माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की मंशा पर उठे सवाल1
जागरण
ब्यूरो, इलाहाबाद : माध्यमिक स्कूलों में रिक्त पदों पर भी चयनित
अभ्यर्थियों की नियुक्ति न किए जाने से माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की
मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इन अभ्यर्थियों को उन पदों पर भी नियुक्ति
नहीं किया जा रहा है, जो 2009 में हुई भर्ती के बाद भी रिक्त हैं।
अभ्यर्थियों के धरना प्रदर्शन पर बोर्ड के सचिव ने एक माह का समय समायोजन
के लिए मांगा था लेकिन वह समय बीत जाने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाए
गए।1माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने वर्ष 2009 और 2010 में
टीजीटी-पीजीटी के लगभग 11 हजार पदों पर अभ्यर्थियों का चयन किया था। इन्हें
विभिन्न स्कूलों में नियुक्ति दी गई। बोर्ड की गलती से इनमें से सैकड़ों
अभ्यर्थियों की नियुक्ति उन स्कूलों में कर दी गई जहां पद या तो रिक्त ही
नहीं थे या फिर समायोजन के बाद वहां किसी की नियुक्ति कर दी गई थी। ऐसे
अभ्यर्थियों के संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षकों ने अपनी रिपोर्ट भी
बोर्ड के पास भेज दी है। सूत्रों के अनुसार इसमें डेढ़ सौ पद ऐसे हैं
जिनमें अभ्यर्थियों ने किसी दूसरी नौकरी में चयनित हो जाने के कारण ज्वाइन
नहीं किया।
See also: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml
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