40 फीसद बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएगी सरकार
निजी भागीदारों ने मांगी और रियायतें
’पीपीपी के जरिये नौ राज्यों में 40 विद्यालयों से होगी शुरुआत
नई
दिल्ली : देश भर में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार की
सार्वजनिक-निजी भागीदारी से शुरू होने वाले महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय आदर्श
माध्यमिक विद्यालय योजना अगले दो साल में हकीकत में तब्दील हो जाएगी।
शुरुआत में सरकार की योजना 40 स्कूल खोलने की है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा,
पंजाब समेत नौ राज्यों में खुलने वाले इन आदर्श विद्यालयों में स्कूलों में
कम से कम 40 प्रतिशत बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिलेगी। 1 मुफ्त शिक्षा पाने
वाले बच्चों की पढ़ाई पर आने वाला खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। हालांकि
निजी भागीदार अभी सरकार से नियमों में और छूट देने की मांग कर रहे हैं।
11वीं पंचवर्षीय योजना में घोषित इस स्कीम पर अमल की रफ्तार अब बढ़ी है।
देशभर में करीब 6000 आदर्श विद्यालय स्थापित करने की योजना के तहत 2500
माध्यमिक आदर्श विद्यालय पीपीपी माडल के तहत खोले जाने हैं। बाकी 3500
विद्यालय केंद्र सरकार खोलेगी। योजना आयोग और मानव संसाधन मंत्रलय के बीच
शनिवार को हुई बैठक में इन विद्यालयों को खोलने की प्रक्रिया जल्द से जल्द
शुरू करने पर सहमति बनी। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया
और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू के अलावा निजी क्षेत्र के
प्रतिनिधि भी बैठक में मौजूद थे। 1बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में
राजू ने कहा कि 2015-16 के शैक्षणिक सत्र से पहला आदर्श विद्यालय अमल में आ
जाएगा। हालांकि बैठक में भाग लेने आए निजी संस्थानों में कुछ मानते हैं कि
अगर सब कुछ ठीक रहा तो इसकी शुरुआत 2014-15 से भी हो सकती है। आदर्श
विद्यालयों की निविदा प्रक्रिया शुरू करने के लिए सरकार इस महीने के अंत तक
आदर्श रियायत समझौते के मसौदे को मंजूरी दे देगी। 1निविदा प्रक्रिया के
लिए आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) भी तैयार कर लिया गया है। आदर्श
विद्यालयों की स्थापना में निजी क्षेत्र की जिम्मेदारी जमीन का इंतजाम करने
से लेकर स्कूल के ढांचे का निर्माण और स्कूलों के संचालन की होगी। सरकार
विद्यालयों के संचालन के मानदंड तैयार करेगी। राजू के मुताबिक 40 ब्लाकों
में पायलट प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद इस स्कीम को 478 दूसरे ब्लाकों में
भी शुरू करने की तैयारी है। निजी क्षेत्र को पीपीपी के जरिये स्थापित होने
वाले आदर्श विद्यालयों में 40 प्रतिशत बच्चों को मुफ्त शिक्षा देनी होगी।
लेकिन इसके बदले सरकार इन स्कूलों को केंद्रीय विद्यालय के फामरूले के आधार
पर धनराशि मुहैया कराएगी। मौजूदा फामरूले के तहत मुफ्त शिक्षा पाने वाले
एक बच्चे पर सरकार साल भर में करीब 22,000 रुपये की राशि स्कूलों को देगी।
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