Updated on: Sun, 06 Oct 2013 10:12
PM (IST)
लखनऊ (उप ब्यूरो)। उत्तर
प्रदेश लोक सेवा
आयोग की समीक्षा अधिकारी, सहायक
समीक्षा अधिकारी परीक्षा में शामिल परीक्षार्थियों
के लिए रविवार
को भूगोल के
सवाल पहाड़ बन गए।
सामान्य अध्ययन में लगभग
पचास
फीसदी सवाल भूगोल
से ही जुड़े
हुए थे। अभ्यर्थियों का
कहना था कि
सामान्य अध्ययन में सभी विषयों
से जुड़े प्रश्नों
को बराबरी से
शामिल किया जाना चाहिए
था। परीक्षा में
रविवार को 56 फीसद छात्र
ही शामिल हुए।
44 फीसद छात्र
गैरहाजिर रहे। समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी
परीक्षा के लिए
प्रदेश में 993 केंद्र बनाए
गए थे। दूरदराज
केंद्र बनाए जाने
से अभ्यर्थियों को काफी
देर तक भटकना
भी पड़ा। सामान्य अध्ययन
के प्रश्नपत्र पर
प्रतियोगी छात्रों ने विशेषज्ञता
का सवाल भी उठाया।
इसमें अस्सी फीसद
से अधिक सवाल सामान्य
ज्ञान से जुड़े
हुए थे जिनमें
निश्चित तथ्यों के आधार
ही जवाब देना
था। परीक्षार्थियों के
अनुसार अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के
सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्रों
से यह भिन्न
था। उनमें बोधगम्यता के
आधार पर भी
सवाल पूछे जाते
हैं। कुछ
सवालों को लेकर
परीक्षार्थी भ्रम में
भी पड़े। दूसरी पाली
में सामान्य हिंदी
की परीक्षा थी,
जिसको लेकर परीक्षार्थी
सहज थे। --------------- --------
'उग्रवादी'शब्द पर
जताई आपत्ति परीक्षार्थियों ने
सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्र
की डी सीरीज के 66वें
सवाल पर भी
आपत्ति जताई। उसमें पूछा गया
था कि इनमें'उग्रवादी'कौन थे। विकल्पों
में फिरोज शाह
मेहता, गोपाल कृष्ण गोखले,
विपिन चंद्र पाल
और उपरोक्त में
कोई नहीं बताया गया था।
छात्रों का कहना
था कि सवाल के
साथ उग्रवादी शब्द
नहीं जोड़ा जाना
चाहिए था। अंग्रेजी में'इक्स्ट्रीमिस्ट 'शब्द का
प्रयोग किया था। हिंदी
में अतिवादी लिखा
जाना चाहिए था।
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