• अमर उजाला ब्यूरो
संभल। मुअल्लिम-ए-उर्द
ू एसोसिएशन की
बैठक में हकीम
कमरुज्जमां ने कहा
कि पिछले डेढ़
दशक से सभी
सरकारें मुअल्लिमों को लगातार
नजरंदाज करती आ
रही हैं। अब
सांगठनिक रूप से
मजबूती बनाकर संघर्ष किया
जाएगा।
शहर के मैट्रो
हास्पिटल में आयोजित
बैठक में वक्ताओं
ने कहाकि 11 अगस्त-1997
को उर्दू मुअल्लिमों
से आवेदन मांगे
गए थे। बाद
में एक विज्ञान
के जरिये सभी
को बाहर का
रास्ता दिखा दिया
गया। न्यायालय ने
इस मामले में
11 अगस्त-1997 को अपील
में गए मुअल्लिमों
को नियुक्ति का
आदेश दिया। लेकिन
सरकार ने इसे
पिछली नियुक्तियों को
लेकर जारी आदेश
बताकर अवहेलना कर
दी। तब से
मुअल्लिम डिग्रीधारक लगातार संघर्ष
कर रहे हैं।
इसमें इफ्तेखार, नगीना,
शाजिया, ताहिर, मुहम्मद सुहेल,
मुहम्मद अथर, औरंगजेब
आदि शामिल थे।
अध्यक्षता शमीम अहमद
ने की, संचालन
मुहम्मद असद ने
किया।
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