Friday, October 18, 2013

टीईटी को आसान बनाने की कवायद शुरू




भाषा की परीक्षाएं आयोजित किए जाने पर जोर

जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : राज्य शैक्षिक पात्रता परीक्षा के सफल आयोजन के बाद परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने इसकी खामियों को दूर करने की कवायद भी तेज कर दी है। इसके तहत परीक्षा को और सहज बनाया जाएगा। कार्यालय ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार करके राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद को भेज दिया है। इसमें वैकल्पिक प्रश्नों पर जोर देते हुए निबंध की अनिवार्यता खत्म करने की बात कही गई है। राज्य शैक्षिक पात्रता परीक्षा-2013 में अपेक्षा से कम अभ्यर्थियों के सफल होने बाद से ही इस परीक्षा में बदलाव की आवाजें उठनी शुरू हो गई थीं। सबसे अधिक विरोध निबंध का प्रश्न रखने पर था। तर्क यह था कि इसमें एक समान ढंग से अभ्यर्थियों को नंबर देना संभव नहीं है। इसके बाद अधिकारियों ने इस दिशा में विचार करना शुरू किया। यह भी माना गया कि पिछली परीक्षा चार स्तरों पर आयोजित होने के कारण भी परेशानी हुई। इस वजह से आपत्तियों की संख्या भी बढ़ी। नए प्रस्ताव में सिर्फ प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर ही परीक्षा आयोजित करने की बात कही गई है। अभ्यर्थी इसके चयन के लिए स्वतंत्र होंगे। इससे पहले हुई परीक्षा में भाषा के प्रश्नपत्र अलग थे। भाषा के सवालों को अब प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर ही शामिल कर लिया जाएगा। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के सूत्रों के अनुसार राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद की अगली बैठक में यह प्रस्ताव रखा जाएगा। यदि मंजूरी मिल जाती है तो अगली परीक्षा इसके आधार पर ही संपन्न कराई जाएगी।
 


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किश्तों में सवा लाख रिक्तियां, भर्ती किसी में नहीं


