Monday, July 22, 2013

Bumper Recruitment PGT / TGT in UP : भर्ती की बहार


After KVS, Central Government Recruitment , UP State Government also going to recruit TGT, PGT, Principal in UP Madhyamik Shiksha Sewa.

टीजीटी के 4182 व प्रधानाचायरे के 642 पदों पर नियुक्ति शीघ्र

उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड : इस बार विज्ञापन के साथ घोषित होगा परीक्षा कार्यक्रम प्रवक्ता (पीजीटी) के 797 पद भी भरे जाएंगे


इलाहाबाद (एसएनबी)। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक (टीजीटी), प्रवक्ता (पीजीटी) और प्रधानाचायरे के रिक्त 5621 पदों पर शीघ्र ही भर्ती प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। इस बार विज्ञापन के साथ ही परीक्षा कार्यक्रम भी घोषित कर दिया जायेगा जिससे परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों में कोई संशय न रहे। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड सूत्रों ने बताया कि टीजीटी के प्रदेश में रिक्त 4182, प्रवक्ता- 797 और प्रधानाचायरे के रिक्त 642 पदों का अधियाचन चयन बोर्ड में आ चुका है। इन रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की चयन बोर्ड में तैयारियां शुरू हो गयी हैं। बोर्ड टीजीटी के पहले के रिक्त पदों की परीक्षा अगस्त और प्रवक्ता के रिक्त पदों की परीक्षा सितम्बर में कराने जा रहा है, लेकिन इसके पूर्व टीजीटी, पीजीटी और प्रधानाचायरे के रिक्त 5621 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन लिये जायेंगे। बोर्ड अध्यक्ष डा. देवकी नंदन शर्मा ने बताया कि टीजीटी, पीजीटी और प्रधानाचायरे के रिक्त पदों का अधियाचन आ गया है। इस पर भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू कर दी जायेगी जिससे कि विद्यालयों में समय से शिक्षकों की तैनाती हो सके। उन्होंने बताया कि संभावना है कि टीजीटी, पीजीटी और प्रधानाचायरे के रिक्त पदों की संख्या में अभी बढ़ोतरी होगी क्योंकि अब भी जिलों से अधियाचन आ रहा है



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Candidates are highly confused about KVS Advertisement for TGT Post as it requires TET Qualification, But G.O./ Sashnadesh of UP TGT does not require TET Qualification.

In DSSSB also TET is required for TGT teachers.

TET Qualification is mandatory for teachers Class 1 to 8 under RTE Act.
RTE Act/NCTE made a provision to Qualify TET exam for Class 1st to 8th Standard

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News : ब्राह्मणों से मिलते हैं मुसलमानों के जीन्‍स, यूपी में रिसर्च से हुआ खुलासा!

अमेरिका की फ्लोरिडा अंतरराष्‍ट्रीय यूनिवर्सिटी के डिर्पाटमेंट ऑफ बायोलॉजिकल साइंस के डॉ. मारिया सी टेरेरोस, डेयान रोवाल्ड, रेने जे हेरेरा, स्‍पेन की यूनिवर्सिटी डि विगो के डिपार्टमेंट ऑफ जेनटिक्स के डॉ.ज़ेवियर आर ल्यूस और लखनऊ स्थित संजय गांधी पीजीआई के अनुवांशिकी रोग विभाग की प्रोफ़ेसर सुरक्षा अग्रवाल और डॉ. फैज़ल खान ने शिया और सुन्नी मुसलमानों के जीन पर लंबे शोध के बाद यह निष्‍कर्ष निकाला है

 कभी मंदिर कभी मस्जिद, कभी आरक्षण  कभी शिक्षा, तो कभी सरकार की सहूलियतों के नाम पर राजनीतिक पार्टियां हिन्‍दू और मुसलमानों को अलग-अलग करने की कोशिश करती रहती हैं। लेकिन सच यह है कि हिन्‍दू और मुसलमान आपस में भाई-भाई ही हैं। उनके खून का रंग ही नहीं बल्कि उनके जीन्‍स भी एक जैसे हैं।







इसके बाद टीम ने सेलेक्‍ट किए गए लोगों से मुलाकात की। उनके साथ इंटरव्‍यू किया। साथ ही उन्‍हें इस रिसर्च के बारे में पूरी जानकारी दी गई। उन्‍हें बताया गया कि इस रिसर्च से उन्‍हें कोई फायदा नहीं होगा। लेकिन मेडिकल की दुनिया में आगे के रास्‍ते ज़रूर खुल सकते हैं। इसके बाद उनकी सहमति होने के बाद ब्‍लड सैंपल्‍स इकट्ठा किए और उनमें से डीएनए अलग किए गए।

