लखनऊ (उप ब्यूरो)। इलाहाबाद
उच्च न्यायालय ने एक और मामले में जवाब न दाखिल करने पर सरकार पर हर्जाना
लगाया है। पिछले एक हफ्ते में यह चौथा अवसर है जबकि सरकार पर हर्जाना लगाया
गया। कोर्ट ने इसके लिए जिम्मेदार अफसरों को तलब भी किया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने दरोगा भर्ती को लेकर दाखिल अरविंद कुमार की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अधिकांश केसों में नोटिस जारी होने के बावजूद सरकार की ओर से जवाबी हलफनामे नहीं दाखिल किए जा रहे हैं जिससे मुकदमों का त्वरित निस्तारण नहीं हो पाया और लंबित मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। कोर्ट ने सरकार पर पांच हजार रुपये हर्जाना लगाते हुए प्रमुख सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक और पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष को 9 दिसंबर को तलब किया है। यह भी कहा है कि छह दिसंबर तक हर्जाना अदा कर हलफनामा दाखिल कर देने पर अधिकारियों को अदालत में हाजिर होने की जरूरत नहीं है।
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यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने दरोगा भर्ती को लेकर दाखिल अरविंद कुमार की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अधिकांश केसों में नोटिस जारी होने के बावजूद सरकार की ओर से जवाबी हलफनामे नहीं दाखिल किए जा रहे हैं जिससे मुकदमों का त्वरित निस्तारण नहीं हो पाया और लंबित मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। कोर्ट ने सरकार पर पांच हजार रुपये हर्जाना लगाते हुए प्रमुख सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक और पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष को 9 दिसंबर को तलब किया है। यह भी कहा है कि छह दिसंबर तक हर्जाना अदा कर हलफनामा दाखिल कर देने पर अधिकारियों को अदालत में हाजिर होने की जरूरत नहीं है।
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