पहले की भर्ती अभी तक पूरी नहीं दूसरी-तीसरी के लिए जारी कर दिया नया विज्ञापन

इलाहाबाद। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में लगभग 73 हजार रिक्त पदों पर भर्ती के लिए दो बार विज्ञापन जारी हो चुका है, अभ्यर्थियों ने मोटी रकम खर्च कर आवेदन किया लेकिन भर्तियां अब तक अटकी हैं। उसके बाद से अब तक किश्तों किश्तों में लगभग 50 हजार पदों का विज्ञापन जारी किया गया लेकिन उन्हें भरा नहीं गया। कभी टीईटी पास करने वाले बीएड बेरोजगारों के लिए रिक्तियों की घोषणा करती है तो कभी उर्दू और विज्ञाग-गणित के शिक्षकों के आवेदन मांगती है लेकिन पदों को कब भरा जाएगा इसके बारे में जवाब देने वाला कोई नहीं है।
बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में खाली पदों को भरने केलिए सबसे पहले 2011 में लगभग 73 हजार पदों की घोषणा की थी। इन पदों को भरने केलिए सरकार ने टीईटी की मेरिट के आधार पर चयन की घोषणा की थी। चयन प्रक्रिया पूरी होने से पहले आने वाली अड़ंगेबाजी के कारण इन पदों को नहीं भरा जा सका। इसके बाद प्रदेश में नई सरकार बन गई। व्यवस्था में बदलाव का खामियाजा आवेदकों को भुगतना पड़ा।
नई सरकार ने एनसीटीई की अनुमति से फिर से पदों की घोषणा का निर्णय लिया। दोबारा 2012 में जारी पदों के लिए चयन का मानक बदल गया। इस बार सरकार ने आवेदकों के शैक्षिक गुणांक के आधार पर भर्ती का निर्णय लिया। इसके बाद पहली बार आवेदन करने वाले कुछ अभ्यर्थी कोर्ट चले गए। इन अभ्यर्थियों ने टीईटी मेरिट के आधार चयन की मांग की। इसके बाद से पूरी भर्ती प्रक्रिया विवादों में फंसी है। दो-दो बार आवेदन के बाद अभी तक प्रदेश सरकार बीएड बेरोजगारों को भर्ती नहीं कर सकी। बीएड बेरोजगारों के लिए परेशानी यह है कि यह उनके लिए अंतिम मौका है। इसके बाद परिषदीय विद्यालयों में मात्र बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी अभ्यर्थियों की भर्ती की जाएगी।
इन पदों के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों ने चयन पक्का करने के लिए प्रदेश केसभी 71 जिलों से आवेदन किया। इस प्रक्रिया में एक-एक अभ्यर्थी ने 30 से 35 हजार रूपये खर्च कर दिए। इसके बाद भी नौकरी की संभावना दिखाई नहीं दे रही। प्रदेश सरकार से कोर्ट में सही पैरवी करने की मांग को लेकर टीईटी पास अभ्यर्थी पिछले एक महीने से शिक्षा निदेशालय के सामने अनशन पर बैठे हैं।
इन पदों की घोषणा के बाद सरकार ने उर्दू शिक्षकों के 4280 पदों की घोषणा कर दी। इन पदों के लिए सरकार ने मोअल्लिम योग्यता मांगी है। इन पदों के लिए काउंसलिंग इसी महीने होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। जूनियर टीईटी पास अभ्यर्थियों के लिए 29334 पदों की घोषणा की गई। इन पदों के लिए शैक्षिक अर्हता विज्ञान एवं गणित में स्नातक मांगी गई। सरकार ने आवेदन के समय इन पदों की भर्ती के लिए बीटेक, बीफार्मा अभ्यर्थियों को छूट दे दी। बाद में इन पदों के लिए मात्र बीएससी ही अर्हता रखी गई। ऐसे में इन पदों को भरने के दौरान विवाद की संभावना बन रही है। अभी इन पदों को भरा नहीं गया और अब 10880 पदों पर भर्ती के लिए बृहस्पतिवार से आवेदन शुरू हो गया। पुरानी रिक्तियों को भरे बिना नई नई रिक्तियां घोषित करने से अभ्यर्थियों की जेब तो ढीली हो ही रही है, साल भी बर्बाद हो रहा है।
•अभ्यर्थियों की ढीली हो रही जेब, साल बर्बाद होने से हो रहे ओवरएज
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Thursday, October 17, 2013

यूपी और बिहार में चलेगा मोदी का जादू, पर दिल्ली दूर: सर्वे

vote on casteनई दिल्ली। साल 2014 में होने वाले आम चुनावों में क्षेत्रीय पार्टियां अहम भूमिका निभाने जा रही हैं। 543 सदस्यीय लोकसभा में क्षेत्रीय पार्टियों को कम से कम 240 सीटें मिलेंगी और सरकार बनाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी। बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी भी पार्टी की नैया पार नहीं लगा पाएंगे। उन्हें पीएम बनने के लिए क्षेत्रीय पार्टियों का सहारा लेना पड़ेगा। एक सर्वे में ऐसा दावा किया गया है।
यूपीए पर भारी एनडीए

इंडिया टीवी-टाइम्स नाउ-सी वोटर के सर्वे में बताया गया है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एनडीए को सत्ताधारी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यूपीए से ज्यादा सीटें हासिल होंगी। सर्वे के मुताबिक जहां एनडीए 2009 के संख्या बल 159 से ज्यादा 186 सीटें हासिल करेगा, वहीं कांग्रेस की अगुवाई में यूपीए 259 से खिसक कर 117 पर आ जाएगा।
  
क्षेत्रीयों दलों के हाथ रहेगी चाबी
आम चुनाव के बाद केंद्र में सरकार के गठन की चाबी क्षेत्रीय दलों के हाथ में होगी। एआईएडीएमके, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, वाम मोर्चा, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति यानि टीआरएस) महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगी।

102 पर सिमटेगी कांग्रेस
सर्वे के मुताबिक एनडीए को 35 प्रतिशत, यूपीए को 27 प्रतिशत और क्षेत्रीय पार्टियों को 38 प्रतिशत मत मिलेंगे। पार्टीवार ब्योरे में कहा गया है कि कांग्रेस को 2009 में मिले 206 सीटों के मुकाबले 102 सीटें मिलेंगी और बीजेपी जिसे पिछले चुनाव में 116 सीटें मिली थी, को 162 सीटों पर जीत हासिल होगी।

