Wednesday, July 24, 2013

UP Village Development Officer Recruitment Apply Online : वीडीओ भर्ती ः ऑनलाइन करने होंगे आवेदन


UP Vilage Development Officer Recruitment : वीडीओ भर्ती ः ऑनलाइन करने होंगे आवेदन
ग्राम्य विकास आयुक्त को विज्ञापन प्रकाशित कराने के निर्देश, तीन महीने तक आवेदन का मिलेगा मौका
खास बातें - कुल पद 2699 

लखनऊ। प्रदेश सरकार ने ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) के 2699 पदों पर भर्ती प्रक्रिया को मंजूरी दे दी है। ग्राम्य विकास आयुक्त की ओर से जल्दी ही विज्ञापन प्रकाशित कराए जाएंगे। ‘अमर उजाला’ ने भर्ती प्रक्रिया के संबंध में 4 जुलाई के अंक में ही खुलासा कर दिया था।
ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरविंद सिंह गोप ने यहां बताया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए संचालित योजनाओं का समुचित लाभ गांव स्तर तक पहुंचाने के लिए विभाग के रिक्त पदों पर भर्ती के निर्देश दे दिए गए हैं। रिक्त पदों पर पारदर्शी चयन प्रक्रिया के लिए अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट विज्ञान और कृषि के साथ डोएक सोसाइटी द्वारा जारी सीसीसी प्रमाणपत्र होगा। सीसीसी से उच्च स्तर की योग्यता प्राप्त अभ्यर्थी भी आवेदन कर सकेंगे। विज्ञापन प्रकाशित होने की तिथि से आवेदन पत्र प्राप्त करने की अंतिम तिथि तीन माह होगी। इस बीच इच्छुक आवेदक सीसीसी प्रमाणपत्र भी प्राप्त कर सकेंगे।
आवेदक केवल एक ही जिले से आवेदन कर पाएंगे लेकिन उन्हें आवेदन की अंतिम तिथि तक जिले में परिवर्तन कराने का हक रहेगा। विज्ञापन प्रकाशित होने के दो महीने बाद ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के लिए वेबसाइट सक्रिय की जाएगी।
गोप ने बताया कि ऑनलाइन आवेदनपत्रों के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार होगी जिसे आवेदकों और जनसामान्य के लिए वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। इसके अलावा मेरिट लिस्ट प्रकाशित भी कराई जाएगी। आवेदकों को ऑनलाइन आपत्ति के लिए एक सप्ताह का मौका दिया जाएगा। इसके बाद जिला स्तर पर गठित समिति द्वारा साक्षात्कार के बाद चयनित अभ्यर्थियों की सूची वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी। आयुक्त ग्राम्य विकास के रविंद्र नायक ने बताया कि जल्द ही भर्ती कैलेंडर तैयार कर विज्ञापन प्रकाशित कराए जाएंगे।



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UPTET: शिक्षक भर्ती मुकदमे की अगली तारिख 31 जुलाई

UPTET: शिक्षक भर्ती मुकदमे की अगली तारिख 31 जुलाई
As per source new date is 31st July 2013, Status from Allahabad HC will also share to you , when it is updated.

इलाहाबाद: 72825 प्राथमिक शिक्षको की भर्ती में रोक जारी रहेगी, अगली सुनवाई 31 जुलाई होगी | 
आज अदालत में सुनवाई नहीं हो पायी, अदालत में फ्रेश केस की संख्या ज्यादा थी|