रिसर्च में पता चला कि प्रदेश के शिया और सुन्नी मुसलमान और हिंदुओं के जीन में कोई अंतर नहीं है। इतना ही नहीं विज्ञानियों ने तुलनात्मक अध्ययन में भारतीय हिंदुओं, अरब देशों, सेंट्रल एशिया, नॉर्थ ईस्ट अफ्रीकी देशों के मुसलमानों के जीन के बीच भी किया तो पाया कि भारतीय मुसलमानों के जीन भारतीय हिंदुओं से पूरी तरह मेल खाते हैं। इनके जीन विदेशी मुसलमानों से मेल ही नहीं खाते


लखनऊ के एसजीपीजीआई के वैज्ञानिकों ने फ्लोरिडा और स्‍पेन के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर किए गए अनुवांशिकी शोध के बाद यह निष्कर्ष निकाला है। शोध लखनऊ, रामपुर, बरेली और कानपुर जैसे शहरों के करीब 2400 मुसलमानों और हिंदुओं पर किया गया था। वैज्ञानिक इस शोध को चिकित्‍सा स्‍वास्‍थ्‍य की दिशा में बड़ी सफ़लता मान रहे हैं। 

इस शोध के बाद चिकित्‍सा स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़ी तमाम बीमारियों के इलाज को लेकर रिसर्च शुरू हो गई है। वहीं सामाजिक तौर पर बात करें तो इस शोध का व्‍यापक असर लगातार सांप्रदायिक दंगों से जूझ रहे यूपी पर भी पड़ने की उम्‍मीद की जा रही है।


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Upper Primary Teacher Recruitment UP : सीधी भर्ती का विरोध, पदोन्नति की मांग

 
इलाहाबाद : प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में होने वाली शिक्षकों की भर्ती को प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की पदोन्नति से भरे जाने की मांग की जा रही है। पदोन्नति के बाद खाली रह जाने वाले पदों पर सीधी भर्ती की मांग को लेकर विभिन्न शिक्षक संगठनों ने आवाज उठाई है। गौरतलब है कि अभी तक उच्च प्राथमिक विद्यालयों के खाली पड़े शिक्षकों के पचास फीसद पद ही पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान किया गया है।

उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भर्ती की शर्तो में संशोधन की मांग को लेकर आदर्श शिक्षक वेलफेयर ऐसोशिएशन ने हाईकोर्ट जाने की घोषणा की है। ऐसोसिएशन ने 70 फीसदी पद पदोन्नति से भरे जाने की मांग की है। वहीं अन्य शिक्षक संगठनों ने शिक्षक भर्ती में उन शिक्षकों को वरियता देने की मांग की है जो प्राथमिक विद्यालयों में पहले से ही पढ़ा रहे हैं



News Sabhar : Jagran
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Agar Junior Teacher mein UPTET Level -2 ( Upper Primary) qualified candidates ki bhrtee nahin hogee to exam ka matlab kya rahegaa.

B. Ed valon ke pass ab Junior Teacher ki bhrtee ka hee sahara reh gaya hai, kyunki Primary Level TET exam ke liye ab vhe eligible nahin rahe.

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Saturday, July 20, 2013

!! Teachings jobs in uttar pradesh !!

