बड़ौत
: निजी संस्थानों को बीटीसी
व एनटीटी के
शिक्षण सत्र 2013-14 के लिए
दी जाने वाली
संबद्धता अधर में
लटक गई है।
निर्धारित समय तक
एससीईआरटी को आवेदक
संस्थानों के स्थलीय
निरीक्षण की आख्या
नहीं भेजी गई
है। इस संबंध
में 38 जिलों के डायट
प्राचार्यो से जवाब-तलब किया
गया है।
शासन
ने इस वर्ष
बड़ी संख्या में
निजी संस्थानों को
बीटीसी की संबद्धता
देने का निर्णय
लिया था। इसी
वर्ष पहले चरण
में सत्र 2012-13 के
लिए बड़ी संख्या
में निजी संस्थानों
को मान्यता दी
जा चुकी है।
इसके बाद शासन
ने सत्र 2013-14 के
लिए गत 21, 22 जून
और नौ जुलाई
को बीटीसी व
एनटीटी पाठ्यक्रम संचालन हेतु
संबद्धता के लिए
विज्ञप्ति जारी की
थी।
इसके
सापेक्ष प्रदेश के सैकड़ों
निजी संस्थानों ने
आवेदन किए गए।
आवेदक संस्थानों का
स्थलीय निरीक्षण संबंधित जिले
की डायट द्वारा
किया जाना था
और आख्या 27 सितंबर
तक परिषद में
जमा कराई जानी
थी। गत 30 सितंबर
को परिषद में
समीक्षा बैठक के
दौरान 38 जिलों की निरीक्षण
आख्या उपलब्ध नहीं
पाई गई। इस
संबंध में एससीईआरटी
निदेशक सर्वेंद्र बहादुर सिंह
ने संबंधित जिलों
के डायट प्राचार्यो
को पत्र भेजकर
कड़ी आपत्ति दर्ज
की है।
भेजे
पत्र में कहा
गया है कि
प्राचार्यो के अनुत्तरदायी
पूर्ण आचरण के
चलते बीटीसी की
संबद्धता में विलंब
हुआ है। प्राचार्यो
को 10 अक्टूबर तक
स्पष्टीकरण और वांछित
आख्या के साथ
परिषद के समक्ष
उपस्थित होने को
कहा गया है।
इस संबंध में
डायट प्राचार्य इंदुबाला
गौड़ का कहना
है कि मुजफ्फरनगर
दंगों के चलते
निरीक्षण में विलंब
हुआ है, क्योंकि
सभी अधिकारियों की
ड्यूटी दंगों में लगी
थी।
यह
हैं जिले
इनमें
हाथरस, अलीगढ़, एटा, मेरठ,
बागपत, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर,
शामली, सहारनपुर, अमेठी, बाराबंकी,
गोंडा, बहराइच, जालोन, झांसी,
उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, इलाहाबाद,
प्रतापगढ़, फतेहपुर, आगरा, फिरोजाबाद,
मैनपुरी, आजमगढ़, मऊ, बलिया,
वाराणसी, जौनपुर, चंदौली, गाजीपुर,
संत रविदास नगर,
बिजनौर, कानपुर, फार्रूखाबाद, कन्नौज,
ओरैया जिले शामिल
हैं।
See also: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml
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