Tuesday, June 18, 2013

BTC Counselling me Abhyarthiyo ko Tota


1.28 LAKH ABHYARTHI TET SE BAHAR


UPTET अब अर्हता को लेकर शिक्षकों की नियुक्ति पर संकट


UPTET  अब अर्हता को लेकर शिक्षकों की नियुक्ति पर संकट
Recruitment in Government Aided College UP 

कानपुर : संबद्ध प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए एक कालेज द्वारा प्रसारित विज्ञापन में अर्हता में टीईटी की अनिवार्यता और दूसरे विज्ञापन में टीईटी का जिक्र तक नहीं? आखिर सही अर्हता क्या है? जानकारी न होने पर भी नियुक्ति प्रक्रिया कैसे शुरू कर दी गई?

ये कुछ महत्वपूर्ण सवाल हैं जिन्हें हरजेंदर नगर इंटर कालेज में शिक्षक पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों ने प्रबंधतंत्र व शिक्षा अधिकारियों के सामने उठाए थे परंतु उन्हें सही जवाब नहीं मिला। अब उच्च न्यायालय ने इसका जवाब मांगा है तो हड़कंप है। हुआ यूं कि सफीपुर की प्रतिमा द्विवेदी ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की जिसमें उन्होंने एक समाचारपत्र में 9 जुलाई 2011 तथा दूसरे समाचारपत्र में 14 जुलाई 2013 को प्रकाशित विज्ञापनों का हवाला देकर कहा कि एक में टीईटी की अनिवार्यता दी है और दूसरे में शासन के अधिनियम का जिक्र करते हुए जो अर्हता दी उसमें टीईटी का जिक्र नहीं है।

न्यायालय ने जिला विद्यालय निरीक्षक को जवाब लगाने का निर्देश दिया और कहा कि यदि इस बीच नियुक्ति प्रक्रिया की जाती है तो वह याचिका के निर्णयाधीन रहेगी। विद्यालय निरीक्षक कोमल यादव ने प्रबंधक को पत्र जारी करके इस बाबत स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने यह भी कहा है कि इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम में वर्णित परिषद के विनियम एक अध्याय 2 के परिशिष्ट क में इंटरमीडिएट अनुभाग से संलग्न प्राथमिक अध्यापकों की अर्हता केवल प्रशिक्षित स्नातक दी है। कालेज प्रबंधन ने पिछली दस जून को साक्षात्कार लिया था

News Source / Sabhaar : Jagran (17 Jun 2013 07:28 PM (IST))

UPTET : फॉर्म रिजेक्ट होने से अभ्यर्थी परेशान

UPTET : फॉर्म रिजेक्ट होने से अभ्यर्थी परेशान


UPTET : फॉर्म रिजेक्ट होने से अभ्यर्थी परेशान
टीईटी ः हेल्पलाइन से भी नहीं मिल रही हेल्प



लखनऊ। राजधानी के तेलीबाग निवासी प्रीति ने यूपी शिक्षक पात्रता परीक्षा-2013 (यूपी-टीईटी) में भाग लेने के लिए आवेदन किया था। उनका रजिस्ट्रेशन नंबर 2900013745 है। प्रीति ने परीक्षा का प्रवेश-पत्र पाने के लिए बेसिक शिक्षा परिषद की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग-इन किया तो उन्हें आवेदन निरस्त होने की सूचना मिली। कारण जानने के लिए उन्होंने टीईटी-2013 की हेल्पलाइन सेवा पर संपर्क किया पर उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली।
प्रीति को बताया गया कि इस समस्या को लेकर प्रदेशभर से रोज 200 से ज्यादा कॉल आ रहे हैं। उनके पास इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। प्रीति की ही तरह राजधानी की सुषमा, अनुराग समेत दर्जनों आवेदक आवेदन निरस्त होने से परेशान हैं। 27 और 28 जून को आयोजित होने वाली इस परीक्षा के प्रवेश-पत्र अब तक उन्हें नहीं मिल पाए हैं।
अभ्यर्थियों की समस्याओं को दूर करने के लिए हेल्पलाइन सेवा की शुरुआत की गई है। यूपी परीक्षा नियामक प्राधिकरण इलाहाबाद से 0532-2466761 व 0532-2466769 पर संपर्क किया जा सकता है। वहीं, एसबीआई गवर्नमेंट बिजनेस शाखा में 9454713363, 8004923042 और 8004922875 पर सुबह 10:30 से शाम छह बजे तक संपर्क करने की सूचना जारी की गई। आवेदकों के अनुसार इन हेल्पलाइन नंबर पर फोन तक रिसीव करने वाला नहीं है।