अक्षय पात्र संस्‍था ने दिखाई दुनिया को राह

पौने दो लाख बच्चों को मिड डे मील देकर लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज करा चुकी है संस्था
अमर उजाला ब्यूरो
वृंदावन। बिहार में जहरीले मिड डे मील से करीब दो दर्जन बच्चों की मौत के बाद जहां इस योजना पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं अक्षय पात्र संस्था भोजन की गुणवत्ता और पौष्टिकता के मामले में दुनिया भर में मिसाल पेश कर चुकी है। इसी आधार पर इसका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज हुआ है। फिलहाल यह संस्था मथुरा और आगरा के 1,899 स्कूलों के करीब पौने दो लाख बच्चों के लिए मिड डे मील तैयार करती है। अक्षय पात्र द्वारा जल्द ही वाराणसी, लखनऊ, कानपुर और कन्नौज में भी उम्दा मिड डे मील देने की तैयारी है।
संस्था में भोजन बनाने की कार्यशैली दुनिया के लिए आइना है। साफ-सफाई के लिहाज से भोजन बनाने वालों और सब्जी काटने वालों को विशेष कपड़े पहनाए जाते हैं। बर्तनों में खाना रखने से पहले और पैकिंग के बाद बारीकी से जांच की जाती है। इसके बाद पके हुए भोजन को डिब्बों में बंद कर वाहनों से स्कूलों में पहुंचाया जाता है। अक्षय पात्र के अत्याधुनिक संयंत्र में एक घंटे में 40 हजार रोटियां, एक हजार किलो सब्जी तैयार की जाती है। खाद्य विभाग के अधिकारी भी समय-समय पर खाने का निरीक्षण करते हैं।
मिड डे मील को लेकर सवाल उठने के बाद अक्षय पात्र की ओर से भरोसा दिया गया है कि संस्था गुणवत्ता को लेकर सजग है और अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही है। संस्था के पीआरओ कमल योगी ने बताया कि अक्षय पात्र ने 2004 से मिड डे मील योजना प्रारंभ की। अक्षय पात्र ने वाराणसी, लखनऊ, कानपुर और कन्नौज में भी मिड-डे मील देने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार से अनुबंध किया है। जुलाई, 2014 से लखनऊ में लगभग डेढ़ लाख बच्चों के लिए भोजन देने की योजना है।
यहां तैयार होती है घंटे भर में 40 हजार रोटियां और 1000 किलो सब्जी, अब वाराणसी, लखनऊ, कानपुर और कन्नौज में भी बच्चों को खाना देने की तैयारी
संस्था के अत्याधुनिक संयंत्र में तैयार होता है गुणवत्तापूर्ण भोजन
, नियमित होती है जांच
आईएसओ प्रमाणित है अक्षय पात्र
अक्षय पात्र संस्था को खाद्य सुरक्षा मानक अपनाने के लिए आईएसओ 22000 का प्रमाण पत्र मिल चुका है। वहीं इस गैर सरकारी संगठन को दुनिया के सौ अग्रणी एनजीओ में 23 वें स्थान पर होने के कारण सीएनबीसी अवार्ड भी मिल चुका है।


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एक मिनट में 7200 यात्री करा सकेंगे ऑनलाइन टिकट

 आइआरसीटीसी दिसंबर तक बढ़ा देगा साफ्टवेयर की तीन गुना क्षमता 16 साढ़े चार लाख यात्री प्रतिदिन कराते हैं आनलाइन टिकट
लखनऊ : ऑनलाइन टिकट करते समय अब आइआरसीटीसी की साइट हैंग नहीं करेगी और न ही यात्रियों के पैसे उनके बैंक खाते से बिना टिकट बने ट्रांसफर होंगे। इसकी कवायद निगम ने तेज कर दी है। दिसंबर-2013 तक यात्रियों को यह सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। इस नई सुविधा से अभी जहां दो हजार यात्री प्रति मिनट टिकट बनवाते हैं वहीं यह बढ़कर 7200 हो जाएगी। 1भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) के अधिकारियों की मानें तो साफ्टवेयर की गति बढ़ते ही आरक्षण केंद्रों में लगने वाली यात्रियों की संख्या में तीस फीसद तक और कमी आएगी। आरक्षण केंद्रों में यात्रियों की भीड़ सिर्फ तत्काल के समय दिखेगी। वर्तमान में ऑनलाइन साइट अपनी सुस्त चाल के लिए यात्रियों के बीच जानी जाती है। तत्काल के समय यात्री अपनी आइडी से टिकट बनवा नहीं सकता। त्योहारों, छुट्टियों में यह साइट और धीमी गति से काम करती है। ऐसे में आइआरसीटीसी की वेबसाइट को दुरुस्त करने के लिए मुख्यालय स्तर पर लगातार प्रयास चल रहे हैं। इसी क्रम में वेबसाइट की गति बढ़ाने का निर्णय किया गया है। निगम अधिकारियों ने बताया कि एक दिन में 10.40 लाख यात्री नियमित रूप से बर्थ आरक्षित करवाते हैं। इनमें 4.5 लाख यात्री आइआरसीटीसी की वेबसाइट से टिकट बनवाते हैं। अफसरों का अनुमान है कि दिसंबर से यही ग्राफ दोगुना तक हो जाएगा। आइआरसीटीसी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक के अनुसार साफ्टवेयर की क्षमता दिसंबर-2013 तक तीन गुना बढ़ जाएगी। फिर आनलाइन टिकट कराने वाले यात्रियों की सारी शिकायतें दूर हो जाएंगी।


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पेंशन की टेंशन ने बढ़ाई आंदोलन की रफ्तार

