•अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद।
प्रदेश में 72825 सहायक अध्यापकों के चयन और नियुक्ति के मामले में दाखिल विशेष अपील
पर बृहस्पतिवार को सुनवाई पूरी नहीं हो सकी है। शुक्रवार को भी इस पर बहस जारी रहेगी।
याचिका पर पहले दिन याचीगणों की ओर से पक्ष रखा गया। उनकी दलील पूरी हो गई है। अभी
प्रदेश सरकार का पक्ष सुना जाना बाकी है। कोर्ट ने एक अन्य पक्षकार कपिल देव यादव आदि
को याचिका में शामिल होकर अपना पक्ष रखने की अनुमति प्रदान कर दी है। शुक्रवार को उनकी
ओर से भी पक्ष रखा जाएगा। टीईटी उत्तीर्ण सैकड़ों अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर न्यायमूर्ति
अशोक भूषण और न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा की खंडपीठ सुनवाई कर रही है।
विशेष
अपील पर पक्ष रखते हुए अधिवक्ता शैलेंद्र, नवीन कुमार शर्मा और अभिषेक आदि ने दलील
दी कि सपा सरकार ने नवंबर 2011 के विज्ञापन को रद नहीं किया है। अगस्त 2012 में बेसिक
शिक्षा सेवा नियमावली 1981 में किए गए संशोधन के कारण उसे निष्प्रभावी मान लिया गया
है। जबकि संशोधन का प्रभाव भूतलक्षी नहीं हो सकता है। इसलिए 2011 को विज्ञापन अभी भी
प्रभावी है और उसी के मुताबिक टीईटी प्राप्तांक को आधार मानते हुए चयन किया जाए। अधिवक्ताओें
का यह भी कहना था कि नियमावली 1981 में प्रशिक्षु अध्यापकों का कोई कैडर नहीं है इसी
आधार पर एकल पीठ ने 2011 के विज्ञापन को गलत माना था, जबकि विज्ञापन के मुताबिक छह
माह का प्रशिक्षण देने के बाद नियुक्ति 1981 की नियमावली पर होगी। इसलिए चयन में नियमावली
प्रभावी नहीं होगी।
प्रदेश
सरकार का पक्ष रख रहे अपर महाधिवक्ता सीबी यादव का कहना था कि सरकार ने नियमावली में
संशोधन कर दिया है इसलिए अब 2011 का विज्ञापन निष्प्रभावी हो गया है। चयन का आधार शैक्षणिक
गुणांक को कर दिया गया है। सीबी यादव शुक्रवार को भी अपना पक्ष रखेंगे।
सहायक
अध्यापकों की भर्ती मामले पर सुनवाई जारी
शैक्षणिक
गुणांक को मेरिट बनाने की मांग करने वाले भी बने पक्षकार
See also: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml
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