बिहार में जेडीयू को झटका
वाम मोर्चा 32 सीटें, बीएसपी 31, एआईएडीएमके 28, सपा 25, तृणमूल 23 आरजेडी 14 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है। आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस और टीआरएस 13 सीटों पर कब्जा कर सकती हैं। बिहार में सत्ताधारी जनता दल युनाइटेड को सिर्फ 9 सीटें ही मिल सकती हैं। पिछले चुनाव में पार्टी को 20 सीटें मिली थी। तमिलनाडु में विपक्षी डीएमके की मौजूदा सदस्य संख्या 18 से घटने की आशंका है और पार्टी को 5 सीटें ही मिल सकती हैं।
मोदी का चलेगा जादू-सर्वे

वहीं इकोनॉमिक्स टाइम्स और नील्सन के सर्वे के मुताबिक उत्तर प्रदेश और बिहार में मोदी के पक्ष में माहौल बनता जा रहा है। इन दोनों राज्यों में हर दूसरा वोटर मोदी की पीएम पद की उम्मीदवारी का समर्थन करता दिख रहा है। मोदी यूपी और बिहार में राहुल गांधी से बहुत आगे निकलते दिख रहे हैं।
सर्वे में शामिल यूपी के 50 फीसदी लोग मोदी को प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं। वहीं, बिहार में 47 प्रतिशत लोगों की ऐसी इच्छा है। उधर, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश में महज 9 फीसदी लोग बतौर प्रधानमंत्री देखना चाहते हैं। लेकिन बिहार में राहुल के लिए ज्यादा समर्थन है, यहां 19 फीसदी लोग उन्हें पीएम के रूप में देखना चाहते हैं। राहुल गांधी मोदी से हर तरह के वोटरों के समूह से पिछड़ते दिख रहे हैं। स्त्री-पुरुष, उम्र या शहरी-ग्रामीण जैसे हर किस्म के वोटरों के समूह में मोदी राहुल पर भारी हैं। खास तौर पर युवा मोदी की ओर आकर्षित हैं।
सर्वे कहता है कि नरेंद्र मोदी फैक्टर के चलते बीजेपी को यूपी और बिहार में फायदा हो सकता है। सर्वे के मुताबिक यूपी में बीजेपी को 2009 में 10 सीटों के मुकाबले इस बार 27 सीटें मिल सकती हैं। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को घाटा हो सकता है जबकि बीएसपी पुराने आंकड़े के आसपास ही रह सकती है। सर्वे के मुताबिक सपा को 16, बीएसपी को 20, कांग्रेस को 12 सीटें मिल सकती हैं। इसी तरह बिहार में बीजेपी को 17, जेडीयू को 10, कांग्रेस को 4 और आरजेडी को 5 सीटें मिलने का अनुमान है। बिहार में जेडीयू को 2009 में 20, जबकि बीजेपी को 12 सीटें मिली थीं।
(एजेंसी के साथ)


पारदर्शिता के लिए हेल्पलाइन स्थापित

 
-ग्राम पंचायत अधिकारियों के रिक्त पदों की भर्ती का मामला

-जिला मंडल स्तर पर भी जारी होंगे हेल्प लाइन नंबर : बलराम यादव

लखनऊ। पंचायती राज विभाग ने ग्राम पंचायत अधिकारियों के रिक्त पदों से संबंधित जानकारियों के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी किए हैं। पंचायतीराज मंत्री बलराम यादव ने व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए जिला स्तर पर भी हेल्प लाइन नंबर जारी करने के निर्देश दिए हैं।
पंचायतीराज मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के क्षेत्र के बाहर समूह के ग्राम पंचायत अधिकारियों के रिक्त पदों की भर्ती का विज्ञापन प्रकाशित होने के बाद से बड़ी संख्या में आवेदन पत्र भी प्राप्त हो रहे हैं। इस संबंध में जन सामान्य की समस्याएं तथा शिकायतें भी प्राप्त हो रही हैं। आवेदकों की समस्याओं और संबंधित जानकारी देने के लिए निदेशक पंचायती राज के यहां दूरभाष नंबर 0522.2286641 तथा संयुक्त निदेशक पंचायती राज के यहां दूरभाष संख्या 0522.2286795 हेल्प लाइन स्थापित कर दी गयी है। श्री यादव ने बताया कि जनपद स्तर पर हेल्प लाइन स्थापित करने के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी एवं मंडल स्तर पर मंडलीय उपनिदेशक पंचायती राज के निर्देश दिये गये हैं कि वे शीघ्र हेल्प लाइन स्थापित कर उसके नंबर जारी करें। उन्होंने बताया कि इसके लिए राज्य, मंडल एवं जिला स्तर पर एक रजिस्टर भी रखा जाएगा, जिसमें प्राप्त शिकायतों का पूर्ण विवरण अंकित किया जाएगा।ग्राम पंचायत अधिकारियों के रिक्त पदों की भर्ती का मामला
जिला मंडल स्तर पर भी जारी होंगे हेल्प लाइन नंबर : बलराम यादव


