जासं, इलाहाबाद : परीक्षा देकर तो बहुतेरे फेल या पास होते हैं, लेकिन यहां तो बिना परीक्षा दिए ही हजारों युवा फेल हो गए हैं। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने टीजीटी-पीजीटी (स्नातक शिक्षक-प्रवक्ता) 2013 की परीक्षा कराने की तैयारी शुरू की तो तमाम प्रतिभागी शुरुआती दौड़ से ही बाहर हो गए हैं, क्योंकि उनके आवेदन पत्रों में अलग-अलग प्रकार की गड़बड़ियां मिली हैं।
आयोग ऐसे अभ्यर्थियों की सूची भी निकालने की तैयारी में है।
लंबे समय तक चले आंदोलनों के बाद एवं माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में सत्ता परिवर्तन होते ही शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बोर्ड पहले टीजीटी-पीजीटी 2013 की परीक्षा करा रहा है। जनवरी-फरवरी की तिथियों का भी एलान हो चुका है। इसके बाद जनपदवार पदों का सत्यापन हुआ और अब फार्म छंटाई का कार्य हुआ है। परीक्षा में शामिल होने के लिए टीजीटी के 6028 पदों के सापेक्ष पांच लाख पचहत्तर हजार एवं पीजीटी के करीब 1200 पदों के सापेक्ष तीन लाख 96 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। रिक्तियां निकालते समय आयोग ने परीक्षा 17 विषयों में कराने का एलान किया था, लेकिन बाद में यह 16 विषयों में कराए जाने का निर्णय हुआ।
बोर्ड के सूत्रों के अनुसार फार्मो की छंटाई में बड़ी संख्या में कमियां मिली हैं। केवल टीजीटी में ही लगभग साढ़े चार हजार ऐसे दावेदार हैं जिनके आवेदन पर फोटो नहीं लगी है या शुल्क नहीं जमा है या फिर उस पर हस्ताक्षर ही नहीं किए गए हैं।
ऐसे में फार्म छंटाई का कार्य कर रही एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट बोर्ड को दी है और यह तय है कि ऐसे अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे।
इस समय पीजीटी के फार्मो की छंटाई की प्रक्रिया चल रही है।
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