Wednesday, September 11, 2013

शिक्षामित्रों को मिलेगा ऑनलाइन मानदेय



  • विभाग ने शुरू की प्रक्रिया
  • 2000 से अधिक शिक्षामित्र होंगे लाभान्वित
  • ग्राम शिक्षा समितियों से दिया जाता है मानदेय

  

चंदौसी। बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन सेवारत जिले के शिक्षामित्रों का मानदेय जल्दी ही ऑनलाइन किया जाएगा। सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत कार्यरत शिक्षामित्रों को कुछ दिन इंतजार करना पड़ेगा।
परिषदीय स्कूलों में दो तरह के शिक्षामित्र कार्य कर रहे हैं। एक वे हैं जिन्हें बेसिक शिक्षा परिषद ने विभागीय स्तर पर नियुक्त किय है इनकी संख्या मुरादाबाद और संभल जिले में कुल मिलाकर 30-35 ही है। जबकि सर्व शिक्षा अभियान के तहत 2000 से अधिक शिक्षामित्र सेवारत हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के लेखाधिकारी विपिन कुमार वर्मा ने बताया परिषद के शिक्षामित्रों का मानदेय सीधे उनके खाते में आएगा। अभी तक ग्राम प्रधान और प्रधानाध्यापक के संयुक्त खाते में मानदेय भेजे जाने की प्रक्रिया है। लेकिन अब शासन के आदेश गए हैं कि शिक्षामित्रों को ऑनलाइन मानदेय का भुगतान किया जाए। इसके तहत डाटा तैयार किया जा रहा है।

वहीं सर्व शिक्षा अभियान के लेखाधिकारी शैलेंद्र कुमार टंडन ने बताया कि सोमवार को शासन स्तर पर बैठक हुई है। जिसमें कहा गया है कि परिषद की तरह सर्व शिक्षा अभियान के शिक्षामित्रों को भी मानदेय ऑनलाइन भेजा जाए। इसके लिए परिषद के सॉफ्टवेयर और प्रक्रिया का आंकलन किया जा रहा है। ऐसी व्यवस्था अपनाई जानी है जिसमें हर महीने की सात तारीख तक हर हालत में मानदेय शिक्षा मित्रों के खाते में ट्रांसफर हो जाएगा। उनका कहना था कि जिस तरह से शिक्षकों की उपस्थिति हर महीने की 22-25 तारीख तक लेखा विभाग को मिल जाती है। उसी तरह से ग्राम शिक्षा समितियों के माध्यम से शिक्षामित्रों की उपस्थिति निर्धारित प्रारूप पर प्रमाणित करते प्राप्त करा दी जाए तो शिक्षकों के साथ शिक्षामित्रों का मानदेय भी ऑनलाइन ट्रांसफर किया जा सकता है।
इसमें क्या प्रक्रिया अपनाई जानी है और कैसे शिक्षामित्रों को समय पर मानदेय दिया जाना है। इसके विस्तृत दिशा निर्देश अभी शासन स्तर पर तैयार किए जा रहे हैं। जल्दी ही कोई कोई राहत भरी खबर मिलेगी।


Source:  अमर उजाला ब्यूरो
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प्रभा त्रिपाठी के खिलाफ कार्यवाही समाप्त

जागरण ब्यूरो, लखनऊ : फैजाबाद मंडल की संयुक्त शिक्षा निदेशक प्रभा त्रिपाठी के खिलाफ चल रही
अनुशासनिक कार्यवाही समाप्त कर दी गई है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। वर्ष 2011 में आयोजित हुई अध्यापक पात्रता परीक्षा के दौरान प्रभा त्रिपाठी यूपी बोर्ड के सचिव पर कार्यरत थीं। उन पर आरोप था कि टीईटी में गड़बड़ी उजागर होने के बाद उन्होंने विभाग को टीईटी 2011 से संबंधित अभिलेख नहीं सौंपे और उन्हें अनधिकृत रूप से अपने पास रखा। उनके खिलाफ तत्कालीन अपर निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) अमरनाथ वर्मा द्वारा की गई जांच में उन पर लगे आरोप सिद्ध नहीं हो पाये। लिहाजा शासन ने उनके खिलाफ चल रही अनुशासनिक कार्यवाही खत्म कर दी है।

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13 सितंबर बनी उम्मीदों की तारीख इसी दिन आने वाला है फैसला

जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : अदालती विवादों में उलझी प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति शायद अब सही पटरी पर आ जाए। अभ्यर्थियों की उम्मीदें 13 सितंबर पर टिकी हैं। इस दिन अदालत इस मामले में यह फैसला सुनाएगी कि भर्ती के लिए चयन का आधार क्या हो। विवाद इस बात पर है कि टीईटी की मेरिट के आधार पर चयन किया जाए या फिर शैक्षिक अर्हता को भी चयन के मानकों में शामिल किया जाए। सूबे में 72825 शिक्षकों की भर्ती शुरू से ही विवादों में फंसी रही है। बसपा शासन में निकाले गए इस विज्ञापन में कभी टीईटी परीक्षा को लेकर मामला उलझा रहा तो बाद में चयन के मानकों का पेंच फंस गया। यहां तक कि मामला पूर्ण पीठ तक गया और वहां से कुछ शंकाओं पर निर्देश हासिल करने के बाद अब न्यायमूर्ति लक्ष्मीकांत महापात्र और अमित बी स्थालेकर की खंडपीठ इस पर फैसला सुनाएगी। चूंकि मूल विवाद चयन के लिए निर्धारित होने वाले मानकों को लेकर है, इसलिए अभ्यर्थी बेचैन हैं। विशेष रूप से वे अभ्यर्थी जिन्होंने टीईटी को मेरिट का आधार बनाए जाने के बाद अपनी नियुक्ति को निश्चित सा मान लिया था। इसके लिए बसपा सरकार में नियमों में फेरबदल भी किए गए थे। हालांकि अभ्यर्थियों का एक और समूह टीईटी के अंकों के साथ ही शैक्षिक अर्हता के अंकों को भी शामिल किए जाने का पक्षधर है। हालांकि हाईकोर्ट के फैसले के आधार पर बहुत कुछ सरकार के रुख पर भी निर्भर करेगा कि वह भर्ती को लेकर कितनी सक्रियता दिखाती है। एक विवाद आयुसीमा को लेकर भी खड़ा होने की संभावना है। अभ्यर्थियों में कई उर्दू शिक्षकों और मोअल्लिम वालों को आयुसीमा में मिली छूट के आधार पर इस भर्ती के लिए भी आयुसीमा बढ़ाने की वकालत कर रहे हैं। उनके अनुसार सरकार बदलने के बाद इन नियुक्तियों के लिए फिर से विज्ञापन लिए गए थे। ऐसी स्थिति में लगभग बीस हजार अभ्यर्थी ऐसे थे जो आयुसीमा से बाहर हो गए थे। उन्हें अवसर नहीं मिल पाएगा।


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Tuesday, September 10, 2013

टीईटी संघर्ष मोर्चा का प्रदेर्शन आज




घोसी (मऊ): टीईटी संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष रणवीर सिंह ने 10 सितंबर को विधानसभा के सामने आंदोलन में जिले के सदस्य अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार रहें। प्रदेश सरकार का अड़ियल रवैया कायम रहा तो आमरण अनशन भी होगा। सोमवार को प्रदर्शन के लिए लखनऊ रवाना हो गए।
स्थानीय नगर के मझवारा मोड़ स्थित शिवमंदिर पर श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार की नीयत सही न होने के कारण 30 नवंबर 11 को प्रकाशित विज्ञप्ति के अनुसार प्रदेश में 72825 शिक्षकों की नियुक्ति न हो सकी। अब मामला न्यायालय में लंबित होने के बावजूद प्रदेश सरकार ने दोबारा नया विज्ञापन प्रकाशित किया है।
ऐसे में टीईटी संघर्ष मोर्चा आर-पार की लड़ाई को तैयार है। उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव में इसका प्रभाव दिखने की चेतावनी दी। मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष विज्येंद्र यादव ने कहा कि सरकार की मंशा साफ है तो उच्च न्यायालय में हलफनामा दायर कर पुराने विज्ञापन के अनुसार नियुक्ति करे। अध्यक्षता सर्वदानंद एवं संचालन रामविजय यादव ने की। मुहम्मद अहमद, सुनील उपाध्याय, गुलाब चौहान, अमीष कुशवाहा, बृजभान यादव, सदानंद सिंह, मंजेश राजभर, नूतन कुमार, शैलेंद्र सिंह एवं सतीश गुप्ता आदि रहे।
 


