अपने
आखिरी और 200वें टेस्ट मैच के बाद मैदान छोड़ते हुए सचिन तेंदुलकर की आंखें
नम हो गईं। प्राइज सेरेमनी में जब उन्हें माइक दिया गया तो नम आंखों और
भावुक आवाज से उन्होंने अपनी सफलता में शामिल हर शख्स का धन्यवाद किया।
सचिन ने माइक हाथ में लेते ही पहले तो खुद को बोलने में असहज पाया। फिर संभलते हुए बोले, 'मैं बहुत भावुक हूं पर खुद को मैनेज कर रहा हूं।' उन्होंने सबसे पहले अपने पिता को याद करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया।
तेंदुलकर ने कहा, 'मेरे पिता मेरे सबसे बड़े हीरो हैं जिन्हें में सबसे ज्यादा मिस करता हूं। उनकी वजह से ही मैं आज ये सब कर पाया। उन्होंने ही मुझे कभी हारना नहीं सिखाया। मैं जब भी मैदान में कुछ अच्छा करता हूं तो बल्ला उठाकर अपने पिता को धन्यवाद करता हूं।'
पढ़ें: भारत जीता, सचिन को देश-दुनिया का आखिरी सलाम
उन्होंने कहा कि दूसरी मेरी मां हैं जिनकी अच्छी देखभाल की वजह से मैं ये मुकाम हासिल कर पाया। उन्होंने न केवल मेरे लिए प्रार्थना की। मेरे लिए बहुत त्याग किया। उन्होंने कहा 'मैं अपने भाई नितिन और अजीत और उनके परिवार का भी शुक्रिया अदा करता हूं। बहन सविता जिसकी वजह से आज मैं यहां पहुंचा। मेरी बहन मेरे लिए आज भी उपवास रखती है।'
परिवार भी हुआ भावुक
सचिन के भाषण के दौरान उनकी बेटी और पत्नी की आंखें भी नम दिखाई दे रही थीं। सचिन ने कहा कि जब अंजलि से शादी हुई वो मेरे जीवन में सबसे खूबसूरत पल था। उन्होंने मेरे लिए बड़ा त्याग किया और सारी जिम्मेदारी लेकर मुझे केवल खेल पर ध्यान देने का मौका दिया। सचिन ने कहा वो मेरी लाइफ ईनिंग की बेस्ट पार्टनर हैं।
पढ़ें: सचिन को विदाई देने वानखेड़े क्यों नहीं पहुंचे कांबली?
सचिन ने कहा, 'मेरे बेटे और बेटी मेरे दो हीरे हैं। ये दोनों मेरे जीवन में बहुत अहम हैं। अब मैं इनके लिए ज्यादा वक्त दे सकूंगा जो अब तक नहीं दे सका।' उन्होंने अंजलि के परिवार वालों को भी शुक्रिया कहा।
सचिन ने अपने आंटी और अंकल का भी शुक्रिया किया। सचिन ने बताया कि उनका स्कूल दूर होने पर वह अपनी आंटी के घर रहते थे। जब वो प्रैक्टिस से आने के बाद सो जाते थे तो आंटी उन्हें आधी नींद में खाना खिलाती थीं ताकि वो अगले दिन फिर मैदान में पहुंच सकें।
दोस्तों, गुरू और अन्य खिलाड़ियों को भी शुक्रिया
मास्टर ब्लास्टर ने अपने सभी दोस्तों का भी शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा, 'मेरे करियर के दौरान मैंने कई दोस्त बनाए जिनका मेरा करियर को आगे बढ़ाने में अहम रोल रहा। मेरे बचपन के दोस्त समेत सभी दोस्त मेरी लाइफ में बहुत अहम हैं।'
सचिन तेंदुलकर ने अपने पहले गुरु अचरेकर सर का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने क्रिकेट का पहला सबक सिखाया। सचिन ने कहा, 'अचरेकर सर ने मेरे करियर में कभी नहीं कहा कि मैं अच्छा खेलने लगा हूं। उनका मानना था मैंने मेहनत करना छोड़ दिया है।'
उन्होंने चयनकर्ताओं, बीसीसीआई का भी धन्यवाद किया। 16 साल की उम्र में ही चयन करने जैसा बोल्ड डिसीजन लेने के लिए भी बीसीसीआई की तारीफ की। उन्होंने अपने सभी कप्तानों सीनियर प्लेयर्स का भी धन्यवाद किया।
'मिस करूंगा सचिन... सचिन...'