News Source / Sabhaar :  अमर उजाला
*********************
Note -

Download UPTET 2013 Admit Card | UPTET 2013 Hall Tickets | UPTET 2013 Roll No 

 Visit Following Link  - http://upbasiceduboard.gov.in/helpline.htm

Try to do email also -


UPTET 2013 Exam Helpline / Contact Numbers / HELPLINE
Contact Department
Land Line Phone Number
Mobile Number
Email ID
U.P. PARIKSHA NIYAMAK PRADHIKARI, ALLAHABAD

0532-2466761, 0532-2466769
------
secretarypnp.up@gmail.com
siseup.alld@gmail.com
S.B.I Govt. Business Branch Lucknow
------
9454713363, 8004923042, 8004922875
(During 10.30 AM to 6 PM)
------

Sunday, June 16, 2013

विश्वविद्यालयों में भर्ती का होगा रास्ता साफ

विश्वविद्यालयों में भर्ती का होगा रास्ता साफ

6राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम में होगा संशोधन16यूजीसी विनियम को लागू करने के लिए अध्यादेश लाने की तैयारी1


राजीव दीक्षित1लखनऊ : राज्य विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्तियों का रास्ता जल्दी साफ होगा। शिक्षकों की रुकी हुईं प्रोन्नतियां भी हो सकेंगी। इन दिक्कतों को दूर करने के लिए राज्य सरकार उप्र राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन करने जा रही है। अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने की कवायद जारी है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों में शिक्षकों और अन्य अकादमिक स्टाफ की नियुक्ति के बारे में वर्ष 2010 में विनियम जारी किये थे। विनियम में विश्वविद्यालयों और उनसे संबद्ध कॉलेजों के शिक्षकों के चयन के लिए गठित की जाने वाली समितियों के स्वरूप में बदलाव किया गया है। 1 शिक्षकों के पदनाम भी बदले गए हैं। लेक्चरर को असिस्टेंट प्रोफेसर और रीडर को एसोसिएट प्रोफेसर का नया पदनाम दिया गया है। यह प्रावधान उप्र राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 से संचालित होते हैं। यूजीसी विनियम 2010 के इन प्रावधानों को अमल में लाने के लिए अधिनियम में संशोधन करना होगा। अधिनियम में संशोधन के लिए लंबे समय से जिद्दोजहद चल रही है लेकिन किसी न किसी वजह से यह हो नहीं पाया। विधानमंडल के बीते बजट सत्र में भी अधिनियम में संशोधन के लिए कवायद हुई थी लेकिन किन्हीं कारणों से यह प्रस्ताव कैबिनेट से मंजूर नहीं हो पाया था। अब अधिनियम में संशोधन कर इन प्रावधानों को अमल में लाने के लिए अब अध्यादेश लाने की तैयारी चल रही है। अध्यादेश के प्रारूप में यूजीसी की मंशा के अनुसार प्रवक्ता का पदनाम बदलकर असिस्टेंट प्रोफेसर और रीडर का एसोसिएट प्रोफेसर करने का प्रस्ताव है। शिक्षकों की नियुक्ति के लिए चयन समितियों के स्वरूप में भी बदलाव प्रस्तावित है। राज्य विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 30 प्रतिशत से ज्यादा सृजित पद खाली हैं। यूजीसी विनियम के प्रावधान न लागू होने की वजह से शिक्षकों के रिक्त पदों पर न तो नियुक्तियां हो पा रही थीं और न ही प्रोन्नतियां। इस गतिरोध को दूर करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने अध्यादेश का प्रारूप तैयार कर लिया है जिसे न्याय, वित्त और कार्मिक विभाग ने अनुमोदित भी कर दिया है। प्रारूप पर मुख्यमंत्री का अनुमोदन मिलने के बाद इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। 1आयुर्वेदिक व यूनानी कालेजों को संबद्धता दे सकेंगे विवि1अध्यादेश के प्रारूप में प्रावधान किया गया है कि राज्य विश्वविद्यालय अब अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले जिलों में आयुर्वेदिक और यूनानी कॉलेजों को संबद्धता दे सकेंगे। इसके लिए अधिनियम के संबंधित प्रावधान में संशोधन किया जाएगा। अभी प्रदेश में स्थापित होने वाले आयुर्वेदिक और यूनानी कॉलेजों को संबद्धता देने का अधिकार सिर्फ कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के पास है।1

