Thursday, October 17, 2013

जॉब नहीं अब मांग रहे जान देने की इजाजत




नवभारतटाइम्स.कॉ | Oct 15, 2013, 07.47PM IST
प्रमुख संवाददाता
इलाहाबाद।। प्रदेश के लाखों टीईटी पास अभ्यर्थी नौकरी की लटकती आस को देखकर अब राष्ट्रपति को खत भेजकर जान देने की इजाजत मांग रहे हैं। एक-दो नहीं अब तक 21 टीईटी पास अभ्यर्थी अपनी इच्छा मृत्यु के लिए राष्ट्रपति को खत भेज चुके हैं। शिक्षा निदेशालय के सामने पिछले तीस दिन से धरना-प्रदर्शन के दौरान कई बार लाठी खा चुके टीईटी पास अभ्यर्थियों की आरोप है कि प्रदेश सरकार राजनीति के चक्कर में हाई कोर्ट से लगी रोक हटाने में प्रभावी पैरवी नहीं कर रही है।
आर्थिक मानसिक शोषण के कारण परेशान अंशुल मिश्रा ने सबसे पहले राष्ट्रपति को खत भेजकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी, उसके बाद कतार लग गई है। कृष्ण कुमार मिश्र, आशीष मिश्रा, अमित दुबे, पुनीत अवस्थी, राहुल प्रताप सिंह भदौरिया, मनीष शुक्ला, शशांक मिश्र, नवीन त्रिपाठी, निशांत दुबे, नुपूर दीक्षित, दिव्या दीक्षित, आसिफ अंसारी, विक्रांत पोरवाल, अमित गुप्ता, योगेश बब्बू, ज्योति पोरवाल, राघव शुक्ला गौरव मिश्रा भी राष्ट्रपति के पास इच्छा मृत्यु के लिए प्रार्थनापत्र भेज चुके हैं।
राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु मांग रहे अंशुल का कहना है यह सिर्फ हमारी नहीं बल्कि उन साठ लाख अभ्यर्थियों की पीड़ा है जो पिछले कई साल से ट्रेनी टीचर बनने के लिए आवेदन किए बैठे हैं। ट्रेनी टीचर बनने के लिए लंबे समय से कोर्ट-कचहरी का चक्कर काट रहे यह छात्र प्रदेश सरकार से गुहार लगाते-लगाते थक गए है। जॉब नहीं दे पा रही यूपी सरकार से हम लोगों निराश होकर राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु मांग रहे हैं। कोर्ट-कचहरी के चक्कर के साथ ट्रेनी टीचरों की भर्ती में पहले सरकार की तरफ देरी फिर हाईकोर्ट के स्टे के कारण पिछले एक साल से आर्थिक रूप से टूट चुके युवाओं की आखिरी उम्मीद राष्ट्रपति के चौखट पर टिकी है।
टीईटी पास अभ्यर्थी नौकरी की मांग करते-करते थक जाने के बाद जिस तरह परेशान होकर राष्ट्रपति के पास इच्छा मृत्यु की अनुमति देने की प्रार्थना कर रहे हैं, कमोबेश नौकरी मिलने के कारण ऐसी ही पीड़ा से लाखों लोग है। प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में ट्रेनी टीचर बनने के लिए टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट पास बीएड डिग्रीधारकों के 72 हजार 825 पद के लिए आवेदन किए हैं। ट्रेनी टीचर की सीधी भर्ती के लिए प्रदेश में करीब साठ लाख फॉर्म भरे गए हैं। ट्रेनी टीचरों की सीधी भर्ती के आवेदन के बाद काउंसिलिंग प्रक्रिया प्रारंभ होने के साथ हाई कोर्ट की ओर से इस पर रोक लग गई है।
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इन छात्रों का आरोप है कि प्रदेश सरकार की ढिलाई के कारण हाई कोर्ट से अभी तक रोक नहीं हट पाई है। प्रदेश सरकार लोकसभा चुनाव के मद्देनजर रोक को हटवाने को लेकर गंभीर नहीं है। शिक्षा निदेशालय पर आयोजित धरने में प्रमुख रूप से मनोज, दीपेंद्र बहादुर सिंह, राजदीप, सुनील मिश्र, भारत सिंह, अजयेंद्र रंजन सहित कई प्रमुख छात्र हिस्सा लिए।
 


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