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Tuesday, July 23, 2013

बीटीसी 2013- 10 जिलों में विकल्प दे सकेंगे अभ्यर्थी

 जागरण ब्यूरो, लखनऊ : में अभ्यर्थियों के लिए सिर्फ अपने गृह जिले में ऑनलाइन आवेदन और चयन की बाध्यता नहीं होगी। अभ्यर्थी प्रदेश के किसी भी जिले में आवेदन कर सकेंगे। की प्राविजनल अनंतिम चयन सूची की कट ऑफ मेरिट में आने वाले अभ्यर्थी चयन के लिए 10 जिलों का विकल्प दे सकेंगे। वहीं ऑनलाइन आवेदन में गलती होने पर अभ्यर्थियों को उस त्रुटि को सुधारने का मौका भी दिया जाएगा।1 में चयन के लिए सोमवार को शासनादेश जारी कर दिया गया है जबकि विज्ञप्ति मंगलवार को प्रकाशित होगी। शासनादेश के जरिये उन जिलों के अभ्यर्थियों के साथ न्याय करने की कोशिश की गई है जिनमें बीटीसी की सीटें कम हैं। इसलिए सिर्फ गृह जिले में ही आवेदन और चयन की बाध्यता खत्म कर दी गई है। में चयन के लिए हाईस्कूल, इंटरमीडिएट व स्नातक परीक्षाओं के प्राप्तांक प्रतिशत के योग के आधार पर गुणांक का आगणन करते हुए श्रेणीवार मेरिट सूची तैयार की जाएगी। कट ऑफ मेरिट में आने वाले अभ्यर्थियों अधिकतम 10 जिलों के लिए अपना विकल्प भर सकेंगे। अभ्यर्थियों से विकल्प लेने के लिए अलग से विज्ञप्ति प्रकाशित की जाएगी। ऐसे अभ्यर्थियों को विकल्प भरने का मौका देने के लिए एनआईसी वेबसाइट को एक हफ्ते के लिए फिर से खोलेगी। अभ्यर्थी द्वारा दिये गए विकल्प के जिले में स्थित डायट और सभी निजी कॉलेजों को विकल्प में शामिल मानकर नियमानुसार सीटें आवंटित की जाएंगी। सबसे पहले डायट, फिर निजी कॉलेजों की फ्री सीटें और इसके बाद पेड सीटें भरी जाएंगी। 1यदि अभ्यर्थी से ऑनलाइन आवेदन में अपना नाम या सामान्य श्रेणी की जगह विकलांग श्रेणी लिख देने की गलती हो जाए तो इसे दूर करने के लिए उसे ऑनलाइन करने की निर्धारित अंतिम तिथि से पहले पुन: पंजीकरण कराकर फिर से फीस जमा कर नया आवेदन फॉर्म भरना होगा। ऐसी स्थिति में अभ्यर्थी के पुराने आवेदन पत्र को निरस्त कर केवल अंतिम आवेदन पत्र ही मंजूर होगा। नाम और सामान्य की जगह विकलांग श्रेणी की गलती के अलावा अभ्यर्थी यदि फॉर्म भरकर जमा करने की अंतिम तिथि के बाद भी आवेदन में की गई किसी और त्रुटि को सुधारना चाहता हो तो वह नि:शुल्क ऐसा कर सकेगा। नि:शुल्क संशोधन की प्रक्रिया आवेदन की अंतिम तिथि के दो दिन बाद शुरू होगी और 10 दिनों तक चलेगी। के बारे में विस्तृत जानकारी वेबसाइट 666.4स्रङ्गं2्रङ्घी4िङ्गं1.ि¬5.्रल्ल से प्राप्त की जा सकती है। 1जागरण ब्यूरो, लखनऊ : में अभ्यर्थियों के लिए सिर्फ अपने गृह जिले में ऑनलाइन आवेदन और चयन की बाध्यता नहीं होगी। अभ्यर्थी प्रदेश के किसी भी जिले में आवेदन कर सकेंगे। की प्राविजनल अनंतिम चयन सूची की कट ऑफ मेरिट में आने वाले अभ्यर्थी चयन के लिए 10 जिलों का विकल्प दे सकेंगे। वहीं ऑनलाइन आवेदन में गलती होने पर अभ्यर्थियों को उस त्रुटि को सुधारने का मौका भी दिया जाएगा।