Monday, December 9, 2013

.. तो बरकरार रहेगी शिक्षकों की कमी



बीएड योग्यताधारियों के लिए समय सीमा न बढ़ने का मामला
 बी. सिंह
 इलाहाबाद। मानव संसाधन मंत्रालय ने राज्य सरकार के उस प्रस्ताव को वापस कर दिया है जिसके जरिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में बीएड योग्यताधारी अभ्यर्थियों को प्राथमिक स्कूलों में नियुक्ति की समय सीमा बढ़ाने को अनुरोध किया गया था।
उल्लेखनीय है कि मार्च 2014 में यह सुविधा समाप्त हो रही है। केंद्र सरकार के इस रवैए से साफ है कि आने वाले समय में प्राथमिक स्कूलों में बीएड योग्यताधारी अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने का अवसर नहीं मिलेगा।
10 सितंबर 2012 में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने प्राथमिक स्कूलों में बीएड योग्यताधारी अभ्यर्थियों की नियुक्ति करने को उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर मार्च 2014 तक के लिए समयसीमा निर्धारित की थी।
राज्य सरकार ने 72825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2011 में शुरू की लेकिन कोर्ट-कचहरी में यह मामला इतना उलझ गया कि समय सीमा खत्म होने वाली है।
समय सीमा बढ़ाने को लेकर राज्य सरकार ने दोबारा एक नया प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। केंद्र से लाल झंडी के बाद अब यह लगने लगा है कि 72825 शिक्षकों के पदों को बीएड योग्यताधारी अभ्यर्थियों द्वारा भर पाना कठिन होगा क्योंकि यह मामला एक बार पुन: सुप्रीम कोर्ट पहुंच रहा है। इस समय सूबे में लगभग 3.50 लाख शिक्षकों के पद प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में खाली हैं। राज्य में वर्तमान में इतनी बड़ी संख्या में बीटीसी प्रशिक्षित अध्यापक उपलब्ध नहीं हैं। ऐसी स्थिति में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की कमी बनी रहेगी।बीएड योग्यताधारियों के लिए समय सीमा न बढ़ने का मामला
 


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