Thursday, September 5, 2013

UPTET: और फिर बढ़ गयी 72000 शिक्षक भर्ती मामले की अदालती तारीख

uptet उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के खाली पदों को भरने की प्रक्रिया की अदालती कार्यवाही आगे बढ़ गयी है| अब अगली सुनवाई 13 सितम्बर को होगी| भर्ती के के मानकों को लेकर दाखिल अपीलों की सुनवाई पर मामला अटका हुआ है। शिक्षक भर्ती मामले में अदालत में की गयी अपीलों में चयन के लिए टीईटी के प्राप्तांक को आधार बनाए जैसे कई मुद्दे याचिकाओं में उठाए गए हैं।
  
चयन का मानक तय न होने के कारण अध्यापकों के खाली पदों को नहीं भरा जा सका है जिसके चलते प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा पाने का मूल अधिकार का पालन नहीं हो पा रहा है।

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UP-TET 2011 : 72825 Teacher Recruitment Matter UP बेरोजगारी का दर्द

UP-TET 2011 : 72825 Teacher Recruitment Matter UP

UP-TET 2011 : 72825 Teacher Recruitment Matter UP
As per some sources ,

New Date for hearing in Allahabad Highcourt is 13th Sept 2013
(Wait and watch for updates on Highcourt website about date and news papers information)



बेरोजगारी का दर्द


बेरोजगारी का आलम तो देखिये जनाब, हम कितना इसमें तड़प रहे है,
कल तो बस लिखते थे निबंध इस पर, आज खुद ही इस दौर से गुजर रहे है.

जुल्म तो देखिये बेरोजगारी का, हम कैसे कैसे ताने सह रहे है,
कब तक खाओगे बाप की कमाई, अब तो पडौसी भी हमसे कह. रहे है.

सपनो के जो बांधे थे पुल, वो भी ताश के पत्तो की तरह ढह रहे है,
उंचाइयो को छूने के थे जो अरमान, वो भी आंसुओ में बह रहे है.

मत पूछिए कोशिशो में क्या क्या दांव-पेंच नही भिड़ा रहे है,
फिर भी ये डिग्री और certificates हमको बेरोजगार कह कर चिढ़ा रहे है.

बेरोजगारी की इस महाबीमारी में, सभी तो रिश्ते तोड़ रहे है,
जिन्हें कहा करते थे हम अपना, वो भी हमसे मुंह मोड़ रहे है.

जो जिन्दगी लगा करती थी हसीं, उसी जिन्दगी से डर रहे है,
ये तो हम जानते है बेरोजगारी में, जिन्दगी जी रहे है या मर रहे है



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6 माह बाद बीएड पास नहीं बन सकेंगे प्राथमिक शिक्षक

FARRUKHABAD : यूपी टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा ने प्राथमिक विद्यालयों में 72825 पदों के सम्बंध में भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की है। अभ्यर्थियों के अनुसार एनसीटीई ने बीएड पास अभ्यर्थियों को 31 मार्च 2014 तक शिक्षक बनने के लिए छूट दी है। इसके बाद कोई भी बीएड पास अभ्यर्थी प्राथमिक शिक्षक नहीं बन सकेगा। 31 मार्च 2014 आने में अब मात्र 6 माह शेष रह जाने से अभ्यर्थियों में उथल पुथल की स्थिति बनती जा रह है।
tetटीईटी अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन पत्र जिलाधिकारी को सौंपते हुए मांग की है कि वर्तमान में चल रही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को अति शीघ्र पूर्ण किया जाये। पुराने विज्ञापन के अनुसार टीईटी मैरिट के आधार पर ही भर्ती की जाये। एनसीटीई द्वारा प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए बीएड पास अभ्यर्थियां को मात्र 31 मार्च 2014 तक के लिए छूट दी जाती है। जिसके बाद कोई भी बीएड पास अभ्यर्थी प्राथमिक शिक्षक नहीं बन सकेगा।
  