1 में चयन के लिए सोमवार को शासनादेश जारी कर दिया गया है जबकि विज्ञप्ति मंगलवार को प्रकाशित होगी। शासनादेश के जरिये उन जिलों के अभ्यर्थियों के साथ न्याय करने की कोशिश की गई है जिनमें बीटीसी की सीटें कम हैं। इसलिए सिर्फ गृह जिले में ही आवेदन और चयन की बाध्यता खत्म कर दी गई है। में चयन के लिए हाईस्कूल, इंटरमीडिएट व स्नातक परीक्षाओं के प्राप्तांक प्रतिशत के योग के आधार पर गुणांक का आगणन करते हुए श्रेणीवार मेरिट सूची तैयार की जाएगी। कट ऑफ मेरिट में आने वाले अभ्यर्थियों अधिकतम 10 जिलों के लिए अपना विकल्प भर सकेंगे। अभ्यर्थियों से विकल्प लेने के लिए अलग से विज्ञप्ति प्रकाशित की जाएगी। ऐसे अभ्यर्थियों को विकल्प भरने का मौका देने के लिए एनआईसी वेबसाइट को एक हफ्ते के लिए फिर से खोलेगी। अभ्यर्थी द्वारा दिये गए विकल्प के जिले में स्थित डायट और सभी निजी कॉलेजों को विकल्प में शामिल मानकर नियमानुसार सीटें आवंटित की जाएंगी। सबसे पहले डायट, फिर निजी कॉलेजों की फ्री सीटें और इसके बाद पेड सीटें भरी जाएंगी। 1यदि अभ्यर्थी से ऑनलाइन आवेदन में अपना नाम या सामान्य श्रेणी की जगह विकलांग श्रेणी लिख देने की गलती हो जाए तो इसे दूर करने के लिए उसे ऑनलाइन करने की निर्धारित अंतिम तिथि से पहले पुन: पंजीकरण कराकर फिर से फीस जमा कर नया आवेदन फॉर्म भरना होगा। ऐसी स्थिति में अभ्यर्थी के पुराने आवेदन पत्र को निरस्त कर केवल अंतिम आवेदन पत्र ही मंजूर होगा। नाम और सामान्य की जगह विकलांग श्रेणी की गलती के अलावा अभ्यर्थी यदि फॉर्म भरकर जमा करने की अंतिम तिथि के बाद भी आवेदन में की गई किसी और त्रुटि को सुधारना चाहता हो तो वह नि:शुल्क ऐसा कर सकेगा। नि:शुल्क संशोधन की प्रक्रिया आवेदन की अंतिम तिथि के दो दिन बाद शुरू होगी और 10 दिनों तक चलेगी। के बारे में विस्तृत जानकारी वेबसाइट 666.4स्रङ्गं2्रङ्घी4िङ्गं1.ि¬5.्रल्ल से प्राप्त की जा सकती है। 18 मेरिट : हाईस्कूल, इंटरमीडिएट व स्नातक के प्राप्तांक 1 प्रतिशत के योग के आधार पर गुणांक का आगणन 18 आयु : पहली जुलाई 2013 को 18 वर्ष से कम और 1 30 वर्ष से अधिक न हो। एससी/एसटी व ओबीसी को 1 अधिकतम आयु सीमा में पांच साल व विकलांगों को 1 15 साल की छूट18 आवेदन शुल्क : एससी/एसटी के लिए 150 रुपये 1 व अन्य के लिए 300, विकलांगों को छूट18 समय-सारिणी: ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू होने की 1 तिथि-26 जुलाई18 ई-चालान से आवेदन शुल्क जमा करने की प्रारंभिक 1 तिथि-29 जुलाई18 ऑनलाइन आवेदन की प्रारंभिक तिथि-31 जुलाई18 ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि-16 अगस्त18 ई-चालान से आवेदन शुल्क जमा करने की अंतिम 1 तिथि-19 अगस्त18 ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि-22 अगस्त18 ऑनलाइन आवेदन में संशोधन की प्रारंभिक 1 तिथि-25 अगस्त18 ऑनलाइन आवेदन में नियमानुसार संशोधन की 1 अंतिम तिथि-एक सितंबर।



