उत्तर
प्रदेश में सरकारी
नौकरियों में नि:शक्तजन के दो
हजार से अधिक
पद खाली हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार
को केंद्र और
सभी राज्य सरकारों
को नौकरी में
नि:शक्तों को
तीन फीसदी आरक्षण
देने का फैसला
सुनाया है।
लेकिन
उत्तर प्रदेश में
हाईकोर्ट पिछले जुलाई में
ही इस संबंध
में राज्य सरकार
को सख्त निर्देश
नि:शक्तजनों को नौकरी
न देने पर
नाराजगी जताई थी।
इसके
बाद सरकारी मशीनरी
हरकत में आई
और विशेष अभियान
चलाकर भर्ती शुरू
की गई। सितंबर
तक प्रदेश के
कुल 76 विभागों में नि:शक्तों के खाली
3959 पदों में से
1940 पद ही भरे
जा सके हैं।
खुद मुख्य सचिव
जावेद उस्मानी लगातार
इसकी
समीक्षा कर रहे
हैं।
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