने भी हाल ही में
अपनी भर्ती परीक्षाओं के लिए
आयुसीमा 35 से बढ़ाकर 40 साल
कर दी है। ऐसे में उच्च प्राथमिक
स्कूलों में सहायक अध्यापक
नियुक्ति के लिए 35 साल
अधिकतम आयुसीमा न्यायसंगत
नहीं है। जब
नियुक्तिनहींदेनीथीतोसरकार
ने प्रशिक्षण ही क्यों कराया।
दूसरी ओर
जानकारों का कहना है
कि आयुसीमा बढ़ाने में कोई
कानूनी अड़चन नहीं है। अधिकतम
आयुसीमा तय करने
का अधिकारी सरकार के पास
है। सूत्रों के अनुसार एक-दो दिन
में आयुसीमा बढ़ाने
संबंधी शासनादेश
जारी हो जाएगा। कुछ
अभ्यर्थियों ने बुधवार
को शिक्षा निदेशालय में बेसिक
शिक्षा परिषद के सचवि संजय
सिन्हा से भी मुलाकात की।
सचवि से मुलाकात करने वाले
वाईएन पांडेय, अमित तिवारी,
अरुण पांडेय, बीडी मिश्रा और
संतोष राय आदि का कहना है
कि सचवि ने आयुसीमा बढ़ने
का भरोसा दिलाया है। आजाद
पार्क में बैठक आज29,334
विज्ञान और गणित विषय के
अध्यापकों की भर्ती में
आयुसीमा बढ़ाए जाने के मसले पर
अभ्यर्थियों की बैठक गुरुवार
को आजाद पार्क में सुबह 10बजे
होगी। अरविन्द कुमार शुक्ला ने
बताया कि इसमें विभिन्न
जिलों के अभ्यर्थी भाग लेंगे।


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शिक्षक निस्संदेह ही पूजनीय एवं सर्वश्रेष्ठ हैं



एक बार रूस के महान साहित्यकार मैक्सिम गोर्की अपने देश के एक अन्य महान रचनाकार चेखोव से मिलने उनके घर गए। चेखोव गोर्की से अत्यंत गर्मजोशी से मिले और अनेक विषयों पर उनसे चर्चा करने लगे। बातचीत के दौरान गोर्की ने चेखोव से पूछा, 'आप समाज के विभिन्न वर्गों में किसे अधिक महत्व देते हैं?' गोर्की की बात सुनकर चेखोव बोले, 'वैसे तो सभी वर्गों की अपनी-अपनी जगह विशेष अहमियत है, किंतु मैं शिक्षक वर्ग को सबसे अधिक महत्व देता हूं। शिक्षक निस्संदेह ही पूजनीय एवं सर्वश्रेष्ठ हैं।' यह सुनकर गोर्की बोले, 'शिक्षक वर्ग की ऐसी कौन सी खासियत है जिसके कारण आप उन्हें सर्वश्रेष्ठ समझते हैं?' इस पर चेखोव बोले, 'किसी भी देश की नई पीढ़ी को अच्छे संस्कार देकर आदर्श नागरिक बनाने का दायित्व शिक्षकों पर ही होता है। यदि शिक्षक सुखी-समृद्ध होगा तभी तो वह निश्चिंत होकर देश की आदर्श पीढ़ी के निर्माण में पूरी तन्मयता से लगा रह सकता है।'

चेखोव की बातें गोर्की बड़े ध्यान से सुन रहे थे। उनकी यह बात सुनकर वह बोले, 'तो ऐसे में आप शिक्षकों की कुछ मदद करना चाहते हैं?' यह सुनकर चेखोव बोले, 'मैं गुरुजन के प्रति बहुत श्रद्धा रखता हूं। यदि मेरे पास ढेर सारा धन आ जाए तो मैं उससे गांव में शिक्षकों के लिए सुविधाजनक मकान बनवाऊंगा।' गोर्की बोले, 'यह तो बहुत ही नेक निर्णय है।' इस पर चेखोव बोले, 'इतना ही नहीं, मैं एक ऐसे बड़े पुस्तकालय की व्यवस्था भी करूंगा कि अध्यापक, छात्र तथा ग्रामीण लोग पुस्तकों का अध्ययन कर ज्ञान प्राप्त कर सकें। किसी भी देश को आदर्श शिक्षकों तथा ज्ञान के भंडार की आवश्यकता पड़ती है। उसके सामाजिक-सांस्कृतिक विकास के लिए ये चीजें जरूरी हैं। इसलिए मैं तो शिक्षकों की भूमिका को सर्वाधिक महत्व देता हूं। हमें इस वर्ग के प्रति अपनी कृतज्ञता दर्शानी चाहिए।' गोर्की यह सुनकर भावविभोर हो उठे। चेखोव के प्रति गोर्की के मन में सम्मान और बढ़ गया।
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Teacher Recruitment in UP : प्राथमिक शिक्षकों के रिक्त पदों पर सरकार से जवाब तलब



 इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में बच्चों को अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा के मूल अधिकारों की रक्षा करने तथा विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के खाली पदों को भरने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि भारी संख्या में अध्यापकों के खाली पदों को भरने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश शिवकीर्ति सिंह तथा न्यायमूर्ति विक्रमनाथ की खंडपीठ ने मे. राइट आर्गेनाइजेशन वाराणसी, की जनहित याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 21 (ए) के अंतर्गत 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के बच्चों को नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार दिया गया है। इसी क्रम में केंद्र सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान चलाया और सभी बच्चों को स्कूल भेजने की मुहिम चलाई। प्रदेश सरकार ने शिक्षा अधिकार कानून-2009 भी पारित कर व्यापक पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती करने की योजना बनाई। चंदौली जिले में 10 हजार 800 पदों का विज्ञापन निकाला गया जिसमें मानकों की पूरी तरह से अनदेखी की गई। 21 व 28 जून 13 को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया। नोटिस जारी कर काउंसिलिंग में शामिल लोगों को 22 जुलाई को मेडिकल के लिए बुलाया गया। याची का कहना है कि पूरे प्रदेश में 2 लाख 64 हजार 4 सौ 66 सहायक अध्यापकों के पद खाली है। चंदौली में विज्ञापित पदों में से 59 फीसदी पद नहीं भरे गए। स्कूलों में अध्यापक न होने से बच्चों के शिक्षा पाने के मूल अधिकार का हनन हो रहा है। कोर्ट ने राज्य सरकार से खाली पदों को भरने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है

News Sabhaar : जागरण (4.9.13)

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प्राथमिक शिक्षकों के रिक्त पदों पर सरकार से जवाब तलब





जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में बच्चों को अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा के  मूल अधिकारों की रक्षा करने तथा विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के खाली पदों को भरने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि भारी संख्या में अध्यापकों के खाली पदों को भरने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश शिवकीर्ति सिंह तथा न्यायमूर्ति विक्रमनाथ की खंडपीठ ने मे. राइट आर्गेनाइजेशन वाराणसी, की जनहित याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 21 (ए) के अंतर्गत 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के बच्चों को नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार दिया गया है। इसी क्रम में केंद्र सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान चलाया और सभी बच्चों को स्कूल भेजने की मुहिम चलाई। प्रदेश सरकार ने शिक्षा अधिकार कानून-2009 भी पारित कर व्यापक पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती करने की योजना बनाई। चंदौली जिले में 10 हजार 800 पदों का विज्ञापन निकाला गया जिसमें मानकों की पूरी तरह से अनदेखी की गई। 21 व 28 जून 13 को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया। नोटिस जारी कर काउंसिलिंग में शामिल लोगों को 22 जुलाई को मेडिकल के लिए बुलाया गया। याची का कहना है कि पूरे प्रदेश में 2 लाख 64 हजार 4 सौ 66 सहायक अध्यापकों के पद खाली है। चंदौली में विज्ञापित पदों में से 59 फीसदी पद नहीं भरे गए। स्कूलों में अध्यापक न होने से बच्चों के शिक्षा पाने के मूल अधिकार का हनन हो रहा है। कोर्ट ने राज्य सरकार से खाली पदों को भरने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है।

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Wednesday, September 4, 2013

ग्राम विकास अधिकारी बनाना है या आतंकी मरवाने है?

फर्रुखाबाद: पुलिस की भर्ती में शारीरिक दक्षता की शर्त तो समझ में आती है लेकिन सूबे में ग्राम विकास अधिकारियों (ग्राम सेवक) की भर्ती में शारीरिक दक्षता का मानक पुलिस से भी ज्यादा पसीना निकालने वाला है।
raceइस शर्त के कारण ग्रामीण क्षेत्र की लड़कियां तो पूरी तरह से छंटती नजर आ रही हैं। ऐसे में युवा सवाल कर रहे हैं कि चयन के बाद उन्हें गांवों में विकास कार्यों की जिम्मेदारी निभानी होगी या आतंकियों से मुठभेड़ करनी होगी।
प्रदेश में इस समय ग्राम सेवक के 2699 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया है। वेतनमान-पे बैंड-5200-20200- व ग्रेड पे-2000 के अंतर्गत की जा रही इस भर्ती की चयन प्रक्रिया में मेरिट बनाने के लिए कई तरह के प्रावधान किए गए हैं।
इसमें शारीरिक दक्षता की भी शर्त शामिल है। ग्राम्य विकास विभाग द्वारा जारी विज्ञापन के अनुसार दौड़, लंबी कूद, साइकिल दौड़ और पैदल चलना शामिल है। जो अभ्यर्थी जितना कम समय लेगा, उसको उसी के अनुसार नंबर दिए जाएंगे।