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मूलनिवास प्रमाणपत्रों में फर्जीवाड़ा तो नहीं

मूलनिवास प्रमाणपत्रों में फर्जीवाड़ा तो नहीं
Updated on: Mon, 09 Sep 2013 08:37 PM (IST)

संबंधित आवेदकों का ब्योरा नेट पर नहीं

फीरोजाबाद(टूंडल ): गलती करे कोई और भरे कोई। तहसील में कुछ ऐसा ही हो रहा है। तहसील में निवास प्रमाण पत्र बनवाने वाले आवेदकों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। हाथ में प्रमाण पत्र किसी का जबकि इंटरनेट पर किसी और का दिखाई दे रहा है। ऐसी ही त्रुटियों को सुधारने के लिए आवेदक तहसील के चक्कर लगा रहे हैं। तहसील से बनाए गए कुलदीप कुमार पुत्र गोकुल प्रसाद निवासी चुल्हावली के नाम से निवास प्रमाण पत्र तो उसी का था, फोटो भी चस्पा था, लेकिन जब इंटरनेट पर चेक किया तो उस पर दूसरे का निकला। वह अपना प्रमाण पत्र लेकर तहसील कर्मचारियों के चक्कर लगा रहा है। वहीं संजीव कुमार पुत्र दिगंबर सिंह निवासी चुल्हावली के हाथ में जो निवास प्रमाण था उसमें सबकुछ ठीक था, लेकिन इंटरनेट पर किसी और का नाम प्रदर्शित हो रहा है। इंटरनेट पर हुई खामी को सही कराए जाने के लिए ऐसे ही आवेदक अपने निवास प्रमाण पत्रों को लेकर सोमवार को तहसील के चक्कर लगा रहे थे।

कर्मचारियों की करनी भुगत रहे आवेदक

तहसील स्तर से होने वाली त्रुटि का खामियाजा कभी-कभी आवेदकों को भुगतना पड़ता है। जांच में प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर संबधित आवेदक के खिलाफ कार्रवाई की जाती है, लेकिन वास्तविक में गलती तहसील स्तर से होती है।

जांच के बाद होगी कार्रवाई

यदि प्रमाण पत्र का डाटा इंटरनेट पर नहीं तो उक्त प्रमाण पत्र फर्जी है। हम अपने स्तर से जांच कराएंगे। यदि कोई फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर रहा है, तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पूर्व में कुछ प्रमाण पत्रों में सीरियल नम्बर की गड़बड़ हो गई थी, जिन्हें ठीक कराया गया है।

-अतुल कुमार,

एसडीएम टूंडला।
 


आरक्षण मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा


Updated on: Mon, 09 Sep 2013 09:03 PM (IST)

जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : प्रतियोगी परीक्षाओं में त्रिस्तरीय आरक्षण की व्यवस्था वापस लेने के खिलाफ दाखिल याचिका की सुनवाई अब 11 नवंबर को होगी। इससे पहले इस मामले में सोमवार को एक और याचिका दाखिल की गई। इसके साथ ही विरोधियों ने अंतर्हस्तक्षेपी य अर्जी भी दाखिल की। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को जवाबी हलफनामा देने का निर्देश दिया है।
इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति राजेश कुमार तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्र की खंडपीठ कर रही है। त्रिस्तरीय आरक्षण वापस लेने के खिलाफ पहले दो याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। सोमवार को एक और याचिका दायर की गई। अदालत ने तीनों याचिकाओं की एक साथ सुनवाई के लिए 11 नवंबर की तारीख निर्धारित की। सुनवाई के दिन अदालत ने प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति की ओर से पूर्व में याचिका दाखिल कर चुके सुधीर सिंह के अधिवक्ता को भी जवाबी हलफनामा लगाने को कहा है। अदालत में सुनवाई के लिए विरोधी और समर्थक छात्र बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
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फैसला होता रहेगा, साक्षात्कार की तारीख तो घोषित हो
आरक्षण मामले की सुनवाई टलने के बाद प्रतियोगी छात्रों ने एक बैठक कर पीसीएस-2011 के लिए साक्षात्कार की तारीख घोषित करने की मांग की। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के प्रवक्ता अवनीश पांडेय ने कहा कि अदालत ने तारीख घोषित किए जाने पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई है। इसलिए आयोग को इसकी तारीख घोषित करनी चाहिए।