Saturday, November 8, 2014

शिक्षक भर्ती में 'दौड़' पर असमंजस


गोंडा :लखनऊ के कुलदीप की पत्‌नी भी 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा ले रहीं हैं। गुरुवार को काउंसिलिंग के लिए दंपती तड़के कार बुक कराकर बहराइच पहुंचे। वहां भीड़ देखकर मन में संशय के बादल उमड़ने घुमड़ने लगे। इसके बावजूद उन्होंने काउंसिलिंग कराई और फिर नौकरी पक्की करने के लिए बलरामपुर और गोंडा की 'दौड़' भी लगा डाली। तीनों जिलों में काउंसिलिंग में हिस्सा लिया।
जी हां, यह वाकया सिर्फ एक कुलदीप की पत्‌नी का नहीं, वरन हजारों अभ्यर्थियों का है। प्रदेश में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए काउंसिलिंग प्रक्रिया का तीसरा चरण चल रहा है। इस चरण में काउंसिलिंग में नई व्यवस्था लागू की गई है। अभ्यर्थी शैक्षिक प्रमाण पत्रों की छायाप्रति देकर ही काउंसिलिंग करा सकता है। यही व्यवस्था पूरी भर्ती प्रक्रिया के लिए मुश्किलों का सबब बन गई है। अभ्यर्थी कई जिलों में काउंसिलिंग करा रहा है। डॉयट पर भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
पहले जमा होते थे मूल अभिलेख
काउंसिलिंग प्रक्रिया के दूसरे चरण तक अभ्यर्थियों को शैक्षिक प्रमाणपत्रों की मूल प्रति संबंधित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में जमा करनी पड़ती थी। इससे अभ्यर्थी अपनी पसंद के जिले में काउंसिलिंग करा लेते थे। इससे एक ही जिले में सीट आरक्षित होती थी।

छायाप्रति से कई जिलों में जुगाड़

तीसरे चरण में अभ्यर्थी अभिलेखों की छायाप्रति देकर काउंसिलिंग में हिस्सा ले सकता है। इससे नौकरी पक्की करने के प्रयास में अभ्यर्थी आसपास के चार-चार जिलों में काउंसिलिंग करा रहे हैं। इस बाबत कोई स्पष्ट आदेश भी नहीं है।
लंबी खिंचेगी काउंसिलिंग प्रक्रिया
इस अव्यवस्था के परिणाम अभ्यर्थियों को ही भुगतने पड़ेंगे। इस समस्या का कोई हल न निकला तो इतना तो तय है कि काउंसिलिंग प्रक्रिया काफी लंबी खिंचेगी। दरअसल, इस व्यवस्था में अधिक मेरिट वालों का चयन कई जिलों में हो जाएगा, मगर अभ्यर्थी अपनी पसंद का एक ही जिला चुनेगा। ऐसे में अधिक मेरिट वाले अभ्यर्थी की सीट सभी चयनित जिलों में आरक्षित हो जाएगी।

सोशल मीडिया पर सवाल जवाब

प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती को लेकर सोशल मीडिया पर भी हलचल है। टीईटी मोर्चे से जुड़े पदाधिकारी यही सलाह दे रहे हैं कि अभ्यर्थी एक ही जिले में काउंसिलिंग कराए। दो जिलों में काउंसिलिंग कराने पर आवेदन निरस्त भी हो सकता है।

टैक्सियों की बल्ले-बल्ले

काउंसिलिंग कराने को लेकर टैक्सी संचालकों की भी बल्ले-बल्ले है। डॉयट के बाहर गोंडा, बलरामपुर और बहराइच जिलों में काउंसिलिंग के लिए डग्गामार तैयार रहते हैं। इसके एवज में एक अभ्यर्थी से चार सौ से पांच सौ रुपये तक वसूले जा रहे हैं।

हमारा काम काउंसिलिंग कराना

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य मनोहर लाल कहते हैं कि हम शासन के निर्देशों के अनुरूप ही काम कर रहे हैं। हमें छायाप्रति के जरिये काउंसिलिंग कराने के निर्देश मिले हैं, वही हम कर रहे हैं। अभ्यर्थी कहां-कहां काउंसिलिंग करा रहा है, इससे हमारा कोई वास्ता नहीं।

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