Saturday, July 20, 2013

पेंशन की टेंशन ने बढ़ाई आंदोलन की रफ्तार

 सात सौ किलोमीटर की साइकिल यात्र कर 22 को जुटेंगे कर्मचारी

कर्मचारियों को इस पर भी है शंका 1ल्ल पेंशनरों को प्राईवेट प्रबंधकों के बड़े-बड़े वेतन आदि खचरें को ङोलना पड़ सकता है। ल्ल यदि शेयर मार्केट को बड़ा झटका लगता है तब सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होगी। ल्ल कर्मचारियों का पैसा कहां लग रहा है पेंशनर को कोई जानकारी नहीं होगी। इससे नुकसान की आशंकाएं ज्यादा हैं। ल्ल पेंशन फंड को देशी एवं विदेशी पूंजीपतियों के निजी मुनाफे के खातिर उन्हें उपलब्ध कराने का कुचक्र है। ल्ल सेवानिवृत्त कर्मी बीच में आवश्यकता पड़ने पर धन प्राप्त नहीं कर सकेंगे। ल्ल सेवानिवृत्त के बाद अपने धन को संचित करने में काफी झंझटों का सामना करना होगा। ल्ल कंपनियों के दिवालिया हो जाने पर धन डूब जाएगा। ल्ल कंपनियों पर मुकदमा विदेश ही चलेगा। ल्ल प्रतिमाह कटने वाला धन शेयर मार्केट तक पहुंचा इसकी व्यवस्था भी पिछले छह वर्ष में राज्य सरकार नहीं कर पाई है तो लाभ तो दूर की बात है। अभी वह कटा हुआ धन अधिकांशत: ‘मिसलिनियस’ में डालकर अपने ऊपर खर्च कर रही हैं। ल्ल वर्ष 1999 में यूटीआई को शेयर मार्केट में 6200 करोड़ का घाटा हुआ। चूंकि हुआ है अत: इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, फिर कर्मचारियों का क्या होगा यह यक्ष प्रश्न है


अजय श्रीवास्तव1लखनऊ : लखनऊ से चला राज्य कर्मचारियों का जत्था 22 जुलाई को नई दिल्ली में होगा। छह सौ साइकिलों पर सवार राज्य कर्मचारी करीब सात सौ किलोमीटर की लंबी यात्र तय कर बाइस को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर नई पेंशन नीति का विरोध करेगा। नई पेंशन नीति को लेकर कर्मचारियों के आंदोलन की रफ्तार बता रही है कि उन्हें अपने बुढ़ापे की लाठी की चिंता सताने लगी है। 1वैसे तो नई पेंशन नीति का विरोध पहले भी होता रहा है, लेकिन राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने पांच सौ कर्मचारियों के साथ दस जुलाई को विधान भवन के सामने से दिल्ली का रास्ता तय कर आंदोलन में नई जान फूंक दी है। यही कारण है कि राज्य कर्मचारी महासंघ ने भी 19 जुलाई को लखनऊ में आयोजित अधिवेशन में नई पेंशन नीति का न सिर्फ विरोध किया, बल्कि तेरह सितंबर को संसद घेरने की चेतावनी दे डाली। 1दिल्ली यात्र पर निकले राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि नई पेंशन योजना में सरकार की मंशा है कि प्रत्येक कर्मचारी का एक परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर होगा जो टियर-1 कहलायेगा। उस खाते में वेतन ग्रेड वेतन महंगाई भत्ते के योग का 10 प्रतिशत काट कर तथा उतनी ही राशि सेवायोजक द्वारा जमा की जाएगी।1


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