Download CTET(Teacher Eligibility Test ) Preparation Guide / Material / Solved Papers

Download  CTET(Teacher Eligibility Test ) Preparation Guide / Material / Solved Papers
CTET 2011 Exam Papers - http://ctet.nic.in/ctetnovwebsite/pdf/Paper_1_E-H_jun_2011.pdf (Primary Class I to V )
CTET 2011 Exam Papers - http://ctet.nic.in/ctetnovwebsite/pdf/Paper_2_E-H_jun_2011.pdf  (Upper Primary Class VI to VIII )
CTET JUNE 2011 question paper
CTET January 2012 question paper

CTET MAY 2012 question paper

UPTET : Old Advt Vs New Advt of 72825 Teachers Post Recruitment Matter

UPTET : Old Advt Vs New Advt of 72825 Teachers Post Recruitment Matter

 

ये रहा सुप्रीम कोर्ट का आर्डर जिसके पैरा 8 में लिखा है कि भर्ती प्रक्रिया में आवेदन करने वाला भर्ती को chalange नहीं कर सकता है क्योकि जब उसने आवेदन किया था तब उसे भर्ती के सारे नियम मान्य थे जब उसे लगा की उसका सिलेक्शन नहीं हो रहा है तो उसने कोर्ट को chalange नहीं कर सकता | मैंने इस आर्डर की कॉपी तथा नैनीताल हाई कोर्ट उत्तराखंड के आर्डर की कॉपी जिसमे सुप्रीम कोर्ट के इस आर्डर का हवाला देते हुए ख़ारिज कर दिया गया है जो की मैंने हाई कोर्ट को तथा सी.बी.यादव को डाक से रजिस्ट्री कर दी है | अब इन याचिकाओ को ख़ारिज होने से हर्कौली भी नहीं रोक सकते |
http:// -JUDIS.NIC.IN/ SUPREME COURT OF INDIA Page 1 of 3
CASE NO.:
Appeal (civil) 1771 of 2008
PETITIONER:
Dhananjay Malik&Ors
RESPONDENT:
State of Uttaranchal&Ors
DATE OF JUDGMENT: 05/03/2008
BENCH:
H.K. SEMA&MARKANDEY KATJU
JUDGMENT:
J U D G M E N T
CIVIL APPEAL NO 1771 OF 2008
(Arising out of S.L.P.( c ) N0 1466 of 2006)
WITH
CIVIL APPEAL NO. 1772 OF 2008
(Arising out of S.L.P ( C ) No. 2743 of 2006
AND
CIVIL APPEAL NO. 1773 OF 2008
(Arising out of S.L.P ( C ) No.7989 of 2006)
H.K. SEMA,J
1. Leave granted.
2. These appeals are directed against the judgment
and order dated 16.12.2005 passed by the Division Bench of
the High Court of Uttaranchal at Nainital in Special Appeal
No.18 of 2004.
3. Special Leave Petition (Civil) Nos.1466 and 2743 of
2006 have been filed by the selected candidates. The High
Court by the impugned order set aside the entire selection and
appointments of Assistant Teachers (Physical Education) in
Garhwal Mandal. According to the High Court, the selection
and appointments were made in violation of the Rules. By an
interim order dated 27.1.2006 this Court stayed the operation
of the order of the High Court and, therefore, they are still
holding the posts, for which they have been selected.
4. An advertisement was issued on 24.6.2002 for
Garhwal Region for the selection and appointment of the
Physical Education Teachers (L.T.Grade). The requisite
qualification indicated in the advertisement is B.P.E. or
Graduate with Diploma in Physical Education. The
unsuccessful candidates in the interview challenged the
selected candidates on various grounds. One of the grounds
was that the advertisement and selection were not based in
accordance with the Rules called U.P. Subordinate
Educational (Trained Graduates Grade) Service Rules, 1983 (in
short the Rules). We will examine the Rules a little later. The
unsuccessful writ petitions were dismissed by the Single
Judge. On appeal by the unsuccessful candidates, the order
of the Single Judge was reversed and the appeals were
allowed. Hence, these appeals by special leave.
5. We have heard the parties.
6. Before we proceed further we may point out at this
stage that the writ petitions were rightly dismissed by the
Single Judge and the Division Bench of the High Court fell in
error in entertaining the appeals.
http:// -JUDIS.NIC.IN/ SUPREME COURT OF INDIA Page 2 of 3
7. It is not disputed that the writ petitionersresp -ondents
herein participated in the process of selection
knowing fully well that the educational qualification was
clearly indicated in the advertisement itself as B.P.E. or
graduate with diploma in physical education. Having
unsuccessfully participated in the process of selection without
any demur they are estopped from challenging the selection
criterion inter alia that the advertisement and selection with
regard to requisite educational qualifications were contrary to
the Rules.
8. In Madan Lal vs. State of J&K, (1995) 3 SCC
486, this Court pointed out that when the petitioners
appeared at the oral interview conducted by the Members
concerned of the Commission who interviewed the petitioners
as well as the contesting respondents concerned, the
petitioners took a chance to get themselves selected at the said
