मूलनिवास प्रमाणपत्रों में फर्जीवाड़ा
तो नहीं
Updated on: Mon, 09 Sep 2013 08:37 PM (IST)
संबंधित आवेदकों का ब्योरा
नेट पर नहीं
फीरोजाबाद(टूंडल ा): गलती
करे कोई और
भरे कोई। तहसील
में कुछ ऐसा
ही हो रहा
है। तहसील में
निवास प्रमाण पत्र
बनवाने वाले आवेदकों
को असुविधाओं का
सामना करना पड़
रहा है। हाथ
में प्रमाण पत्र
किसी का जबकि
इंटरनेट पर किसी
और का दिखाई
दे रहा है।
ऐसी ही त्रुटियों
को सुधारने के
लिए आवेदक तहसील
के चक्कर लगा
रहे हैं। तहसील
से बनाए गए
कुलदीप कुमार पुत्र गोकुल
प्रसाद निवासी चुल्हावली के
नाम से निवास
प्रमाण पत्र तो
उसी का था,
फोटो भी चस्पा
था, लेकिन जब
इंटरनेट पर चेक
किया तो उस
पर दूसरे का
निकला। वह अपना
प्रमाण पत्र लेकर
तहसील कर्मचारियों के
चक्कर लगा रहा
है। वहीं संजीव
कुमार पुत्र दिगंबर
सिंह निवासी चुल्हावली
के हाथ में
जो निवास प्रमाण
था उसमें सबकुछ
ठीक था, लेकिन
इंटरनेट पर किसी
और का नाम
प्रदर्शित हो रहा
है। इंटरनेट पर
हुई खामी को
सही कराए जाने
के लिए ऐसे
ही आवेदक अपने
निवास प्रमाण पत्रों
को लेकर सोमवार
को तहसील के
चक्कर लगा रहे
थे।
कर्मचारियों
की करनी भुगत
रहे आवेदक
तहसील स्तर से
होने वाली त्रुटि
का खामियाजा कभी-कभी आवेदकों
को भुगतना पड़ता
है। जांच में
प्रमाण पत्र फर्जी
पाए जाने पर
संबधित आवेदक के खिलाफ
कार्रवाई की जाती
है, लेकिन वास्तविक
में गलती तहसील
स्तर से होती
है।
जांच के बाद
होगी कार्रवाई
यदि प्रमाण पत्र का
डाटा इंटरनेट पर
नहीं तो उक्त
प्रमाण पत्र फर्जी
है। हम अपने
स्तर से जांच
कराएंगे। यदि कोई
फर्जी प्रमाण पत्र
तैयार कर रहा
है, तो उसके
विरुद्ध कड़ी कार्रवाई
की जाएगी। पूर्व
में कुछ प्रमाण
पत्रों में सीरियल
नम्बर की गड़बड़
हो गई थी,
जिन्हें ठीक कराया
गया है।
-अतुल कुमार,
एसडीएम टूंडला।
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