इलाहाबाद
(ब्यूरो)। जनशक्ति
निर्धारण के नाम
पर प्रदेश सरकार
माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों
एवं कर्मचारियों की
छंटनी और नई
भर्ती दोनो प्रक्रिया
साथ-साथ कर
रही है। शिक्षक
एवं छात्रों के
अनुपात के अनुसार
विद्यालयों में अतिरिक्त
शिक्षकों को दूसरे
विद्यालयों में समायोजित
करने तैयारी के
बीच ही माध्यमिक
शिक्षा सेवा चयन
बोर्ड की ओर
से जून 2015 तक
खाली होने वाले
माध्यमिक शिक्षकों के पदों
को भरने की
तैयारी चल रही
है। चयन बोर्ड
ने इसके लिए
प्रदेश भर के
जिला विद्यालय निरीक्षकों
से पदों का
ब्यौरा मांगा गया है।
प्रदेश
सरकार की ओर
से इस समय
माध्यमिक विद्यालयों पर अंकुश
लगाने की तैयारी
के बीच छात्रों
के अनुपात केआधार
पर शिक्षकों एवं
कर्मचारियों की जनशक्ति
तय करने की
तैयारी चल रही
है। जिला विद्यालय
निरीक्षकों की ओर
से प्रबंधकों को
नोटिस भेजकर उनसे
जनशक्ति के अनुरूप
शिक्षकों को निर्धारण
करने को कहा
है। प्रबंधकों से
अतिरिक्त शिक्षकों वेतन रोकने
को भी कहा
गया है।
उत्तर
प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ
के वरिष्ठ जिला
उपाध्यक्ष डॉ. वातात्मज
मिश्र का कहना
है कि जब
जनशक्ति के नाम
पर शिक्षकों को
अतिरिक्त बताकर उनके समायोजन
की तैयारी हो
रही है तो
फिर शिक्षकों के
नए पद कहां
से आ गए।
उन्होंने माध्यमिक शिक्षा सेवा
चयन बोर्ड के
औचित्य को लेकर
ही प्रश्न उठाया
है। उन्होंने कहा
कि अभी चयन
बोर्ड की ओर
से 2011 में विज्ञापित
टीजीटी-पीजीटी के पदों
पर भर्ती के
लिए परीक्षा का
आयोजन कर रहा
है। नए चयन
के बाद आखिरकार
इन शिक्षकों को
कहां पदस्थापितकिया जाएगा।
•माध्यमिक
विद्यालयों में शिक्षकों
की अतिरिक्त बताकर
समायोजन और नई
भर्ती की प्रक्रिया
साथ-साथ
•माध्यमिक
शिक्षक संघ ने
कहा नए चयन
के लिए अधियाचन
जुटाने की प्रक्रिया
पर उठाया सवाल
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