इलाहाबाद
वरिष्ठ संवाददाता। बेसिक शिक्षा
परिषद के स्कूलों
में एक लाख
से अधिक शिक्षकों
की भर्ती पर
फैसला बुधवार को
होगा। प्राइमरी स्कूलों
में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की
नियुक्ति टीईटी मेरिट या
एकेडमिक रिकार्ड के आधार
पर किए जाने
को लेकर चल
रहे विवाद का
निपटारा हाईकोर्ट में हो
जाएगा। इस फैसले
पर साढ़े तीन
लाख से ज्यादा
आवेदकों की नजर
टिकी है।
8 नवंबर
को सुनवाई पूरी
होने के बाद
लगभग दो साल
तक कानूनी लड़ाई
का निपटारा बुधवार
को जस्टिस अशोक
भूषण और जस्टिस
विपिन सिन्हा की
कोर्ट में हो
जाएगा। इसी के
साथ उच्च प्राथमिक
स्कूलों में विज्ञान
और गणित विषय
के 29,334 सहायक अध्यापकों की
नियुक्ति का रास्ता
भी साफ हो
जाएगा। बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी
और बीएड डिग्री
धारियों की भर्ती
के लिए शुरू
हुई प्रक्रिया के
एक आवेदक एसके
पाठक ने टीईटी
के अंकों को
वेटेज दिए जाने
की मांग को
लेकर याचिका कर
दी थी। टीईटी
मेरिट और एकेडमिक
रिकार्ड पर 20 नवंबर को
प्रस्तावित डिविजन बेंच के
फैसले को देखते
हुए इस मामले
की सुनवाई 25 नवंबर
को रख दी
गई। इस प्रकार
बुधवार को आने
वाला फैसला 72,825 प्रशिक्षु
शिक्षकों के साथ
विज्ञान और गणित
विषय के 29,334 सहायक
अध्यापकों की भर्ती
के लिए आवेदन
करने वालों के
लिए अहम हो
गया है। 27 जुलाई
2011 को प्रदेश में निशुल्क
और अनिवार्य बाल
शिक्षा का अधिकार
कानून लागू होने
के बाद बसपा
सरकार में 72,825 शिक्षकों
की भर्ती शुरू
हुई। एनसीटीई की
गाइडलाइन के मुताबिक
13 नवंबर 2011 को पहली
बार टीईटी हुई
और फिर 30 नवंबर
2011 को भर्ती के लिए
विज्ञापन जारी हुआ।
इसी के बाद
टीईटी के रिजल्ट
पर सवाल उठने
लगे। इस बीच
विधानसभा चुनाव हुए और
सत्ता में आने
के बाद सपा
ने मुख्य सचिव
से टीईटी में
गड़बड़ी की जांच
करवाई। मुख्य सचिव की
रिपोर्ट के आधार
पर सरकार ने
टीईटी मेरिट की
बजाय एकेडमिक रिकार्ड
के आधार पर
72,825 शिक्षकों की भर्ती
के लिए दसिंबर
2012 में विज्ञापन जारी किया।
सरकार के निर्णय
के खिलाफ टीईटी
मेरिट के आधार
पर नियुक्ति की
मांग कर रहे
अभ्यर्थियों ने याचिका
कर दी। जिसका
निपटारा बुधवार को हो
जाएगा।
See also: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml
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