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न्याय कक्ष में जमकर चले तर्को के तीर

UPPSC: आरक्षण की नई नीति पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक



UPPSC: आरक्षण की नई नीति पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक

छात्र नई आरक्षण नीति का विरोध कर रहे हैं।

3 Tier Reservation is the Main Issue -
1. Prelim Exam (Reserved cat candidate taken some seats of GEN candidates) on 1st Level
2. Main Exam (Reserved cat candidate taken some seats of GEN candidates) on 2nd Level
3. Interview Level (Reserved cat candidate taken some seats of GEN candidates) on 3rd Level


See News :
इलाहाबाद।। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में रिजर्वेशन के नए नियम के तहत इंटरव्यू पर हाई कोर्ट ने तब तक रोक लगा दी है, जब तक वह इसको लेकर दाखिल जनहित याचिका पर अपना फैसला नहीं सुना देती है। हाई कोर्ट ने रिजर्वेशन के नए नियम के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर पिछले सप्ताह प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था। इस बीच, शहर में उपद्रव की आशंका को देखते हुए धारा-144 लागू है और सभी स्कूल कॉलेजों को दो दिन के लिए बंद कर दिया गया है।

नई आरक्षण नीति के तहत अब यूपी पीसीएस की परीक्षा में तीनों स्तर पर आरक्षण दिया जा रहा है। आरक्षण के कानून के मुताबिक सिर्फ 50 फीसदी सीटें आरक्षित की जा सकती हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने ऐसे नियम बना दिए हैं कि आरक्षण के दायरे में आने वाले छात्रों के नंबर अगर अधिक होते हैं तो उन्हें जनरल कैटिगरी के जरिए अपॉइंट किया जाएगा।

सुधीर कुमार सिंह और अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने 15 जुलाई को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह के भीतर अपना-अपना पक्ष रखने के लिए कहा था। इस दिन शहर में छात्रों ने नई आरक्षण नीति के विरोध में जबरदस्त तोड़−फोड़, पथराव और आगजनी की थी। इसमें करीब 100 गाड़ियां जला दी गई थीं।


याचिका में यूपीपीएससी की ओर से परीक्षा के हर स्तर पर आरक्षण की नई नीति लागू करने के निर्णय को विभिन्न आधारों पर चुनौती दी गई है। याचिका दाखिल करने वालों छात्रों का कहना था कि ओबीसी आरक्षण के आड़ में एक जाति विशेष को यूपीपीएससी की ओर से नाजायज लाभ पहुंचाने के लिए रिजर्वेशन की नई पालिसी बनाई गई है। रिजर्वेशन के नए नियम से ओबीसी में शामिल अन्य जातियों और जनरल कैटिगरी के प्रतियोगियों की मेधा का हनन हो रहा है। याचिका में कहा गया है कि 1994 से प्रदेश में लागू आरक्षण नियमावली के तहत अंतिम स्तर पर आरक्षण देना था, लेकिन लोक सेवा आयोग ने परीक्षा के हर स्तर पर इस बार आरक्षण का नियम लागू कर दिया है।

प्रदेश के अडिशनल ऐडवोकेट जनरल सीबी यादव ने याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए कहा कि सन् 1994 के आरक्षण नियमावली के तहत ही उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग परीक्षा ले रही हैं। जस्टिस एलके महापात्राऔर जस्टिस राकेश श्रीवास्तव की बेंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इंटरव्यू पर तब तक रोक लगाए रखने का निर्देश दिया है, जब तक इस मामले पर कोई निर्णय नहीं सुनाया जाता है।