शिक्षक भर्ती बीते लगभग 22 महीने से उच्च न्यायालय में लंबित चल रही है, जिसमें सरकार की भूमिका उपेक्षापूर्ण एवं उदासीन रही है। जबकि 72825 पदों पर भर्ती के नाम पर सरकार ने बेरोजगार नौजवानों से लगभग 500 करोड़ रुपये वसूल लिये। इसके साथ ही टीईटी पास अभ्यर्थियों का मानसिक शोषण किया जा रहा है। टीईटी संघर्ष मोर्चा के अनुसार अब तक लगभग 117 टीईटी अभ्यर्थी आत्महत्या कर चुके हैं। दो दो बार आवेदन करने से टीईटी अभ्यर्थी हजारों रुपये के कर्जदार हो गये हैं। टीईटी अभ्यर्थियों का अब गुस्सा फूटता दिखायी दे रहा है। अभ्यर्थियों ने आने वाली 10 सितम्बर को प्रदेश स्तर पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
इस दौरान राकेश बाजपेयी, अनिल कश्यप, रवीन्द्र दिवाकर, कंचन, आलोक, संदीप आदि मौजूद रहे।

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उर्दू शिक्षक के लिए 11 से भर सकेंगे संशोधन फाॅर्म



लखनऊ (ब्यूरो)। उर्दू शिक्षकों की भर्ती के लिए चल रहे ऑनलाइन आवेदन में संशोधन फाॅर्म 11 से 16 सितंबर तक भरे जा सकेंगे। यह जानकारी सचिव बेसिक शिक्षा नितिश्वर कुमार ने दी है। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन आवेदन में जिन आवेदकों ने प्रयोगात्मक और सैद्धांतिक अंकों को अलग-अलग नहीं भरा है वे इस अवधि में संशोधित कर सकते हैं। विभाग को जानकारी मिली है कि काफी संख्यक में आवेदक केवल एक ही नंबर फाॅर्म में भरे हैं। मेरिट में इन नंबरों को जोड़ा जाएगा। इसलिए आवेदक इस अवधि में संशोधित फाॅर्म भर दें।


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29,334 शिक्षकों की भर्ती के लिए बढ़ेगी आयु सीमा

UpTA▶▶HINDUSTAN NEWS
29,334 शिक्षकों की भर्ती के
लिए बढ़ेगी आयु सीमा
First Published: 04-09-13
11:33 PM
इलाहाबाद वरिष्ठ संवाददाता
बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च
प्राथमिक स्कूलों में 29,334
विज्ञान और गणित विषय के
सहायक अध्यापकों की भर्ती में
अधिकतम आयुसीमा बढ़ाने
की तैयारी है। बेसिक
शिक्षा परिषद ने अधिकतम
आयुसीमा 35 साल से 40 साल
किए जाने के लिए प्रस्ताव
शासन को भेज दिया है। दरअसल
दो वर्षीय रेगुलर बीटीसी में
दाखिले के लिए आयुसीमा तो 19
से 30 साल है लेकिन वशििष्ट
बीटीसी और उर्दू
बीटीसी प्रशिक्षण
पाठय़क्रमों में प्रवेश के लिए
अधिकतम आयुसीमा 40 साल है।
वहीं बीएड में दाखिले के लिए
कोई आयुसीमा नहीं है। सरकार
ने विज्ञान या गणित विषय के
साथ स्नातक करने वाले
बीटीसी, वशििष्ट
बीटीसी या बीएड
डिग्रीधारी उन अभ्यर्थियों से
आवेदन मांगा है
जो टीईटी या सीटीईटी पास
हैं। बीटीसी और बीएड प्राप्त
35 से 40 साल के बीच के
अभ्यर्थियों का तर्क है
कि परिषदीय प्राथमिक
स्कूलों में भर्ती के लिए अधिकतम
आयुसीमा 40 साल है। लोक
सेवा आयोग ने भी हाल ही में
अपनी भर्ती परीक्षाओं के लिए
आयुसीमा 35 से बढ़ाकर 40 साल
कर दी है। ऐसे में उच्च प्राथमिक
स्कूलों में सहायक अध्यापक
नियुक्ति के लिए 35 साल
अधिकतम आयुसीमा न्यायसंगत
नहीं है। जब
नियुक्तिनहींदेनीथीतोसरकार
ने प्रशिक्षण ही क्यों कराया।
दूसरी ओर
जानकारों का कहना है
कि आयुसीमा बढ़ाने में कोई
कानूनी अड़चन नहीं है। अधिकतम
आयुसीमा तय करने
का अधिकारी सरकार के पास
है। सूत्रों के अनुसार एक-दो दिन
में आयुसीमा बढ़ाने
संबंधी शासनादेश
जारी हो जाएगा। कुछ
अभ्यर्थियों ने बुधवार
को शिक्षा निदेशालय में बेसिक
शिक्षा परिषद के सचवि संजय
सिन्हा से भी मुलाकात की।
सचवि से मुलाकात करने वाले
वाईएन पांडेय, अमित तिवारी,
अरुण पांडेय, बीडी मिश्रा और
संतोष राय आदि का कहना है
कि सचवि ने आयुसीमा बढ़ने
का भरोसा दिलाया है। आजाद
पार्क में बैठक आज29,334
विज्ञान और गणित विषय के
अध्यापकों की भर्ती में
आयुसीमा बढ़ाए जाने के मसले पर
अभ्यर्थियों की बैठक गुरुवार
को आजाद पार्क में सुबह 10बजे
होगी। अरविन्द कुमार शुक्ला ने
बताया कि इसमें विभिन्न
जिलों के अभ्यर्थी भाग लेंगे।