टीम इंडिया के वर्तमान खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि सभी लोग देश के लिए खेल रहे हैं। ये सौभाग्य है कि हमें देश के लिए खेलने का मौका मिला है।
उन्होंने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की तारीफ की और सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने डॉक्टर और फिजियो का भी धन्यवाद किया।
अंत में सचिन ने अपने फैंस का भी धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि लोगों ने उनके लिए व्रत किया। वो 'सचिन, सचिन' के शोर को मिस करेंगे। सचिन के इतना कहते ही हर ओर स्टेडियम में सचिन... सचिन... का शोर गूंजने लगा।
सचिन ने माइक हाथ में लेते ही पहले तो खुद को बोलने में असहज पाया। फिर संभलते हुए बोले, 'मैं बहुत भावुक हूं पर खुद को मैनेज कर रहा हूं।' उन्होंने सबसे पहले अपने पिता को याद करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया।
तेंदुलकर ने कहा, 'मेरे पिता मेरे सबसे बड़े हीरो हैं जिन्हें में सबसे ज्यादा मिस करता हूं। उनकी वजह से ही मैं आज ये सब कर पाया। उन्होंने ही मुझे कभी हारना नहीं सिखाया। मैं जब भी मैदान में कुछ अच्छा करता हूं तो बल्ला उठाकर अपने पिता को धन्यवाद करता हूं।'
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उन्होंने कहा कि दूसरी मेरी मां हैं जिनकी अच्छी देखभाल की वजह से मैं ये मुकाम हासिल कर पाया। उन्होंने न केवल मेरे लिए प्रार्थना की। मेरे लिए बहुत त्याग किया। उन्होंने कहा 'मैं अपने भाई नितिन और अजीत और उनके परिवार का भी शुक्रिया अदा करता हूं। बहन सविता जिसकी वजह से आज मैं यहां पहुंचा। मेरी बहन मेरे लिए आज भी उपवास रखती है।'
परिवार भी हुआ भावुक
सचिन के भाषण के दौरान उनकी बेटी और पत्नी की आंखें भी नम दिखाई दे रही थीं। सचिन ने कहा कि जब अंजलि से शादी हुई वो मेरे जीवन में सबसे खूबसूरत पल था। उन्होंने मेरे लिए बड़ा त्याग किया और सारी जिम्मेदारी लेकर मुझे केवल खेल पर ध्यान देने का मौका दिया। सचिन ने कहा वो मेरी लाइफ ईनिंग की बेस्ट पार्टनर हैं।
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सचिन ने कहा, 'मेरे बेटे और बेटी मेरे दो हीरे हैं। ये दोनों मेरे जीवन में बहुत अहम हैं। अब मैं इनके लिए ज्यादा वक्त दे सकूंगा जो अब तक नहीं दे सका।' उन्होंने अंजलि के परिवार वालों को भी शुक्रिया कहा।
सचिन ने अपने आंटी और अंकल का भी शुक्रिया किया। सचिन ने बताया कि उनका स्कूल दूर होने पर वह अपनी आंटी के घर रहते थे। जब वो प्रैक्टिस से आने के बाद सो जाते थे तो आंटी उन्हें आधी नींद में खाना खिलाती थीं ताकि वो अगले दिन फिर मैदान में पहुंच सकें।
दोस्तों, गुरू और अन्य खिलाड़ियों को भी शुक्रिया
मास्टर ब्लास्टर ने अपने सभी दोस्तों का भी शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा, 'मेरे करियर के दौरान मैंने कई दोस्त बनाए जिनका मेरा करियर को आगे बढ़ाने में अहम रोल रहा। मेरे बचपन के दोस्त समेत सभी दोस्त मेरी लाइफ में बहुत अहम हैं।'
सचिन तेंदुलकर ने अपने पहले गुरु अचरेकर सर का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने क्रिकेट का पहला सबक सिखाया। सचिन ने कहा, 'अचरेकर सर ने मेरे करियर में कभी नहीं कहा कि मैं अच्छा खेलने लगा हूं। उनका मानना था मैंने मेहनत करना छोड़ दिया है।'
उन्होंने चयनकर्ताओं, बीसीसीआई का भी धन्यवाद किया। 16 साल की उम्र में ही चयन करने जैसा बोल्ड डिसीजन लेने के लिए भी बीसीसीआई की तारीफ की। उन्होंने अपने सभी कप्तानों सीनियर प्लेयर्स का भी धन्यवाद किया।
'मिस करूंगा सचिन... सचिन...'
टीम इंडिया के वर्तमान खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि सभी लोग देश के लिए खेल रहे हैं। ये सौभाग्य है कि हमें देश के लिए खेलने का मौका मिला है।
उन्होंने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की तारीफ की और सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने डॉक्टर और फिजियो का भी धन्यवाद किया।
अंत में सचिन ने अपने फैंस का भी धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि लोगों ने उनके लिए व्रत किया। वो 'सचिन, सचिन' के शोर को मिस करेंगे। सचिन के इतना कहते ही हर ओर स्टेडियम में सचिन... सचिन... का शोर गूंजने लगा।
See also: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml
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