Sunday, October 13, 2013

शिक्षक भर्ती के लिए अब ऑनलाइन आवेदन


-अब तक की सबसे बड़ी भर्ती की तैयारी में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड

• अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद। प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में खाली पदों को भरने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जाएगा। चयन बोर्ड की ओर से प्रदेश भर में खाली शिक्षकों के पदों को भरने के लिए शासन के पास प्रस्ताव भेजकर पदों के विज्ञापन की अनुमति मांगी गई है।
चयन बोर्ड अपने गठन के बाद सबसे अधिक खाली पदों पर भर्ती के लिए इस बार ऑनलाइन आवेदन की तैयारी में है। प्रदेश भर से चयन बोर्ड को टीजीटी और पीजीटी के सात हजार से अधिक खाली पदों पर भर्ती परीक्षा आयोजित करनी है। बोर्ड की ओर से जून 2015 तक खाली होने वाले पदों के लिए भर्ती की तैयारी की गई है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में नए अध्यक्ष और सदस्यों के आने के बाद प्रदेश भर के जिला विद्यालय निरीक्षकों से खाली पदों का अधियाचन मांगा गया था। उन्हांेने टीजीटी-पीजीटी के खाली लगभग सात हजार पदों का अधियाचन चयन बोर्ड को भेजा। आठ अक्तूबर को हुई चयन बोर्ड की पूर्ण बैठक में टीजीटी-पीजीटी की भर्ती के लिए बदले नियमों को मंजूरी दे दी गई।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. देवकी नंदन शर्मा ने बताया कि इन पदों की संख्या अधिक होने से आवेदकों का संख्या में इजाफा होने की भी संभावना है। ऐसे में ऑनलाइन आवेदन करने का फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए ऑफलाइन आवेदन किया जा सकता है। बताया कि 2011 में 1872 पदों के लिए लगभग पांच लाख आवेदन आए थे अब पदों की संख्या सात हजार पहुंच गई है तो कम से कम 10 लाख आवेदन आने की संभावना है। अध्यक्ष ने बताया कि परीक्षा नियमों में हुए परिवर्तन को मंजूरी के लिए शासन को भेज दिया गया है।


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Thursday, October 10, 2013

पृथ्वी से सूर्य तक कि दुरी

आज से हजारो साल पहले हनुमान
चालिसा ने एक श्लोक मेँ पृथ्वी से
सूर्य तक कि दुरी बतादी थीँ
" युग सहस्त्र योजन पर भानु
लीजो ताहीँ मधुर फ़ल जानू ।। "
युग = 12000
सहस्त्र = 1000
1 योजन = 8 मील
युग x सहस्त्र x योजन
12000 x 1000 x 8 मील
1 मील = 1.6 K.M
तो 96000000 मील = 96000000 x
1.6 किलो मीटर =
1536000000
( EXACTLY NASA की ख़ोज )
जय हनुमानजी महाराज


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पदों की संख्या बढाकर अब साढ़े सात हजार उर्दू शिक्षकों की भर्ती की तैयारी

  • पदों की अंतिम संख्या के लिए चल रहा मंथन 
  • इसके पहले 4280  पदों के लिए अगस्त में मांगे गए थे आवेदन 
  • परिषद ने  पदों को बढाकर लगभग सात हजार करने का प्रस्ताव भेजा


खबर साभार : हिन्दुस्तान


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कोर्ट के एक फैसले से खुली दो हजार नौकरियां



उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरियों में नि:शक्तजन के दो हजार से अधिक पद खाली हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र और सभी राज्य सरकारों को नौकरी में नि:शक्तों को तीन फीसदी आरक्षण देने का फैसला सुनाया है।
लेकिन उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट पिछले जुलाई में ही इस संबंध में राज्य सरकार को सख्त निर्देश
जारी कर चुका है। हाईकोर्ट ने 1997 से 2010 के बीच विभिन्न विभागों की भर्तियों में
नि:शक्तजनों को नौकरी देने पर नाराजगी जताई थी।
इसके बाद सरकारी मशीनरी हरकत में आई और विशेष अभियान चलाकर भर्ती शुरू की गई। सितंबर तक प्रदेश के कुल 76 विभागों में नि:शक्तों के खाली 3959 पदों में से 1940 पद ही भरे जा सके हैं। खुद मुख्य सचिव जावेद उस्मानी लगातार
इसकी समीक्षा कर रहे हैं।
 


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बीटीसी 2013: 38 जिलों में नई संबद्धता अधर में




Updated on: Thu, 10 Oct 2013 01:50 AM (IST)
बड़ौत : निजी संस्थानों को बीटीसी एनटीटी के शिक्षण सत्र 2013-14 के लिए दी जाने वाली संबद्धता अधर में लटक गई है। निर्धारित समय तक एससीईआरटी को आवेदक संस्थानों के स्थलीय निरीक्षण की आख्या नहीं भेजी गई है। इस संबंध में 38 जिलों के डायट प्राचार्यो से जवाब-तलब किया गया है।
शासन ने इस वर्ष बड़ी संख्या में निजी संस्थानों को बीटीसी की संबद्धता देने का निर्णय लिया था। इसी वर्ष पहले चरण में सत्र 2012-13 के लिए बड़ी संख्या में निजी संस्थानों को मान्यता दी जा चुकी है। इसके बाद शासन ने सत्र 2013-14 के लिए गत 21, 22 जून और नौ जुलाई को बीटीसी एनटीटी पाठ्यक्रम संचालन हेतु संबद्धता के लिए विज्ञप्ति जारी की थी।
इसके सापेक्ष प्रदेश के सैकड़ों निजी संस्थानों ने आवेदन किए गए। आवेदक संस्थानों का स्थलीय निरीक्षण संबंधित जिले की डायट द्वारा किया जाना था और आख्या 27 सितंबर तक परिषद में जमा कराई जानी थी। गत 30 सितंबर को परिषद में समीक्षा बैठक के दौरान 38 जिलों की निरीक्षण आख्या उपलब्ध नहीं पाई गई। इस संबंध में एससीईआरटी निदेशक सर्वेंद्र बहादुर सिंह ने संबंधित जिलों के डायट प्राचार्यो को पत्र भेजकर कड़ी आपत्ति दर्ज की है।
भेजे पत्र में कहा गया है कि प्राचार्यो के अनुत्तरदायी पूर्ण आचरण के चलते बीटीसी की संबद्धता में विलंब हुआ है। प्राचार्यो को 10 अक्टूबर तक स्पष्टीकरण और वांछित आख्या के साथ परिषद के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है। इस संबंध में डायट प्राचार्य इंदुबाला गौड़ का कहना है कि मुजफ्फरनगर दंगों के चलते निरीक्षण में विलंब हुआ है, क्योंकि सभी अधिकारियों की ड्यूटी दंगों में लगी थी।
यह हैं जिले
इनमें हाथरस, अलीगढ़, एटा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, अमेठी, बाराबंकी, गोंडा, बहराइच, जालोन, झांसी, उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, इलाहाबाद, प्रतापगढ़, फतेहपुर, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, आजमगढ़, मऊ, बलिया, वाराणसी, जौनपुर, चंदौली, गाजीपुर, संत रविदास नगर, बिजनौर, कानपुर, फार्रूखाबाद, कन्नौज, ओरैया जिले शामिल हैं।
 


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