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शिक्षक निस्संदेह ही पूजनीय एवं सर्वश्रेष्ठ हैं



एक बार रूस के महान साहित्यकार मैक्सिम गोर्की अपने देश के एक अन्य महान रचनाकार चेखोव से मिलने उनके घर गए। चेखोव गोर्की से अत्यंत गर्मजोशी से मिले और अनेक विषयों पर उनसे चर्चा करने लगे। बातचीत के दौरान गोर्की ने चेखोव से पूछा, 'आप समाज के विभिन्न वर्गों में किसे अधिक महत्व देते हैं?' गोर्की की बात सुनकर चेखोव बोले, 'वैसे तो सभी वर्गों की अपनी-अपनी जगह विशेष अहमियत है, किंतु मैं शिक्षक वर्ग को सबसे अधिक महत्व देता हूं। शिक्षक निस्संदेह ही पूजनीय एवं सर्वश्रेष्ठ हैं।' यह सुनकर गोर्की बोले, 'शिक्षक वर्ग की ऐसी कौन सी खासियत है जिसके कारण आप उन्हें सर्वश्रेष्ठ समझते हैं?' इस पर चेखोव बोले, 'किसी भी देश की नई पीढ़ी को अच्छे संस्कार देकर आदर्श नागरिक बनाने का दायित्व शिक्षकों पर ही होता है। यदि शिक्षक सुखी-समृद्ध होगा तभी तो वह निश्चिंत होकर देश की आदर्श पीढ़ी के निर्माण में पूरी तन्मयता से लगा रह सकता है।'

चेखोव की बातें गोर्की बड़े ध्यान से सुन रहे थे। उनकी यह बात सुनकर वह बोले, 'तो ऐसे में आप शिक्षकों की कुछ मदद करना चाहते हैं?' यह सुनकर चेखोव बोले, 'मैं गुरुजन के प्रति बहुत श्रद्धा रखता हूं। यदि मेरे पास ढेर सारा धन आ जाए तो मैं उससे गांव में शिक्षकों के लिए सुविधाजनक मकान बनवाऊंगा।' गोर्की बोले, 'यह तो बहुत ही नेक निर्णय है।' इस पर चेखोव बोले, 'इतना ही नहीं, मैं एक ऐसे बड़े पुस्तकालय की व्यवस्था भी करूंगा कि अध्यापक, छात्र तथा ग्रामीण लोग पुस्तकों का अध्ययन कर ज्ञान प्राप्त कर सकें। किसी भी देश को आदर्श शिक्षकों तथा ज्ञान के भंडार की आवश्यकता पड़ती है। उसके सामाजिक-सांस्कृतिक विकास के लिए ये चीजें जरूरी हैं। इसलिए मैं तो शिक्षकों की भूमिका को सर्वाधिक महत्व देता हूं। हमें इस वर्ग के प्रति अपनी कृतज्ञता दर्शानी चाहिए।' गोर्की यह सुनकर भावविभोर हो उठे। चेखोव के प्रति गोर्की के मन में सम्मान और बढ़ गया।
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Teacher Recruitment in UP : प्राथमिक शिक्षकों के रिक्त पदों पर सरकार से जवाब तलब



 इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में बच्चों को अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा के मूल अधिकारों की रक्षा करने तथा विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के खाली पदों को भरने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि भारी संख्या में अध्यापकों के खाली पदों को भरने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश शिवकीर्ति सिंह तथा न्यायमूर्ति विक्रमनाथ की खंडपीठ ने मे. राइट आर्गेनाइजेशन वाराणसी, की जनहित याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 21 (ए) के अंतर्गत 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के बच्चों को नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार दिया गया है। इसी क्रम में केंद्र सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान चलाया और सभी बच्चों को स्कूल भेजने की मुहिम चलाई। प्रदेश सरकार ने शिक्षा अधिकार कानून-2009 भी पारित कर व्यापक पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती करने की योजना बनाई। चंदौली जिले में 10 हजार 800 पदों का विज्ञापन निकाला गया जिसमें मानकों की पूरी तरह से अनदेखी की गई। 21 व 28 जून 13 को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया। नोटिस जारी कर काउंसिलिंग में शामिल लोगों को 22 जुलाई को मेडिकल के लिए बुलाया गया। याची का कहना है कि पूरे प्रदेश में 2 लाख 64 हजार 4 सौ 66 सहायक अध्यापकों के पद खाली है। चंदौली में विज्ञापित पदों में से 59 फीसदी पद नहीं भरे गए। स्कूलों में अध्यापक न होने से बच्चों के शिक्षा पाने के मूल अधिकार का हनन हो रहा है। कोर्ट ने राज्य सरकार से खाली पदों को भरने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है

News Sabhaar : जागरण (4.9.13)

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प्राथमिक शिक्षकों के रिक्त पदों पर सरकार से जवाब तलब





जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में बच्चों को अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा के  मूल अधिकारों की रक्षा करने तथा विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के खाली पदों को भरने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि भारी संख्या में अध्यापकों के खाली पदों को भरने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश शिवकीर्ति सिंह तथा न्यायमूर्ति विक्रमनाथ की खंडपीठ ने मे. राइट आर्गेनाइजेशन वाराणसी, की जनहित याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 21 (ए) के अंतर्गत 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के बच्चों को नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार दिया गया है। इसी क्रम में केंद्र सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान चलाया और सभी बच्चों को स्कूल भेजने की मुहिम चलाई। प्रदेश सरकार ने शिक्षा अधिकार कानून-2009 भी पारित कर व्यापक पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती करने की योजना बनाई। चंदौली जिले में 10 हजार 800 पदों का विज्ञापन निकाला गया जिसमें मानकों की पूरी तरह से अनदेखी की गई। 21 व 28 जून 13 को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया। नोटिस जारी कर काउंसिलिंग में शामिल लोगों को 22 जुलाई को मेडिकल के लिए बुलाया गया। याची का कहना है कि पूरे प्रदेश में 2 लाख 64 हजार 4 सौ 66 सहायक अध्यापकों के पद खाली है। चंदौली में विज्ञापित पदों में से 59 फीसदी पद नहीं भरे गए। स्कूलों में अध्यापक न होने से बच्चों के शिक्षा पाने के मूल अधिकार का हनन हो रहा है। कोर्ट ने राज्य सरकार से खाली पदों को भरने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है।

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