 सात सौ किलोमीटर की साइकिल यात्र कर 22 को जुटेंगे कर्मचारी

कर्मचारियों को इस पर भी है शंका 1ल्ल पेंशनरों को प्राईवेट प्रबंधकों के बड़े-बड़े वेतन आदि खचरें को ङोलना पड़ सकता है। ल्ल यदि शेयर मार्केट को बड़ा झटका लगता है तब सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होगी। ल्ल कर्मचारियों का पैसा कहां लग रहा है पेंशनर को कोई जानकारी नहीं होगी। इससे नुकसान की आशंकाएं ज्यादा हैं। ल्ल पेंशन फंड को देशी एवं विदेशी पूंजीपतियों के निजी मुनाफे के खातिर उन्हें उपलब्ध कराने का कुचक्र है। ल्ल सेवानिवृत्त कर्मी बीच में आवश्यकता पड़ने पर धन प्राप्त नहीं कर सकेंगे। ल्ल सेवानिवृत्त के बाद अपने धन को संचित करने में काफी झंझटों का सामना करना होगा। ल्ल कंपनियों के दिवालिया हो जाने पर धन डूब जाएगा। ल्ल कंपनियों पर मुकदमा विदेश ही चलेगा। ल्ल प्रतिमाह कटने वाला धन शेयर मार्केट तक पहुंचा इसकी व्यवस्था भी पिछले छह वर्ष में राज्य सरकार नहीं कर पाई है तो लाभ तो दूर की बात है। अभी वह कटा हुआ धन अधिकांशत: ‘मिसलिनियस’ में डालकर अपने ऊपर खर्च कर रही हैं। ल्ल वर्ष 1999 में यूटीआई को शेयर मार्केट में 6200 करोड़ का घाटा हुआ। चूंकि हुआ है अत: इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, फिर कर्मचारियों का क्या होगा यह यक्ष प्रश्न है


अजय श्रीवास्तव1लखनऊ : लखनऊ से चला राज्य कर्मचारियों का जत्था 22 जुलाई को नई दिल्ली में होगा। छह सौ साइकिलों पर सवार राज्य कर्मचारी करीब सात सौ किलोमीटर की लंबी यात्र तय कर बाइस को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर नई पेंशन नीति का विरोध करेगा। नई पेंशन नीति को लेकर कर्मचारियों के आंदोलन की रफ्तार बता रही है कि उन्हें अपने बुढ़ापे की लाठी की चिंता सताने लगी है। 1वैसे तो नई पेंशन नीति का विरोध पहले भी होता रहा है, लेकिन राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने पांच सौ कर्मचारियों के साथ दस जुलाई को विधान भवन के सामने से दिल्ली का रास्ता तय कर आंदोलन में नई जान फूंक दी है। यही कारण है कि राज्य कर्मचारी महासंघ ने भी 19 जुलाई को लखनऊ में आयोजित अधिवेशन में नई पेंशन नीति का न सिर्फ विरोध किया, बल्कि तेरह सितंबर को संसद घेरने की चेतावनी दे डाली। 1दिल्ली यात्र पर निकले राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि नई पेंशन योजना में सरकार की मंशा है कि प्रत्येक कर्मचारी का एक परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर होगा जो टियर-1 कहलायेगा। उस खाते में वेतन ग्रेड वेतन महंगाई भत्ते के योग का 10 प्रतिशत काट कर तथा उतनी ही राशि सेवायोजक द्वारा जमा की जाएगी।1


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Friday, July 19, 2013

सर्व शिक्षा अभियान के तहत रिक्त पदों पर चयन की कार्यवाही करने के सम्बन्ध में आदेश

लखनऊ : सर्व शिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों-कर्मचारियों की भर्ती पर लगी रोक हटने के बाद प्रदेश में संविदा के चार हजार पद भरने की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इसका सीधा फायदा कस्तूरबा गांधी गांधी विद्यालयों, समेकित शिक्षा केंद्रों और ब्लॉक संसाधन केंद्रों को होगा।
कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में वार्डन और शिक्षकों की भर्ती संविदा पर की जाती है लेकिन स्थाई वेतनमान दिया जाता है। इसी तरह ब्लॉक संसाधन केन्द्रों पर सह-समन्वयकों और समेकित शिक्षा केंद्रों पर अनुदेशकों की भर्ती भी संविदा पर की जाती है। जिला स्तर पर इनकी भर्तियां होती हैं। इन भर्ती में अनियमितता की शिकायतें आने पर सरकार ने आठ नवम्बर-2012 को रोक लगा दी थी। नए सत्र में भर्तियां न होने से कस्तूरबा विद्यालयों और समेकित शिक्षा केंद्रों पर पढ़ाई का संकट खड़ा हो गया था। अब राज्य परियोजना निदेशक अमृता सोनी ने आदेश जारी कर भर्तियों पर लगी रोक हटा ली है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जल्द यह भर्तियां शुरू की जाएं ताकि नए सत्र में शिक्षण कार्य और अन्य कामकाज हो सके।


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