लखनऊ । अखिलेश सरकार में अल्पसंख्यकों की बल्ले-बल्ले है। पहले मोअल्लिम-ए-उर्दू वालों के लिए बीच का रास्ता निकाला गया, अब उर्दू शिक्षकों को प्रशिक्षित वेतनमान देने की जुगत बैठाई जा रही है। उर्दू शिक्षक चाहते हैं कि उन्हें बिना प्रशिक्षण प्राप्त किए ही प्रशिक्षित वेतनमान दे दिया जाए। सरकार भी चाहती है कि उनको यह फायदा दे दिया जाए। वजह लोकसभा चुनाव सिर पर है। सरकार की इस मंशा को पूरा करने में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं पर वे बीच का रास्ता निकालने में जुटे हैं।
उत्तर प्रदेश में समय-समय पर रही मुलायम सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग ने उर्दू शिक्षकों की भर्ती की थी। इन शिक्षकों को बिना प्रशिक्षण दिए ही सीधे सहायक अध्यापक बना दिया गया था।
For more news visit: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml
No comments:
Post a Comment