Thursday, November 7, 2013

प्रिंसिपल के आवेदनों में से 6093 खारिज




16 नवंबर तक आपत्तियां दाखिल करने का अंतिम मौका
अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य पद के लिए आए करीब 24 हजार आवेदनों में से 6093 निरस्त कर दिए गए हैं। वर्ष 2011 में 955 पदों के लिए ये आवेदन मांगे गए थे। अब इन पदों के लिए भर्ती की प्रक्रिया फिर से शुरू हुई है। आवेदन पत्रों की जांच के दौरान शैक्षिक अर्हता पूरी न करने के कारण ये आवेदन निरस्त किए गए हैं। माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड ने निर्देश दिए हैं कि निरस्त किए गए आवेदनों पर यदि किसी को आपत्ति है तो वे 16 नवंबर तक अपना प्रत्यावेदन दे सकते हैं।
वर्ष 2011 में 955 विद्यालयों में प्रधानाचार्य पद के लिए विज्ञापन निकाला गया था। उस समय चयन बोर्ड में सदस्यों की संख्या पूरी न होने और कई अन्य आपत्तियों के कारण कोर्ट ने ये नियुक्तियां रोक दी थीं। इस साल फिर कुछ आवेदक कोर्ट गए और फिर इन पदों को जल्द भरने के निर्देश दिए गए। अब चयन बोर्ड का कोरम भी पूरा हो गया है। उसके बाद अगस्त में फिर से प्रक्रिया शुरू हुई। इसके लिए 2011 में आए आवेदनों की जांच करवाई गई। जांच में 6093 आवेदन खारिज किए गए हैं। इनमें कुछ अधूरे हैं, कुछ में शैक्षिक योग्यता पूरी नहीं है तो कुछ का अनुभव पर्याप्त नहीं है।
इन 955 पदों के लिए साक्षात्कार 25 नवंबर से शुरू होने हैं। उससे पहले अभ्यर्थियों को एक मौका और दिया गया है। वे 16 नवंबर तक आपत्तियां दाखिल कर सकते हैं। बोर्ड ने निरस्त आवेदकों के नाम, पते की लिस्ट और खामियों का ब्योरा भी अपनी वेबसाइट पर डाल दिया है। संशोधन के बाद जो आवेदक रह जाएंगे, उनके साथ ही दो संबंधित विद्यालय के वरिष्ठतम अध्यापकों की लिस्ट भी मांगी गई है। हर पद के लिए आवेदकों में से मेरिट के आधार पर पांच और दो वरिष्ठतम अध्यापकों सहित सात को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा।
संस्था प्रमुखों के पदों को भरने का रास्ता साफ
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ठप पड़ी चयन प्रक्रिया शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है। कोर्ट की ओर से प्रधानाचार्यों- संस्था प्रमुखों के पदों के लिए साक्षात्कार पर लगी रोक हटने के बाद चयन बोर्ड अब साक्षात्कार की तिथि घोषित करने की तैयारी में जुट गया है। पदों के सत्यापन सहित कई अन्य आपत्तियों को लेकर चयन बोर्ड ने संस्था प्रमुखों के साक्षात्कार पर रोक लगा दी थी।

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. देवकी नंदन शर्मा ने बताया कि कोर्ट की रोक के कारण प्रधानाचार्य एवं प्रधानाध्यापकों के लगभग एक हजार पदों की चयन प्रक्रिया ठप पड़ी थी। उन्होंने बताया कि रोक हटने की जानकारी चयन बोर्ड की वेबसाइट पर डाल दी गई है। इसके बारे में प्रधानाचार्यों के पदों के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकते हैं। प्रधानाचार्यों के खाली पदों को भरने के साथ ही चयन बोर्ड शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को तेज करने में जुट जाएगा।
उन्होंने बताया कि 2011 की टीजीटी-पीजीटी परीक्षा पर लगी रोक के बारे में चयन बोर्ड ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर दिया है। इस मामले में भी कोर्ट की रोक हटते ही परीक्षा की तैयारी शुरू होगी। उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व में चयनित शिक्षकों के समायोजन के बारे में भी कानूनी सलाह ली जा रही है। प्रो. शर्मा ने बताया कि साक्षात्कार की नई तिथि की घोषणा अगले सप्ताह कर दी जाएगी।
(इलाहाबाद ब्यूरो)
 


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