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Upper Primary Teacher Recruitment UP : शिक्षक भर्ती में कृपांक ने फंसाया नया पेच


इलाहाबाद विरष्ठ संवाददाता। बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथिमक स्कूलों में 29,334 विज्ञान और गणित विषय के सहायक अध्यापकों की भर्ती में एक और पेच फंसता नजर आ रहा है। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में श्रेणी का जिंक्र नहीं होने के कारण हजारों छात्रों को नुकसान हो रहा है। अंकपत्र में कई छात्रों को कृपांक के चलते फस्ट डिवीजन मिल गई है लेकिन उनके प्राप्तांक प्रथम श्रेणी के नहीं हैं।


वर्ष 2011 में कानपुर विवि से बीएड करने वाले छात्र सुरेंद्र और 2008-09 सत्र में बीएड करने वाले आशीष को थ्योरी में 600 में से 359 अंक मिले हैं, जो प्रथम श्रेणी से एक अंक कम है। कानपुर विवि ने इन्हें कृपांक के रूप में एक अंक देकर प्रथम श्रेणी का अंकपत्र दिया है। ठीक यही िस्थित अवध विश्वविद्यालय से 2009 में बीएड करने वाले सिच्चदानंद शुक्ल की है। उन्हें 600 में से 359 अंक मिलने पर विश्वविद्यालय ने प्रथम श्रेणी का सिर्टिफकेट जारी किया है।
यिद इन अभ्यिर्थयों का प्रतिशत जोड़ा जाए तो 59.83 फीसदी ही आएगा। शासनादेश के अनुसार उच्च प्राथिमक स्कूलों में भर्ती के लिए प्रशिक्षण योग्यता बीटीसी या बीएड में थ्योरी और प्रैक्टिकल में फर्स्ट डिवीजन है तो 12-12 नंबर मिलेंगे। सेकेंड डिवीजन में 6-6 और थर्ड डिवीजन पर 3-3 नंबर मिलेंगे।
इसी के आधार पर मेरिट का निर्धारण होगा। बेसिक शिक्षा परिषद ने ऑनलाइन आवेदन के प्रोफार्मा में प्रतिशत का कॉलम दिया है। अब यदि ये छात्र प्रतिशत का जिंक्र करते हैं तो वे द्वितीय श्रेणी में माने जाएंगे और 12 की बजाय 6 अंक ही मिलेंगे।
इससे उनकी मेरिट प्रभावित होगी और नियुक्ति की संभावना भी कम हो जाएगी। सुरेंद्र, आशीष और सिच्चदानंद जैसे हजारों अभ्यिर्थयों ने सरकार से वेबसाइट में जरूरी संशोधन करते हुए श्रेणी का कॉलम भी शामिल करने की मांग की है


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Upper Primary Teacher Recruitment UP : ऑनलाइन आवदेन पत्र से गायब श्रेणी का कॉलम

 इलाहाबाद : उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विज्ञान व गणित विषय के शिक्षकों की भर्ती के अभ्यर्थी हैरान हैं। कारण मेरिट निर्धारण करने के लिए जरूरी बीएड की श्रेणी प्रदर्शित करने वाला कॉलम ही आवेदन पत्र से गायब है।
विभिन्न विवि के जिन बीएड अभ्यर्थियों को कृपांक के आधार पर प्रथम श्रेणी प्राप्त हुई है उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि सचिव ने आवेदन पत्र में बदलाव करने से इंकार कर दिया है। वहीं बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने कहा कि मामला संज्ञान में है, अभ्यर्थी आवेदन करें, काउंसिलिंग के समय समस्या दूर कर दी जाएगी।
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प्रतिशत अंक के आधार पर मेरिट बनाने की मांग
अभ्यर्थियों ने बीएड के प्रतिशत अंक के आधार पर मेरिट बनाने की मांग की है। उनका कहना है कि प्राप्तांक के आधार पर बनी मेरिट से सभी के साथ न्याय हो सकता है, जबकि श्रेणी के आधार पर अंक दे देने से उन अभ्यर्थियों का नुकसान होगा जो एक या दो अंक से प्रथम या द्वितीय श्रेणी आने से रह जाते हैं
News Sabhaar : Jagran (3.9.13)


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