Updated on: Thu, 07 Nov 2013
06:30 PM (IST)
मैनपुरी:
कड़ी सुरक्षा और
चाक चौबंद इंतजाम
के बावजूद बीएड
बेरोजगारों ने मुख्यमंत्री
के कार्यक्रम स्थल
की सुरक्षा में
सेंध लगा दी।
मीडिया गैलरी तक घुसे
इन बेरोजगार युवाओं
ने मुख्यमंत्री के
संबोधन के बीच
में पोस्टर लहराना
शुरू कर दिया।
साथ ही'मुख्यमंत्री
की राह में
खड़े हैं शिक्षक'और'नियुक्ति
दो और वोट
लो'के नारे
भी लगाए। बाद
में सपा मुखिया
के आश्वासन पर
बीएड बेरोजगार शांत
हुए।
गुरुवार
को क्रिश्चियन कॉलेज
मैदान प्रदेश के
मुख्यमंत्री, सपा प्रमुख
मुलायम सिंह यादव
समेत सत्ता के
तमाम मंत्री मौजूद
थे। सीएम का
भाषण चल ही
रहा था कि
अचानक मीडिया गैलरी
से पोस्टर लहराए
जाने लगे। अचानक
पोस्टर लहराते देख सुरक्षा
अधिकारियों में अफरा-तफरी मच
गई। वह प्रदर्शनकारियों
को रोकने के
लिए आगे बढ़े,
लेकिन भीड़ के
दबाव ने उनके
कदमों को थाम
लिया। इधर मंच
पर बैठे नेता
भी बार-बार
हाथ हिलाकर शांत
करने का इशारा
कर रहे थे,
लेकिन प्रदर्शनकारियों को
इससे कोई फर्क
नहीं पड़ा। सपा
महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल के
मंच से समझाने
के बाद भी
प्रदर्शकारी शांत नहीं
हुए। इसके बाद
जब मुलायम सिंह
ने बरोजगारों को
राहत का आश्वासन
दिया तब जाकर
प्रदर्शनकारी शांत हुए।
सभा के अंत
में बीएड बेरोजगारों
ने मुख्यमंत्री को
ज्ञापन सौंपने का भी
प्रयास किया लेकिन
सफल नहीं हो
सके।
बताते
चलें कि वर्ष
2011-12 में प्रदेश के प्राथमिक
विद्यालयों में सरकार
ने 72 हजार शिक्षकों
के रिक्त पदों
पर आवेदन मांगे
थे। लेकिन उन्हें
अभी तक नियुक्ति
नहीं दी गई।
प्रदर्शन करने वालों
में उत्तर प्रदेश
टीईटी संघर्ष मोर्चा
के जिलाध्यक्ष त्रिभुवन
मिश्रा, उपेंद्र यादव, विवेक
राठौर, सौरभ यादव,
जितेंद्र सिंह, अवनीश यादव,
सुरजीत सिंह, दीपेंद्र कुमार,
रवि चौहान, संजय
माथुर, मनीष कुमार,
भूपेंद्र कुमार, मनोज यादव,
अमित चौहान, दुष्यंत
यादव, मनोज शाक्य
आदि थे।
कार्यकत्रियों
की टूटी आशा
मैनपुरी:
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की
रैली में आंगनबाड़ी
व आशा कार्यकत्री
अपना मांगपत्र लेकर
पहुंची थी। हरी
साड़ी पहने इन
कार्यकत्रियों ने मुख्यमंत्री
को ज्ञापन देने
की कोशिश की,
लेकिन कामयाबी नहीं
मिली। कार्यकत्री रेशमा,
रजनी, मीना देवी
आदि ने बताया
कि उन्हें सरकार
द्वारा चलाई जा
रही सभी जनकल्याणकारी
योजनाओं में लगाया
जाता है। लेकिन
मानदेय के नाम
पर उन्हें इतना
पैसा नहीं मिलता
कि दो वक्त
की रोटी खा
सकें। रन्नो देवी,
रामवती बताती है कि
उन्हें तो ये
कहकर लाया गया
था कि मुख्यमंत्री
से मिलकर उनके
मानदेय की मांग
की जाएगी। लेकिन
यहां तो हम
मुख्यमंत्री के पास
तक पहुंच भी
नहीं सके।
See also: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml
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