Friday, October 25, 2013

अब फर्जी बोर्ड के स्कूलों से होगी धन की रिकवरी


हर जिले में बनेगी जांच कमेटी

दस हजार स्कूलों को देना चाहते थे मान्यता1इस फर्जी बोर्ड की वेबसाइट ऐसी थी कि उसे देखकर स्कूल संचालक आसानी से फंस जाते थे। जांच में पता चला है कि बोर्ड निकट भविष्य में दस हजार स्कूलों को मान्यता देना चाहता था। आवेदन भी खूब आ रहे थे। ऑनलाइन फार्म भरने की सुविधा दी गई थी। 1 विदेशी ग्रांट पाने के लिए भी डायरेक्टर थाईलैंड सरकार के संपर्क में थे। खुद को बोर्ड का चेयरमैन बताने वाले गंजडुंडवारा निवासी गंगा दयाल शाक्य ने 160 अल्पसंख्यक विद्यालय शुरू करने का प्रस्ताव रखा था। इसके लिए पत्रचार भी हुआ। शातिरों ने पूरी प्रक्रिया का ब्योरा अपनी बेवसाइट पर भी डाल दिया था, ताकि लोगों को बोर्ड पर विश्वास हो सके। इतना ही नहीं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री कार्यालय समेत कई मुख्यमंत्रियों से किए गए पत्रचार का ब्योरा भी वेबसाइट पर है। 1 20


जागरण संवाददाता, एटा : बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजूकेशन मध्य भारत ग्वालियर से मान्यता लेकर कॉलेज संचालकों ने सरकारी धन की जमकर लूट की। विभिन्न निधियों के अलावा छात्रवृत्ति भी हथिया ली। फर्जी मान्यता वाले ऐसे विद्यालयों से अब सरकारी धन की रिकवरी की जाएगी। गबन का मुकदमा भी होगा। प्रदेश के हर जिले में ऐसे स्कूलों की जांच के लिए कमेटी बनेगी। 1मामले की जांच में जुटी एसटीएफ ने फर्जीवाड़े के खुलासे के पहले ही दिन स्पष्ट किया था कि इन स्कूलों के जरिए सरकार को भी चूना लगाया गया है। स्कूलों को विधायक निधियों से भी भवन निर्माण के लिए पैसा मिला था। कुछ स्कूलों ने गरीबों को निश्शुल्क शिक्षा देने के नाम पर सरकार की अनुदान योजना का भी लाभ लिया। 1दो सदस्यीय कमेटी : प्रदेश के हर जिले में ऐसे स्कूलों की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी में उपजिलाधिकारी और सहायक जिला विद्यालय निरीक्षक होंगे। कमेटी एक माह में जांच रिपोर्ट शासन को देगी। 1 पुरस्कार भी मिले : गंगा दयाल शाक्य को थाइलैंड के उप राष्ट्रपति डॉ. कान थमरान ने अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सम्मान दिया था। नवंबर 2011 में शाक्य को दिल्ली में सिक्किम के राज्यपाल वीपी सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री जीवीजी कृष्णमूर्ति ने भारत गौरव सम्मान से नवाजा था।


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