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ढीली पैरवी से फंसी है शिक्षक भर्ती



अमर उजाला ब्यूरो

इलाहाबाद। नियुक्ति की मांग को लेकर क्रमिक अनशन पर बैठे टीईटी पास अभ्यर्थियों का आंदोलन बुधवार को 30 वें दिन भी जारी रहा। आंदोलनकारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार की ढीली पैरवी के कारण शिक्षक भर्ती का मामला फंसा हुआ है। भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग को लेकर टीईटी पास अभ्यर्थी शिक्षा निदेशालय के सामूने अनशन पर बैठे हैं। आंदोलनकारियों के समर्थन में इविवि के छात्र नेता अरूण सिंह ने अनशन स्थल पर पहुंच उनकी मांगों का समर्थन किया। आंदोलनकारी छात्र दीपेन्द्र बहादुर ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने सलाहकारों के कारण भ्रम की स्थिति में है।

अनशनकारी छात्र 17 अक्तूबर को 11.30 बजे अनशन स्थल से शांति मार्च निकालेंगे। शांति मार्च एकलव्य चौराहे से विवेकानंद चौराहा होते हुए सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेगा। अनशन स्थल पर आरती गुप्ता, ओम प्रकाश, हिमांशु यादव, राम प्रकाश पटेल, प्रिया, मनोज कुमार यादव सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

टीईटी अभ्यर्थियों का अनशन 30 वें दिन भी जारी
 


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शिक्षा मित्रों को फिर मानदेय बढ़ाए जाने का लालीपाप



अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। शिक्षा मित्रों को एक बार फिर से मानदेय बढ़ाए जाने का लालीपाप दिया जा रहा है। इसबार 3500 से बढ़ाकर 8500 रुपये मानदेय किए जाने का आश्वासन दिया जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र भेज दिया गया है। पर शिक्षा मित्रों का कहना है कि पहले चरण में प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों के समायोजन के संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने के समय मानदेय बढ़ाने का आदेश जारी किया जाना चाहिए।
उत्तर प्रदेश में मौजूदा समय 1.56 लाख शिक्षा मित्र प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे हैं। वर्ष 2011 में प्रदेश की तत्कालीन सरकार ने शिक्षा मित्रों को पत्राचार के माध्यम से दो वर्षीय बीटीसी का प्रशिक्षण देकर शिक्षक पद पर समायोजित करने का आदेश जारी किया था। पर वर्तमान सरकार प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों को समायोजित करने के संबंध में स्पष्ट नीति नहीं जारी कर रही है। आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र कुमार शाही का कहना है कि शिक्षा मित्रों के मानदेय बढ़ाने की मांग काफी समय से की जा रही है।
राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था जिसे वापस कर दिया गया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राज्य सरकार से कहा कि पहले वह मानदेय बढ़ाने संबंधी शासनादेश जारी करे, इसके बाद प्रस्ताव भेजे। राज्य सरकार फिर भी मानदेय बढ़ाने संबंधी शासनादेश जारी किए बिना ही प्रस्ताव मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजा है। इसलिए सरकार को पहले स्थिति स्पष्ट करना चाहिए। उसे आदेश जारी करना चाहिए कि प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षा मित्रों को कब समायोजित किया जाएगा और शिक्षक बनाए जाने तक उन्हें मानदेय बढ़ाए जाने संबंधी आदेश जारी किया जाना चाहिए।

3500 से 8500 करने के लिए केंद्र को भेजा पत्र
 


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