आइआरसीटीसी दिसंबर तक बढ़ा देगा साफ्टवेयर की तीन गुना क्षमता 16 साढ़े चार लाख यात्री प्रतिदिन कराते हैं आनलाइन टिकट
लखनऊ
: ऑनलाइन टिकट करते समय अब आइआरसीटीसी की साइट हैंग नहीं करेगी और न ही
यात्रियों के पैसे उनके बैंक खाते से बिना टिकट बने ट्रांसफर होंगे। इसकी
कवायद निगम ने तेज कर दी है। दिसंबर-2013 तक यात्रियों को यह सुविधा मिलनी
शुरू हो जाएगी। इस नई सुविधा से अभी जहां दो हजार यात्री प्रति मिनट टिकट
बनवाते हैं वहीं यह बढ़कर 7200 हो जाएगी। 1भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन
निगम (आइआरसीटीसी) के अधिकारियों की मानें तो साफ्टवेयर की गति बढ़ते ही
आरक्षण केंद्रों में लगने वाली यात्रियों की संख्या में तीस फीसद तक और कमी
आएगी। आरक्षण केंद्रों में यात्रियों की भीड़ सिर्फ तत्काल के समय दिखेगी।
वर्तमान में ऑनलाइन साइट अपनी सुस्त चाल के लिए यात्रियों के बीच जानी
जाती है। तत्काल के समय यात्री अपनी आइडी से टिकट बनवा नहीं सकता।
त्योहारों, छुट्टियों में यह साइट और धीमी गति से काम करती है। ऐसे में
आइआरसीटीसी की वेबसाइट को दुरुस्त करने के लिए मुख्यालय स्तर पर लगातार
प्रयास चल रहे हैं। इसी क्रम में वेबसाइट की गति बढ़ाने का निर्णय किया गया
है। निगम अधिकारियों ने बताया कि एक दिन में 10.40 लाख यात्री नियमित रूप
से बर्थ आरक्षित करवाते हैं। इनमें 4.5 लाख यात्री आइआरसीटीसी की वेबसाइट
से टिकट बनवाते हैं। अफसरों का अनुमान है कि दिसंबर से यही ग्राफ दोगुना तक
हो जाएगा। आइआरसीटीसी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक के अनुसार साफ्टवेयर की
क्षमता दिसंबर-2013 तक तीन गुना बढ़ जाएगी। फिर आनलाइन टिकट कराने वाले
यात्रियों की सारी शिकायतें दूर हो जाएंगी।
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