By; Sooraj Shukla
सुप्रीम
कोर्ट के आदेश
पर लीपापोती करते
हुए राज्य सरकार
द्वारा चौथी काउंसलिंग
के नाम पर
केवल खानापूर्ति कराई
गई। चौथी काउंसलिंग
में अभ्यर्थियों का
आर्थिक-मानसिक शोषण और
उन्हें शारीरिक यंत्रणा देने
के अलावा कुछ
भी नहीं किया
गया :
..... पहली तीन
काउंसलिंग में जहा
अभ्यर्थियों के अंकपत्रो/प्रमाणपत्रो का मूल
प्रमाणपत्रो से जांच
कराया गया था
वही इस बार
किसी भी डायट
में अभ्यर्थियों द्वारा
जमा की जा
रही कागजातों की
फ़ाइल को खोला
तक नहीं गया।
किसी भी डायट
में अधिकारियों/ कर्मचारियों
ने यह तक
जानने की कोशिस
नहीं की कि
कौन कौन से
कागजात अभ्यर्थियों ने फाइलो
में संलग्न किये
है।