oral interview. Therefore, only because they did not find
themselves to have emerged successful as a result of their
combined performance both at written test and oral interview,
they have filed writ petitions. This Court further pointed out
that if a candidate takes a calculated chance and appears at
the interview, then, only because the result of the interview is
not palatable to him, he cannot turn round and subsequently
contend that the process of interview was unfair or the
Selection Committee was not properly constituted. In the
present case, as already pointed out, the writ petitionersresp -ondents
herein participated in the selection process
without any demur; they are estopped from complaining that
the selection process was not in accordance with the Rules. If
they think that the advertisement and selection process were
not in accordance with the Rules they could have challenged
the advertisement and selection process without participating
in the selection process. This has not been done.
9. In a recent judgment in the case of Marripati
Nagaraja vs. The Government of Andhra Pradesh, (2007)
11 SCR 506 at p.516 SCR this Court has succinctly held that
the appellants had appeared at the examination without any
demur. They did not question the validity of fixing the said
date before the appropriate authority. They are, therefore,
estopped and precluded from questioning the selection
process.
10. We are of the view that the Division Bench of the
High Court could have dismissed the appeal on this score
alone as has been done by the learned Single Judge.
11. The next question that arises for consideration is as
to whether the Government can, by way of administrative
instructions, fill up the gaps and supplement the rules and
issue instructions not inconsistent with the rules already
framed, if rules are silent on any particular point?
12. The 1983 Rules prescribe the requisite educational
qualifications for the post of Assistant Teacher-physica -l
education as under:-
"Graduation degree in Physical Education
or Diploma in the Physical Education
from any recognised Institution."
The aforesaid Rule has been clarified by the Government of
India, Ministry of Education, on 26.11.1965 to the effect that
B.P.E degree holders should be treated at par with those who
hold B.A./B.Sc., B.Com degree plus a diploma in physical
education and should not be required to possess an additional
B.A.,B.Sc/ -B.Com. degree for purposes of employment as
Directors of physical education or on other similar posts. The
aforesaid position has been further clarified by the
Government in paragraph 12 of its counter affidavit that
http:// -JUDIS.NIC.IN/ SUPREME COURT OF INDIA Page 3 of 3
qualification of B.P.E. includes the graduation as well as
diploma of physical education.
13. A Constitution Bench of this Court in the case of
Sant Ram Sharma vs. State of Rajasthan, AIR 1967 SC
1910, has pointed out at p.1914 SC that the Government
cannot amend or supersede statutory Rules by administrative
instructions, but if the rules are silent on any particular point
Government can fill up the gaps and supplement the rules and
issue instructions not inconsistent with the rules already
framed.
14. The aforesaid ruling has been reiterated in
paragraph 9 of the judgment by a three Judge Bench of this
Court in the case of Union of India vs. K.P. Joseph,
(1973) 1 SCC 194, as under:
"Generally speaking, an administrative Order
confers no justiciable right, but this rule, like
all other general rules, is subject to exceptions.
This Court has held in Sant Ram Sharma v.
State of Rajasthan and Another, AIR 1967
SC 1910, that although Government cannot
supersede statutory rules by administrative
instructions, yet, if the rules framed under
Article 309 of the Constitution are silent on
any particular point, the Government can fill
up gaps and supplement the rules and issue
instructions not inconsistent with the rules
already framed and these instructions will
govern the conditions of service."
15. For the reasons aforestated, Civil Appeals arising
out of Special Leave Petition (Civil) Nos. 1466 and 2743 of
2006 filed by the successful candidates are allowed. The
impugned judgment and order of the Division Bench of the
High Court is set aside. No costs.
CIVIL APPEAL ARISING OUT OF S.L.P ( C ) No.7989 of 2006
16. This appeal filed by the non-selected candidates is
dismissed.