उपद्रव की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने सोमवार को लोक सेवा आयोग पहुंचने वाले सभी रास्तों पर सख्त पहरा बैठा दिया है। आरक्षण विरोधी आंदोलन से निपटने के लिए शहर में 3 हजार से ज्यादा पुलिस, पीएसी और आरएएफ के जवान तैनात किए गए हैं। साथ ही कई रास्ते बंद कर दिए गए हैं।

सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर शहर को सात जोन और 18 सेक्टर में बांटा गया है। इसके अलावा दो रिजर्व जोन और चार रिजर्व सेक्टर के साथ 50 पुलिस सेक्टर भी बनाए गए है। 10 मोबाइल टीमों का गठन किया गया है और दो मोबाइल टीमों को रिजर्व रखा गया है। बवाल की स्थिति में उपद्रवियों को चिह्नित करने के लिए 30 विडियोग्राफर और फोटोग्राफर रखे गए हैं।



News Sabhaar : नवभारत टाइम्स (22.7.13)
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Candidate Should Wait For Judgement And If Needed Then Make A Peaceful Protest within Law of Land  / India and Put-up their issues to Appropriate Authority.



Below News is of Jagran News Paper -   

आरक्षण पर स्टे के बाद इलाहाबाद में बवाल

इलाहाबाद [जासं]। उप्र लोक सेवा आयोग द्वारा नए आरक्षण प्रावधान के तहत जारी पीसीएस मुख्य परीक्षा 2011 के नतीजों को स्थगित करने के हाई कोर्ट के फैसले के बाद प्रतियोगी छात्रों ने जमकर खुशी मनाई। छात्रावासों और नगर के चौराहों पर होली खेली गई। उत्साह में उपद्रव पर उतरे छात्रों के एक गुट ने सपा के झंडे-बैनर जलाते हुए वाहनों और दुकानों में तोड़फोड़ की। इसके बाद सक्रिय हुई पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए दर्जन छात्रों को गिरफ्तार कर लिया। छात्रों ने अपने साथियों के समर्थन में बड़ा जाम लगा दिया है। तनाव के हालात बने हुए हैं।

हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद हिंदू हॉस्टल चौराहे पर एकत्र छात्रों के एक गुट ने चांदपुर सलोरी का रुख किया। रास्ते में इन छात्रों ने सपा के झंडे, बैनर जलाए। सलोरी पहुंचकर वाहनों व दुकानों में तोड़फोड़ की। पुलिस ने उपद्रवी तत्वों को रोकने के लिए लाठीचार्ज किया। इसमें कई छात्र घायल हो गए। बाद में पुलिस ने एक दर्जन से अधिक छात्रों को हिरासत में ले लिया। यहां हुए लाठीचार्ज के विरोध में कई छात्रावासों से छात्र निकल आए और रास्ता जाम कर दिया। देर शाम तक छात्र सड़क पर डटे रहे। कई स्थानों पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी।

लोक सेवा आयोग की नई आरक्षण नीति (हर स्तर पर नए सिरे से पूरा आरक्षण लागू करना) के मामले में सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई होनी थी। इसके मद्देनजर सुबह से ही बड़ी संख्या में छात्र हिंदू हॉस्टल चौराहा, हाई कोर्ट चौराहा तथा अन्य चौराहों पर एकत्र हो गए थे। छात्र प्रदेश सरकार और लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के खिलाफ रह-रहकर नारेबाजी करते रहे। अपराह्न एक बजे जैसे ही हाई कोर्ट के फैसले की जानकारी चौराहों पर जुटे छात्रों को मिली, उन्होंने अबीर-गुलाल उड़ाकर खुशी मनानी शुरू कर दी। हाई कोर्ट से लेकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन तक होली सरीखा नजारा था।

