लखनऊ ब्यूरो: प्रदेश की कौशल विकास नीति को मंजूरी मिल गई है। इस नीति का मुख्य मकसद
प्रदेश के 45 लाख युवाओं को दक्ष बनाकर रोजगार देना है। इसके लिए औद्योगिक
घरानों से करार किया जाएगा। यह जानकारी अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास
आयुक्त आलोक रंजन ने दी है। उन्होंने बताया कि कृषि के बाद अर्थव्यवस्था को
मजबूत बनाने वाला यह दूसरा सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र होगा।
प्रदेश
सरकार ने इस उद्देश्य के लिए कौशल विकास नीति बनाई है, जिसे अनुमोदित कर
दिया गया है। इसका अनुमोदन औद्योगिक घरानों की उपस्थिति में किया गया।
एलएंडटी के क्षेत्रीय प्रबंधक राजन मल्होत्रा, शाखा प्रबंधक संजू जॉन,
मारुति के महाप्रबंधक एमके गुप्ता और एकेडेमिक्स की निदेशक अंजनी सिंह से
विचार-विमर्श के बाद इसे अनुमोदित किया गया है। आलोक रंजन ने बताया कि यह
एक आदर्श स्थिति है जब प्रदेश के नवयुवकों के भविष्य निर्माण में सरकार के
साथ औद्योगिकक्षेत्र के बड़े रोजगारदाताओं को भी शामिल किया गया है। इस
नीति में सभी पूंजी निवेशकों के साथ एमओयू किया जाएगा। इसकी विशेषता यह
होगी कि युवकों में कौशल विकास के लिए सरकार के प्रयासों में औद्योगिक
घराने भागीदार बनेंगे। इसके पाठ्यक्रम में क्या-क्या रखा जाए, इस बाबत
औद्योगिक घरानों का मार्गदर्शन लिया जाएगा।
•प्रदेश की कौशल विकास नीति को मंजूरी
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