Recruitment in Government Aided College UP
कानपुर : संबद्ध प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए एक कालेज द्वारा प्रसारित विज्ञापन में अर्हता में टीईटी की अनिवार्यता और दूसरे विज्ञापन में टीईटी का जिक्र तक नहीं? आखिर सही अर्हता क्या है? जानकारी न होने पर भी नियुक्ति प्रक्रिया कैसे शुरू कर दी गई?
ये
कुछ महत्वपूर्ण सवाल हैं जिन्हें हरजेंदर नगर इंटर कालेज में शिक्षक पदों
पर नियुक्ति के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों ने प्रबंधतंत्र व शिक्षा
अधिकारियों के सामने उठाए थे परंतु उन्हें सही जवाब नहीं मिला। अब उच्च
न्यायालय ने इसका जवाब मांगा है तो हड़कंप है। हुआ यूं कि सफीपुर की
प्रतिमा द्विवेदी ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की जिसमें उन्होंने
एक समाचारपत्र में 9 जुलाई 2011 तथा दूसरे समाचारपत्र में 14 जुलाई 2013
को प्रकाशित विज्ञापनों का हवाला देकर कहा कि एक में टीईटी की अनिवार्यता
दी है और दूसरे में शासन के अधिनियम का जिक्र करते हुए जो अर्हता दी उसमें
टीईटी का जिक्र नहीं है।
न्यायालय
ने जिला विद्यालय निरीक्षक को जवाब लगाने का निर्देश दिया और कहा कि यदि
इस बीच नियुक्ति प्रक्रिया की जाती है तो वह याचिका के निर्णयाधीन रहेगी। विद्यालय
निरीक्षक कोमल यादव ने प्रबंधक को पत्र जारी करके इस बाबत स्पष्टीकरण
मांगा है। उन्होंने यह भी कहा है कि इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम में वर्णित
परिषद के विनियम एक अध्याय 2 के परिशिष्ट क में इंटरमीडिएट अनुभाग से
संलग्न प्राथमिक अध्यापकों की अर्हता केवल प्रशिक्षित स्नातक दी है। कालेज
प्रबंधन ने पिछली दस जून को साक्षात्कार लिया था
News Source / Sabhaar : Jagran (17 Jun 2013 07:28 PM (IST))
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