हिंदू हॉस्टल चौराहे पर जमा छात्रों का गुट भी विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन पहुंच गया। यहां से छात्रों का समूह सलोरी को कूच कर गया। वहां हुई तोड़फोड़ में हालात बेकाबू होते देख आइजी आलोक शर्मा के नेतृत्व में पुलिस ने लाठीचार्ज किया। छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। इससेकई छात्र चोटिल हो गए। पुलिस ने उपद्रव कर रहे एक दर्जन छात्रों को हिरासत में ले लिया। पुलिस की कार्रवाई से छात्र तितर-बितर हो गए। छात्र नेता अभिषेक सिंह सोनू के नेतृत्व में करीब 50 छात्र, हिरासत में लिए गए छात्रों को छुड़ाने पहुंचे तो पुलिस ने फिर से लाठीचार्ज किया। इसके विरोध में विश्वविद्यालय मार्ग पर डायमंड जुबली छात्रावास के सामने छात्रों ने चक्का जाम कर दिया। शहर में तनाव की स्थिति बनी हुई है।

पीसीएस-2011 के साक्षात्कार पर रोक

इलाहाबाद [जागरण ब्यूरो]। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक अहम फैसले में सोमवार को पीसीएस परीक्षा-2011 के साक्षात्कार पर रोक लगा दी। यह परीक्षा 26 जुलाई से शुरू होनी थी। अदालत ने इस परीक्षा समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में आरक्षण के नियम बदले जाने के मामले में फैसला सुरक्षित कर लिया है।

आरक्षण के बदले नियमों पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान अदालत छात्रों और वकीलों से खचाखच भरी थी। न्यायमूर्ति एलके महापात्र और न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव की खंडपीठ ने इस बाबत दाखिल तीनों याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। उन्होंने फैसला आने तक पीसीएस-2011 के साक्षात्कार पर रोक भी लगा दी। दस दिन के भीतर फैसला आने के आसार हैं। इससे पहले उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और राज्य सरकार ने अदालत में इस मुद्दे पर अपना जवाब दाखिल किया। आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शशिनंदन ने कहा कि परीक्षा नियमों में कोई संशोधन नहीं किया गया है। आरक्षण की व्यवस्था 1994 की आरक्षण नियमावली के अनुसार है। उन्होंने बताया कि पीसीएस-2011 की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण नहीं लागू किया गया है। मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में लागू किया गया है। नियमों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। आयोग सिर्फ मेधावी छात्रों को साक्षात्कार के लिए बुला रहा है।

राज्य सरकार की ओर से इस मामले में कोई लिखित हलफनामा नहीं दाखिल किया गया लेकिन अपर महाधिवक्ता सीबी यादव ने आयोग की परीक्षा नियमावली को सही बताया। उन्होंने कहा कि याचिकाओं में मुख्य मुद्दा आरक्षण नियमावली-1994 की व्याख्या का है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न निर्णयों में स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि याचिका पोषणीय नहीं है क्योंकि जिन छात्रों ने इसे चुनौती दी है, वे परीक्षा में चयनित ही नहीं हुए हैं इसलिए याचिका दाखिल करने के लिए अर्ह नहीं हैं।

याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता केशरी नाथ त्रिपाठी ने बहस की और कहा कि आयोग आरक्षण नियमावली की गलत व्याख्या कर रहा है। परीक्षा की प्रक्रिया में आरक्षण लागू नहीं किया जा सकता। इसका लाभ सिर्फ अंतिम परिणाम में हासिल किया जा सकता है। वरिष्ठ अधिवक्ता एमडी सिंह शेखर और अशोक खरे ने भी आयोग के फैसले को अनुचित बताया। उन्होंने कहा कि परीक्षा में हर स्तर पर आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता। ऐसा करके सिर्फ एक वर्ग को लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। याचियों की ओर से कहा गया कि पुराने नियम से आरक्षित वर्ग को कोई नुकसान नहीं था क्योंकि वह अधिक अंक पाकर अंतिम परिणाम में सामान्य वर्ग की मेरिट में शामिल होते रहे हैं।

गौरतलब है कि पीसीएस-2011 के साक्षात्कार 26 जुलाई से शुरू होने थे जिसमें आरक्षण की बदली व्यवस्था के हिसाब से अभ्यर्थी शामिल होने थे। अदालत के आदेश के बाद आयोग को इन तिथियों को आगे खिसकाना पड़ेगा।