 

टीईटी से मुक्ति को धरना देंगे शिक्षामित्र

SHIKSHA MITRA / UPTET / CTET TET : टीईटी से मुक्ति को धरना देंगे शिक्षामित्र
•18 जून को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन

बस्ती। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ ने शिक्षामित्रों की समस्याओं को लेकर आंदोलन का ऐलान किया है। 18 जून को जंतर मंतर पार्क दिल्ली में शिक्षामित्र धरना प्रदर्शन कर विरोध जताएंगे।
टीईटी से मुक्ति, मानदेय में वृद्धि और समायोजन सहायक अध्यापक के पद पर करने की मांग को लेकर शिक्षा मित्रों ने आंदोलन की राह पकड़ ली है। इसी कड़ी में वह 18 जून को दिल्ली के जंतर मंतर पार्क में प्रदेश भर के शिक्षामित्र अपनी मांगों के समर्थन में धरना पर बैठेंगे। संघ के जिलाध्यक्ष प्रवीन कुमार श्रीवास्तव ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारें शिक्षा मित्रों के साथ छलावा कर रही हैं। शिक्षामित्र अब और बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। केंद्र सरकार एक ओर कहती है कि राज्य सरकार जब चाहे शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित कर सकती है, वहीं राज्य सरकार टालमटोल का रवैया अपना रही है। हम अपने हक की लड़ाई में पीछे हटने वाले नहीं हैं। जिला महामंत्री मुक्तेश्वर यादव ने शिक्षामित्रों का आह्वान किया है कि वे अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए बड़ी संख्या में दिल्ली पहुंचें और धरना प्रदर्शन को सफल बनावें।