Updated on: Fri, 27 Sep 2013
01:02 AM (IST)
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वाराणसी
: टीईटी (टीचर इजीबिलिटि
टेस्ट-शिक्षक पात्रता
परीक्षा) पास कराने
के नाम पर
वर्ष 2010 में बेरोजगारों
से धोखाधड़ी कर
पैसा वसूलने के
मामले की जांच
शुरू हो गई
है। जांच अधिकारी
के समक्ष 6 अभ्यर्थियों
ने बयान में
फूलपुर थाना क्षेत्र
के एक शिक्षामाफिया
पर प्रत्येक छात्र
से दो-दो
लाख रुपये यानी
कुल 12 लाख रुपये
लेने का आरोप
लगाया है।
यह
जांच राज्य पिछड़ा
आयोग के निर्देश
पर हो रही
है। अभ्यर्थियों ने
आयोग में इसकी
शिकायत की थी।
आयोग के निर्देश
पर जिला प्रशासन
ने जांच की
जिम्मेदारी खंड शिक्षा
अधिकारी, पिंडरा अशोक कुमार
सिंह को सौंपी
है।
खंड
शिक्षा अधिकारी के कार्यालय
में गुरुवार को
जौनपुर जिले के
आधा दर्जन अभ्यर्थियों
का बुलाया गया
था। अभ्यर्थियों ने
बताया कि उक्त
शिक्षा माफिया ने तीन
किश्तों में पैसा
लिया। विश्वास में
लेने के लिए
परीक्षा के एक
दिन पूर्व परमानंदपुर
स्थित एक इंटर
कालेज में 35-36 छात्रों
को अलग कक्ष
में बैठाकर परीक्षा
भी दिलाने की
व्यवस्था की। टीईटी
परिणाम घोषित हुआ तो
वेबसाइट से फर्जी
अंकपत्र भी निकाल
कर दिया। रिजल्ट
फर्जी होने का
जब पता चला
तो सभी सन्न
रहे गए। राज्य
पिछड़ा आयोग समेत
अन्य अधिकारियों के
यहां प्रार्थना पत्र
देकर न्याय की
गुहार लगाई। हालांकि
जांच अधिकारी ने
इस संबंध में
कुछ भी बताने
से इंकार कर
दिया किंतु शिकायत
करने वालों की
लंबी फेहरिस्त बतायी
जा रही है।
प्रदेश स्तर पर
उच्च स्तरीय टीम
पहले से ही
टीईटी- 2010 परीक्षा में हुए
फर्जीवाड़े की जांच
कर रही है।
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