भाषा
की परीक्षाएं न
आयोजित किए जाने
पर जोर
जागरण
ब्यूरो, इलाहाबाद : राज्य शैक्षिक
पात्रता परीक्षा के सफल
आयोजन के बाद
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय
ने इसकी खामियों
को दूर करने
की कवायद भी
तेज कर दी
है। इसके तहत
परीक्षा को और
सहज बनाया जाएगा।
कार्यालय ने इसके
लिए प्रस्ताव तैयार
करके राज्य शैक्षिक
अनुसंधान परिषद को भेज
दिया है। इसमें
वैकल्पिक प्रश्नों पर जोर
देते हुए निबंध
की अनिवार्यता खत्म
करने की बात
कही गई है।
राज्य शैक्षिक पात्रता
परीक्षा-2013 में अपेक्षा
से कम अभ्यर्थियों
के सफल होने
बाद से ही
इस परीक्षा में
बदलाव की आवाजें
उठनी शुरू हो
गई थीं। सबसे
अधिक विरोध निबंध
का प्रश्न रखने
पर था। तर्क
यह था कि
इसमें एक समान
ढंग से अभ्यर्थियों
को नंबर देना
संभव नहीं है।
इसके बाद अधिकारियों
ने इस दिशा
में विचार करना
शुरू किया। यह
भी माना गया
कि पिछली परीक्षा
चार स्तरों पर
आयोजित होने के
कारण भी परेशानी
हुई। इस वजह
से आपत्तियों की
संख्या भी बढ़ी।
नए प्रस्ताव में
सिर्फ प्राथमिक और
उच्च प्राथमिक स्तर
पर ही परीक्षा
आयोजित करने की
बात कही गई
है। अभ्यर्थी इसके
चयन के लिए
स्वतंत्र होंगे। इससे पहले
हुई परीक्षा में
भाषा के प्रश्नपत्र
अलग थे। भाषा
के सवालों को
अब प्राथमिक और
उच्च प्राथमिक स्तर
पर ही शामिल
कर लिया जाएगा।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय
के सूत्रों के
अनुसार राज्य शैक्षिक अनुसंधान
परिषद की अगली
बैठक में यह
प्रस्ताव रखा जाएगा।
यदि मंजूरी मिल
जाती है तो
अगली परीक्षा इसके
आधार पर ही
संपन्न कराई जाएगी।
See also: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml
No comments:
Post a Comment