Monday, November 18, 2013

अब बाबू नहीं बनेंगे पेंशन की टेंशन : साफ्टवेयर से घर बैठे ही मिल जाएगी सारी जानकारी

  •  पेंशन निदेशालय एनआइसी (नेशनल इंफॉरमेशन सिस्टम) से यह साफ्टवेयर करवा रहा है तैयार
  • आइएएस अधिकारियों से लेकर लिपिकीय संवर्ग के लिए बनाए जा रहे इस साफ्टवेयर के दायरे में रखा गया है शिक्षकों को भी

    लखनऊ | पेंशनरों को राहत देने वाली खबर है। अब उन्हें पेंशन के लिए अधिकारियों व बाबुओं की सीट पर याचना नहीं करनी पड़ेगी। सारा काम घर बैठे ही हो जाएगा और पेंशन की राशि भी बैंक में पहुंच जाएगी। यानी पत्रवलियों पर लगने वाली तमाम तरह की बेवजह की अड़चनों से उन्हें परेशान नहीं होना होगा। इस सुविधा को देने के लिए एक ऐसा साफ्टवेयर तैयार कराया जा रहा है, जिससे पेंशनर्स को घर बैठे ही एक निश्चित अवधि में पेंशन पास और फिर खाते में आने की जानकारी मिल जाएगी। इतना ही नहीं सेवानिवृत्त कर्मी को यह भी पता चलता रहेगा कि उसकी पत्रवली का मूवमेंट क्या है। यह जानकारी भी उसे मोबाइल फोन पर एसएमएस पर समय-समय पर मिलती रहेगी। पेंशनरों के बढ़ते उत्पीड़न और उनके लंबित मामलों को त्वरित गति से निपटाने के लिए ही पेंशन निदेशालय एनआइसी (नेशनल इंफॉरमेशन सिस्टम) से यह साफ्टवेयर तैयार करवा रहा है। आइएएस अधिकारियों से लेकर लिपिकीय संवर्ग के लिए बनाए जा रहे इस साफ्टवेयर के दायरे में शिक्षकों को भी रखा गया है। अभी तक शिक्षकों का हिसाब शिक्षा विभाग ही करता था पर जुलाई 2012 के बाद से पेंशन निदेशालय भी सेवानिवृत्त शिक्षकों के मामले में निगरानी करता था।
  • ऐसे होगा पेंशन का निर्धारण
सेवानिवृत्त कर्मी की पत्रवली विभाग स्कैन कर ऑनलाइन सिस्टम से वेतन निर्धारण अधिकारी (डीडीओ) को भेजेगा। डीडीओ से पत्रवली की स्कैन कॉपी को पेंशन विभाग भेजा जाएगा, जहां पेंशन का निर्धारण करते हुए उसे कोषागार में भेज दिया जाएगा। इसके बाद कर्मचारी के खाते में पेंशन की रकम पहुंच जाएगी।
  • पायलट प्रोजेक्ट तैयार हो रहा
पेंशन निदेशक महेश अग्निहोत्री कहते हैं कि ऑनलाइन पेंशन के लिए पायलट प्रोजेक्ट तैयार हो रहा है। इसमें आइएएस और पीसीएस अधिकारियों को शामिल किया गया है। इसके बाद अन्य संवर्ग के कर्मचारियों को जोड़ा जाएगा। अग्निहोत्री का कहना है कि इस सेवा के शुरू होने से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगी। उनकी पेंशन का निर्धारण में भी कोई गड़बड़ी नहीं हो सकेगी।
  • अंगूठे का निशान होगा पहचान
हर वर्ष जीवित प्रमाण पत्र के लिए कोषागार दफ्तर के चक्कर भी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को नहीं काटना होगा। सेवानिवृत्त कर्मी का थम इंप्रेशन (अंगूठा निशान) पेंशन कागज जमा करते समय ले लिया जाएगा। इसके बाद पेंशनर को विभाग में जाकर थम इंप्रेशन से ही अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र देगा। अभी कर्मचारियों को कोषागार जाकर जीवित होने का प्रमाण देने में काफी वक्त लग जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। निदेशक पेंशन कहते हैं कि जीवित प्रणाम पत्र के लिए थम इंप्रेशन की सुविधा भी जल्द शुरू होगी।

       खबर साभार : दैनिक जागरण

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