क्या है विवाद

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने एक प्रस्ताव पारित कर परीक्षा के हर स्तर यानी प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार में आरक्षित वर्ग को ओवरलैपिंग का लाभ देने का फैसला किया है। ओवरलैपिंग से आशय यह है कि हर चरण में आरक्षित वर्ग के अधिक नंबर हासिल करने वाले अभ्यर्थी सामान्य वर्ग की मेरिट में शामिल होंगे और उतने ही सामान्य वर्ग के छात्र बाहर हो जाएंगे। इससे पहले ओवरलैपिंग का लाभ सिर्फ अंतिम परिणाम पर ही दिया जाता था। पीसीएस मुख्य परीक्षा-2011 से आयोग ने इसे लागू किया है। आयोग के इसी फैसले को चुनौती दी गई है


News Source  / Sabhaar : Jagran (22.7.13)




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Monday, July 22, 2013

देश में आदर्श विद्यालय जल्द

 
  • 40 फीसद बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएगी सरकार

  • निजी भागीदारों ने मांगी और रियायतें

  • ’पीपीपी के जरिये नौ राज्यों में 40 विद्यालयों से होगी शुरुआत

नई दिल्ली : देश भर में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार की सार्वजनिक-निजी भागीदारी से शुरू होने वाले महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय आदर्श माध्यमिक विद्यालय योजना अगले दो साल में हकीकत में तब्दील हो जाएगी। शुरुआत में सरकार की योजना 40 स्कूल खोलने की है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब समेत नौ राज्यों में खुलने वाले इन आदर्श विद्यालयों में स्कूलों में कम से कम 40 प्रतिशत बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिलेगी। 1 मुफ्त शिक्षा पाने वाले बच्चों की पढ़ाई पर आने वाला खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। हालांकि निजी भागीदार अभी सरकार से नियमों में और छूट देने की मांग कर रहे हैं। 11वीं पंचवर्षीय योजना में घोषित इस स्कीम पर अमल की रफ्तार अब बढ़ी है। देशभर में करीब 6000 आदर्श विद्यालय स्थापित करने की योजना के तहत 2500 माध्यमिक आदर्श विद्यालय पीपीपी माडल के तहत खोले जाने हैं। बाकी 3500 विद्यालय केंद्र सरकार खोलेगी। योजना आयोग और मानव संसाधन मंत्रलय के बीच शनिवार को हुई बैठक में इन विद्यालयों को खोलने की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू करने पर सहमति बनी। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू के अलावा निजी क्षेत्र के प्रतिनिधि भी बैठक में मौजूद थे। 1बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में राजू ने कहा कि 2015-16 के शैक्षणिक सत्र से पहला आदर्श विद्यालय अमल में आ जाएगा। हालांकि बैठक में भाग लेने आए निजी संस्थानों में कुछ मानते हैं कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो इसकी शुरुआत 2014-15 से भी हो सकती है। आदर्श विद्यालयों की निविदा प्रक्रिया शुरू करने के लिए सरकार इस महीने के अंत तक आदर्श रियायत समझौते के मसौदे को मंजूरी दे देगी। 1निविदा प्रक्रिया के लिए आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) भी तैयार कर लिया गया है। आदर्श विद्यालयों की स्थापना में निजी क्षेत्र की जिम्मेदारी जमीन का इंतजाम करने से लेकर स्कूल के ढांचे का निर्माण और स्कूलों के संचालन की होगी। सरकार विद्यालयों के संचालन के मानदंड तैयार करेगी। राजू के मुताबिक 40 ब्लाकों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद इस स्कीम को 478 दूसरे ब्लाकों में भी शुरू करने की तैयारी है। निजी क्षेत्र को पीपीपी के जरिये स्थापित होने वाले आदर्श विद्यालयों में 40 प्रतिशत बच्चों को मुफ्त शिक्षा देनी होगी। लेकिन इसके बदले सरकार इन स्कूलों को केंद्रीय विद्यालय के फामरूले के आधार पर धनराशि मुहैया कराएगी। मौजूदा फामरूले के तहत मुफ्त शिक्षा पाने वाले एक बच्चे पर सरकार साल भर में करीब 22,000 रुपये की राशि स्कूलों को देगी। 


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UP Urdu Teacher : सियासी फायदा उठाने की जुगत में उर्दू शिक्षक


लखनऊ । अखिलेश सरकार में अल्पसंख्यकों की बल्ले-बल्ले है। पहले मोअल्लिम-ए-उर्दू वालों के लिए बीच का रास्ता निकाला गया, अब उर्दू शिक्षकों को प्रशिक्षित वेतनमान देने की जुगत बैठाई जा रही है। उर्दू शिक्षक चाहते हैं कि उन्हें बिना प्रशिक्षण प्राप्त किए ही प्रशिक्षित वेतनमान दे दिया जाए। सरकार भी चाहती है कि उनको यह फायदा दे दिया जाए। वजह लोकसभा चुनाव सिर पर है। सरकार की इस मंशा को पूरा करने में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं पर वे बीच का रास्ता निकालने में जुटे हैं
उत्तर प्रदेश में समय-समय पर रही मुलायम सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग ने उर्दू शिक्षकों की भर्ती की थी। इन शिक्षकों को बिना प्रशिक्षण दिए ही सीधे सहायक अध्यापक बना दिया गया था।


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UPTET 2013 टीईटी : जांच में 16 प्रश्नों व उत्तरों में मिला अंतर

UPTET 2013 टीईटी : जांच में 16 प्रश्नों व उत्तरों में मिला अंतर

इलाहाबाद (एसएनबी)। यूपी शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी-13 ) के दौरान चारों प्रश्नपत्रों के कई प्रश्नों व उनके उत्तरों पर अभ्यर्थियों ने जो आपत्तियां उठाई थीं, वे शिक्षाविदों की 15 दिन चली जांच-पड़ताल में काफी सही पायी गयीं। अभ्यर्थियों ने तीन दर्जन से अधिक प्रश्नों और उनके उत्तरों पर आपत्तियां की थीं। इस पर जांच में 16 प्रश्न और उनके उत्तर में अंतर मिला है। इस खामी को दूर करने का शिक्षाविदों ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश इलाहाबाद श्रीमती नीना श्रीवास्तव को सुझाव दिया है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी जहां इस मामले को दबाने में लगीं हुई हैं वहीं दूसरी ओर टीईटी के रिजल्ट को 31 जुलाई से पहले घोषित करने की जोरशोर से तैयारियां चल रही हैं। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उत्तर प्रदेश इलाहाबाद के सूत्रों ने बताया कि प्राथमिक वर्ग में अभ्यर्थियों ने जितने प्रश्न और उत्तर पर आपत्तियां की थीं उनमें से प्राथमिक शिक्षा में पांच और भाषा में तीन प्रश्न और उत्तर में अंतर है। इसी प्रकार से उच्च प्राथमिक के दो प्रश्न और उत्तर में अंतर है। इसी प्रकार से उच्च प्राथमिक भाषा के प्रश्नपत्र में छह प्रश्न और उनके उत्तर में अंतर है। उच्च प्राथमिक के भाषा में दो प्रश्न और उत्तर में अंतर है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के सामने विकल्प बचता है कि यह अंक वह सभी अभ्यर्थियों को दें या कोई दूसरा रास्ता निकाले। उधर सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद श्रीमती नीना श्रीवास्तव से जब इस मामले में जानने के लिए शनिवार को संपर्क किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया। कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि टीईटी का रिजल्ट तैयार हो रहा है


News Sabhaar : rashtriyasahara (21.7.13)


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